नूंह: पुन्हाना उपमंडल के गांव गुलालता में पांच पानी के टैंक पर सात पंप ऑपरेटरों की नियुक्ति की गई है. इनमें से अधिकतर वाटर टैंक जर्जर अवस्था में हैं. इन वाटर टैंकों में सालों से पानी की सप्लाई नहीं हुई है. भ्रष्टाचार का यह मामला तब उजागर हुआ जब गांव के ही एक आरटीआई कार्यकर्ता ने इसकी सूचना के अधिकार के तहत जानकारी मांगी. कार्यकर्ता को बार-बार अपील करने के बाद इसकी जानकारी मिली.
नूंह में पंप ऑपरेटर की नियुक्ति पर आरटीआई कार्यकर्ता का आरोप है कि पंचायत विभाग व जनस्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने पंप ऑपरेटरों की नियुक्ति में करोड़ों रुपये का गबन किया है. आरटीआई कार्यकर्ता ने इसकी शिकायत सीएम विंडो में देकर निष्पक्ष जांच व कठोर कार्रवाई करने की मांग की है. आरटीआई कार्यकर्ता मुजीबुर्रहमान ने बताया कि गांव में पांच वाटर टैंक हैं, जिनमें से केवल दो ही टैंक चालू अवस्था में है.
बाकी तीन चैंबर करीब 6 साल से खंडर पड़े हुए हैं. देखरेख के अभाव में बंद पड़े हुए चैंबरो में ढक्कन नहीं होने से जंगली जानवर यहां गिरे चुके हैं. जिनके सड़ने से दुर्गंध आती है. इतना ही नहीं चैंबर इतने जर्जर हो चुके हैं कि वह कभी भी गिर सकते हैं. ग्रामीणों का आरोप है कि गांव के पूर्व सरपंच का भाई पूरनचंद चंद गांव के एक चैंबर पर पंप ऑपरेटर लगा हुआ है, जो कभी पंप पर ड्यूटी देने नहीं पहुंचा लेकिन मानदेय हर माह का मिलता है. .
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बताया यह भी जा रहा है कि पूरनचंद चंद पिछले काफी समय से अन्य जगह पर नौकरी करता है. इसी तरह अनीश अहमद व रहीश खान को भी गांव के दो चैंबरो पर पंप ऑपरेटर लगाया गया है. लेकिन उन्होंने भी करीब 6 साल से चैंबरो पर कार्य नहीं किया. शिकायतकर्ता ने बताया कि उनके गांव के अलावा अन्य गांव में भी इसी तरह जन स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के साथ मिलीभगत कर पंप ऑपरेटर सरकार के खजाने को लूटने का आरोप है.
ग्रामीणों ने मुख्यमंत्री को शिकायत भेजकर जन स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों से पंप ऑपरेटर के खिलाफ कार्रवाई की मांग करते हुए विभाग द्वारा जारी की गई राशि को रिकवरी करने की मांग की है. वहीं जब इस बारे में जनस्वास्थ्य विभाग के एसडीओ सुमित कुमार से बात की तो उन्होंने बताया कि पंप ऑपरेटरों को पंचायत विभाग की ओर से मानदेय दिया जाता है.