नूंह: पहलू खान की राजस्थान के अलवर में पीट-पीटकर हत्या करने के दो साल बाद इस घटना का वीडियो देखने का विचार उनके बेटे इरशाद को अंदर से झकझोर देता है. जब भी उनके पिता का वीडियो टीवी पर दिखाया जाता है तो उनका 28 वर्षीय पुत्र इरशाद पिता के लिए न्याय दिलाने का संकल्प महसूस करता है.
न्याय के लिए सुप्रीम कोर्ट जाने को तैयार
अदालत ने बुधवार को अपने निर्णय में पहलू खान हत्या मामले के छह बालिग आरोपियों को संदेह का लाभ देकर बरी कर दिया है. इरशाद ने कहा कि अदालत के सभी छह आरोपियों को बरी करने के फैसले से दिल टूट गया. मैं अपने पिता को न्याय दिलाने के लिए अपनी अंतिम सांस तक कोशिश करूंगा चाहे इसके लिए हमें अपना घर ही क्यों ना बेचना पड़े, लेकिन हम न्याय के लिए लड़ते रहेंगे. मैं इस लड़ाई को सुप्रीम कोर्ट तक लेकर जाऊंगा और मैं अपनी आखरी सांस तक लड़ने के लिए प्रतिबद्ध हूं.
'बद से बदतर हुए हालात'
उन्होंने कहा कि पिता के जाने के बाद घर के हालात बद से बदतर हो गए. उनके पास कोर्ट में केस लड़ने तक के लिए धन का अभाव आड़े आ रहा है. कामकाज सब छूट गया है. इसके अलावा पहलू खान के सबसे छोटे बेटे मुबारिक ने कहा कि पिता की मौत के बाद घर पूरी तरह बिखर गया. जब से उनके पिता की मौत हुई है और पिता के साथ घटना में चश्मदीद रहे इरशाद और आरिफ कोर्ट में केस की पैरवी कर रहे हैं, तब से उनके घर में आर्थिक तंगी सामने आ रही है.
अलवर कोर्ट के फैसले से खुश नहीं परिजन
उन्होंने कहा कि 9 महीने में जो कमाया उसे पिता को न्याय दिलाने के लिए तारीखों पर खर्च कर दिया, लेकिन ट्रक चलाते समय जैसे ही उन्हें पता चला कि उनके पिता के केस में सभी छह आरोपियों को अलवर कोर्ट ने बरी कर दिया है तो उनको बहुत बड़ा सदमा लगा. केस हारने की खबर जैसे ही परिजनों को लगी तो घर का चूल्हा नहीं जला. अभी तक भी परिवार सदमे में है और कोर्ट के फैसले से कहीं ना कहीं नाराज दिखाई पड़ रहा है.
न्याय के लिए कड़ा संघर्ष
वहीं इरशाद ने बताया कि प्रभावशाली अभियुक्तों के खिलाफ दो साल की कानूनी लड़ाई लड़ना परिवार के लिए आसान नहीं था. उनकी मां के बैंक अकाउंट नंबर को सोशल मीडिया पर डालने के बाद देश के हर कोने से उन्हें मदद मिली. उन्होंने बताया कि मदद के तौर पर मिले पैसों से उन्हें न्याय के लिए लड़ने में मदद मिली.
सरकार की तरफ से नहीं मिली मदद
पहलू खान की पत्नी जैबुना ने बताया कि कई समाजिक कार्यकर्त्ता, ग्रामीण, रिश्तेदार और यहां तक कि आम लोगों ने उनकी मदद की लेकिन सरकार की तरफ से आज तक उन्हें कोई मदद नहीं मिली. पहलू खान की माता अंगूरी दिन भर बेटे पहलू खान की याद में कुछ न कुछ कहती ही दिखाई व सुनाई पड़ती हैं. घर में उस समय गाय, भैंस, बकरी काफी संख्या में दिखाई पड़ती थी, लेकिन अब महज एक भैंस बची है तो गाय तंगी की वजह से बेच दी गई.
अप्रैल 2017 में हुई थी पहलू खान की हत्या
बता दें कि हरियाणा के नूंह जिले के रहने वाले पहलू खान अपने जीवन यापन के लिए डेयरी में आधा दर्जन मवेशियों को पालते थे. एक अप्रैल 2017 को पहलू खान जयपुर से दो गाय खरीद कर अपने घर ले जा रहे थे. शाम करीब सात बजे बहरोड़ पुलिया से आगे निकलने पर भीड़ ने पिकअप गाड़ी को रुकवा कर पहलू ख़ान और उनके बेटों के साथ मारपीट की थी.
इलाज के दौरान पहलू खान की अस्पताल में मौत हो गई थी. पहलू खान की हत्या के मामले में 8 आरोपी पकड़े गए था. जिनमें दो नाबालिग थे. अलवर कोर्ट में 6 बालिग आरोपियों पर फैसला सुनाते हुए उन्हें बरी कर दिया है. वहीं नाबालिग आरोपियों की सुनवाई जुवेनाइल कोर्ट में हो रही है. इस फैसले के बाद पहलू खान के परिवार वालों ने निराशा जताते हुए उम्मीद लगाई है कि एक दिन उन्हें न्याय जरूर मिलेगा चाहे इसके लिए उनका सब कुछ क्यों ना बिक जाए.