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पहलू खान के परिजन बोले, 'घर-जमीन भी बिक जाए, लेकिन न्याय लेकर रहेंगे'

साल 2017 में अलवर में हुए पहलू मॉब लिंचिंग मामले में राजस्थान की गहलोत सरकार ने जैसे ही केस की दोबारा जांच कराने की बात कही तो पीड़ित परिवार को उम्मीद की किरण नजर दिखाई देने लगी. परिवार वालों ने कहा कि घर, जमीन, जायदाद सब कुछ बिक जाए, लेकिन वो न्याय लेकर रहेंगे.

pehlu khan
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Published : Aug 17, 2019, 12:05 AM IST

Updated : Aug 18, 2019, 3:25 PM IST

नूंह: पहलू खान की राजस्थान के अलवर में पीट-पीटकर हत्या करने के दो साल बाद इस घटना का वीडियो देखने का विचार उनके बेटे इरशाद को अंदर से झकझोर देता है. जब भी उनके पिता का वीडियो टीवी पर दिखाया जाता है तो उनका 28 वर्षीय पुत्र इरशाद पिता के लिए न्याय दिलाने का संकल्प महसूस करता है.

पहलू खान मामले में कोर्ट के फैसले से नाखुश पहलू खान के परिजन.

न्याय के लिए सुप्रीम कोर्ट जाने को तैयार

अदालत ने बुधवार को अपने निर्णय में पहलू खान हत्या मामले के छह बालिग आरोपियों को संदेह का लाभ देकर बरी कर दिया है. इरशाद ने कहा कि अदालत के सभी छह आरोपियों को बरी करने के फैसले से दिल टूट गया. मैं अपने पिता को न्याय दिलाने के लिए अपनी अंतिम सांस तक कोशिश करूंगा चाहे इसके लिए हमें अपना घर ही क्यों ना बेचना पड़े, लेकिन हम न्याय के लिए लड़ते रहेंगे. मैं इस लड़ाई को सुप्रीम कोर्ट तक लेकर जाऊंगा और मैं अपनी आखरी सांस तक लड़ने के लिए प्रतिबद्ध हूं.

'बद से बदतर हुए हालात'

उन्होंने कहा कि पिता के जाने के बाद घर के हालात बद से बदतर हो गए. उनके पास कोर्ट में केस लड़ने तक के लिए धन का अभाव आड़े आ रहा है. कामकाज सब छूट गया है. इसके अलावा पहलू खान के सबसे छोटे बेटे मुबारिक ने कहा कि पिता की मौत के बाद घर पूरी तरह बिखर गया. जब से उनके पिता की मौत हुई है और पिता के साथ घटना में चश्मदीद रहे इरशाद और आरिफ कोर्ट में केस की पैरवी कर रहे हैं, तब से उनके घर में आर्थिक तंगी सामने आ रही है.

अलवर कोर्ट के फैसले से खुश नहीं परिजन

उन्होंने कहा कि 9 महीने में जो कमाया उसे पिता को न्याय दिलाने के लिए तारीखों पर खर्च कर दिया, लेकिन ट्रक चलाते समय जैसे ही उन्हें पता चला कि उनके पिता के केस में सभी छह आरोपियों को अलवर कोर्ट ने बरी कर दिया है तो उनको बहुत बड़ा सदमा लगा. केस हारने की खबर जैसे ही परिजनों को लगी तो घर का चूल्हा नहीं जला. अभी तक भी परिवार सदमे में है और कोर्ट के फैसले से कहीं ना कहीं नाराज दिखाई पड़ रहा है.

न्याय के लिए कड़ा संघर्ष

वहीं इरशाद ने बताया कि प्रभावशाली अभियुक्तों के खिलाफ दो साल की कानूनी लड़ाई लड़ना परिवार के लिए आसान नहीं था. उनकी मां के बैंक अकाउंट नंबर को सोशल मीडिया पर डालने के बाद देश के हर कोने से उन्हें मदद मिली. उन्होंने बताया कि मदद के तौर पर मिले पैसों से उन्हें न्याय के लिए लड़ने में मदद मिली.

सरकार की तरफ से नहीं मिली मदद

पहलू खान की पत्नी जैबुना ने बताया कि कई समाजिक कार्यकर्त्ता, ग्रामीण, रिश्तेदार और यहां तक कि आम लोगों ने उनकी मदद की लेकिन सरकार की तरफ से आज तक उन्हें कोई मदद नहीं मिली. पहलू खान की माता अंगूरी दिन भर बेटे पहलू खान की याद में कुछ न कुछ कहती ही दिखाई व सुनाई पड़ती हैं. घर में उस समय गाय, भैंस, बकरी काफी संख्या में दिखाई पड़ती थी, लेकिन अब महज एक भैंस बची है तो गाय तंगी की वजह से बेच दी गई.

अप्रैल 2017 में हुई थी पहलू खान की हत्या

बता दें कि हरियाणा के नूंह जिले के रहने वाले पहलू खान अपने जीवन यापन के लिए डेयरी में आधा दर्जन मवेशियों को पालते थे. एक अप्रैल 2017 को पहलू खान जयपुर से दो गाय खरीद कर अपने घर ले जा रहे थे. शाम करीब सात बजे बहरोड़ पुलिया से आगे निकलने पर भीड़ ने पिकअप गाड़ी को रुकवा कर पहलू ख़ान और उनके बेटों के साथ मारपीट की थी.

इलाज के दौरान पहलू खान की अस्पताल में मौत हो गई थी. पहलू खान की हत्या के मामले में 8 आरोपी पकड़े गए था. जिनमें दो नाबालिग थे. अलवर कोर्ट में 6 बालिग आरोपियों पर फैसला सुनाते हुए उन्हें बरी कर दिया है. वहीं नाबालिग आरोपियों की सुनवाई जुवेनाइल कोर्ट में हो रही है. इस फैसले के बाद पहलू खान के परिवार वालों ने निराशा जताते हुए उम्मीद लगाई है कि एक दिन उन्हें न्याय जरूर मिलेगा चाहे इसके लिए उनका सब कुछ क्यों ना बिक जाए.

नूंह: पहलू खान की राजस्थान के अलवर में पीट-पीटकर हत्या करने के दो साल बाद इस घटना का वीडियो देखने का विचार उनके बेटे इरशाद को अंदर से झकझोर देता है. जब भी उनके पिता का वीडियो टीवी पर दिखाया जाता है तो उनका 28 वर्षीय पुत्र इरशाद पिता के लिए न्याय दिलाने का संकल्प महसूस करता है.

पहलू खान मामले में कोर्ट के फैसले से नाखुश पहलू खान के परिजन.

न्याय के लिए सुप्रीम कोर्ट जाने को तैयार

अदालत ने बुधवार को अपने निर्णय में पहलू खान हत्या मामले के छह बालिग आरोपियों को संदेह का लाभ देकर बरी कर दिया है. इरशाद ने कहा कि अदालत के सभी छह आरोपियों को बरी करने के फैसले से दिल टूट गया. मैं अपने पिता को न्याय दिलाने के लिए अपनी अंतिम सांस तक कोशिश करूंगा चाहे इसके लिए हमें अपना घर ही क्यों ना बेचना पड़े, लेकिन हम न्याय के लिए लड़ते रहेंगे. मैं इस लड़ाई को सुप्रीम कोर्ट तक लेकर जाऊंगा और मैं अपनी आखरी सांस तक लड़ने के लिए प्रतिबद्ध हूं.

'बद से बदतर हुए हालात'

उन्होंने कहा कि पिता के जाने के बाद घर के हालात बद से बदतर हो गए. उनके पास कोर्ट में केस लड़ने तक के लिए धन का अभाव आड़े आ रहा है. कामकाज सब छूट गया है. इसके अलावा पहलू खान के सबसे छोटे बेटे मुबारिक ने कहा कि पिता की मौत के बाद घर पूरी तरह बिखर गया. जब से उनके पिता की मौत हुई है और पिता के साथ घटना में चश्मदीद रहे इरशाद और आरिफ कोर्ट में केस की पैरवी कर रहे हैं, तब से उनके घर में आर्थिक तंगी सामने आ रही है.

अलवर कोर्ट के फैसले से खुश नहीं परिजन

उन्होंने कहा कि 9 महीने में जो कमाया उसे पिता को न्याय दिलाने के लिए तारीखों पर खर्च कर दिया, लेकिन ट्रक चलाते समय जैसे ही उन्हें पता चला कि उनके पिता के केस में सभी छह आरोपियों को अलवर कोर्ट ने बरी कर दिया है तो उनको बहुत बड़ा सदमा लगा. केस हारने की खबर जैसे ही परिजनों को लगी तो घर का चूल्हा नहीं जला. अभी तक भी परिवार सदमे में है और कोर्ट के फैसले से कहीं ना कहीं नाराज दिखाई पड़ रहा है.

न्याय के लिए कड़ा संघर्ष

वहीं इरशाद ने बताया कि प्रभावशाली अभियुक्तों के खिलाफ दो साल की कानूनी लड़ाई लड़ना परिवार के लिए आसान नहीं था. उनकी मां के बैंक अकाउंट नंबर को सोशल मीडिया पर डालने के बाद देश के हर कोने से उन्हें मदद मिली. उन्होंने बताया कि मदद के तौर पर मिले पैसों से उन्हें न्याय के लिए लड़ने में मदद मिली.

सरकार की तरफ से नहीं मिली मदद

पहलू खान की पत्नी जैबुना ने बताया कि कई समाजिक कार्यकर्त्ता, ग्रामीण, रिश्तेदार और यहां तक कि आम लोगों ने उनकी मदद की लेकिन सरकार की तरफ से आज तक उन्हें कोई मदद नहीं मिली. पहलू खान की माता अंगूरी दिन भर बेटे पहलू खान की याद में कुछ न कुछ कहती ही दिखाई व सुनाई पड़ती हैं. घर में उस समय गाय, भैंस, बकरी काफी संख्या में दिखाई पड़ती थी, लेकिन अब महज एक भैंस बची है तो गाय तंगी की वजह से बेच दी गई.

अप्रैल 2017 में हुई थी पहलू खान की हत्या

बता दें कि हरियाणा के नूंह जिले के रहने वाले पहलू खान अपने जीवन यापन के लिए डेयरी में आधा दर्जन मवेशियों को पालते थे. एक अप्रैल 2017 को पहलू खान जयपुर से दो गाय खरीद कर अपने घर ले जा रहे थे. शाम करीब सात बजे बहरोड़ पुलिया से आगे निकलने पर भीड़ ने पिकअप गाड़ी को रुकवा कर पहलू ख़ान और उनके बेटों के साथ मारपीट की थी.

इलाज के दौरान पहलू खान की अस्पताल में मौत हो गई थी. पहलू खान की हत्या के मामले में 8 आरोपी पकड़े गए था. जिनमें दो नाबालिग थे. अलवर कोर्ट में 6 बालिग आरोपियों पर फैसला सुनाते हुए उन्हें बरी कर दिया है. वहीं नाबालिग आरोपियों की सुनवाई जुवेनाइल कोर्ट में हो रही है. इस फैसले के बाद पहलू खान के परिवार वालों ने निराशा जताते हुए उम्मीद लगाई है कि एक दिन उन्हें न्याय जरूर मिलेगा चाहे इसके लिए उनका सब कुछ क्यों ना बिक जाए.

Intro:संवाददाता नूंह मेवात

स्टोरी : घर -जमीन जायदाद सब बिक जाए,लेकिन न्याय लेकर रहेंगे - पीड़ित परिवार
अब होगा न्याय का नारा ही जगाता था उम्मीद, नारे पर खरा उतर रही गहलोत सरकार :- इरशाद

वर्ष 2017 में बहरोड़ अलवर में हुए पहलू मॉब लिंचिंग मामले में गहलोत सरकार ने जैसे ही केस की दोबारा जांच कराने की बात कही तो पीड़ित परिवार को उम्मीद की किरण नजर दिखाई देने लगी । परिवार के मुताबिक अब होगा न्याय का जो नारा चुनाव के समय दिया था और इसके अलावा मुलाकात के दौरान कांग्रेस के नेताओं ने इंसाफ का भरोसा दिलाया था ।उस पर कहीं ना कहीं गहलोत सरकार खरी उतरती दिख रही है । अब उन्हें भरोसा ही नहीं बल्कि पूरा यकीन है कि सरकार की दखल के बाद पुलिस की जांच सही दिशा में जाएगी और दोषियों को सजा जरूर मिलेगी । पहलू खान के बड़े बेटे एवं घटना के चश्मदीद इरशाद ने गहलोत सरकार के फैसले पर खुशी जाहिर करते हुए कहा कि जब वे अब होगा न्याय का नारा सुनते और देखते थे तो उसी समय लगता था कि अब उन्हें न्याय मिल जाएगा , लेकिन अलवर कोर्ट ने जो फैसला सुनाया उसने पीड़ित परिवार को हिला कर रख दिया । पहलू खान के बेटे इरशाद ने कहा कि भले ही राजस्थान सरकार मामले की दोबारा से जांच करा रही हो , लेकिन बावजूद इसके अपने वकीलों से कानूनी राय लेकर उनका परिवार राजस्थान हाईकोर्ट का दरवाजा जरूर खटखटाएगा । पीड़ित पत्नी बोली की जल्दी ही अगले दो-तीन दिनों में या कभी भी उनका परिवार वकीलों से राय लेकर राजस्थान हाईकोर्ट में जा सकता है । उन्होंने कहा कि पहलू परिवार का मुखिया था और उनके जाने के बाद घर के हालात बद से बदतर हो गए। उनके पास कोर्ट में केस लड़ने तक के लिए धन का अभाव आड़े आ रहा है । इरशाद ओर आरिफ को तो तारीखों पर जाने से ही समय नही मिलता। कामकाज सब छूट गया। इसके अलावा पहलू खान के सबसे छोटे बेटे मुबारिक ने कहा कि पिता की मौत के बाद घर पूरी तरह बिखर गया । जब से उनके पिता की मौत हुई है और पिता के साथ घटना में चश्मदीद रहे इरशाद और आरिफ कोर्ट में केस की पैरवी कर रहे हैं , तब से उनके घर में आर्थिक तंगी सामने आ रही है ।जिसकी वजह से वह 9 महीने बाद अपने घर बकरा ईद के त्यौहार पर लौटे हैं । उन्होंने कहा कि 9 महीने में जो कमाया उसे पिता को न्याय दिलाने के लिए तारीखों पर खर्च कर दिया , लेकिन ट्रक चलाते समय जैसे ही उन्हें पता चला कि उनके पिता के केस में सभी छह आरोपियों को अलवर कोर्ट ने बरी कर दिया है तो उनके हाथ-पैर फूल गए । मुबारिक ने गुरुग्राम जिले के अंतर्गत आने वाले बिलासपुर चौक पर अपने ट्रक को खड़ा किया और घर के लिए रवाना हो गए ।उसके द्वारा कमाए गए कुछ रुपयों से परिवार ने जैसे तैसे त्यौहार मना लिया , लेकिन केस हारने की खबर जैसे ही परिजनों को लगी तो घर का चूल्हा नहीं जला । अभी तक भी परिवार सदमे में है और कोर्ट के फैसले से कहीं ना कहीं नाराज दिखाई पड़ रहा है । परिवार राजस्थान पुलिस को पानी पी पीकर कोस रहा है। कोर्ट के फैसले को अभी महज 2 दिन हुए थे कि शुक्रवार को दोपहर बाद उस समय राहत की खबर आई जब राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने पहलू खान मामले की जांच दोबारा से करने के आदेश दे दिए । कई दिनों से चेहरे पर गुस्सा और मायूसी लिए परिवार के सदस्यों के चेहरे पर कुछ रौनक लौट आई । पहलू खान के बेटों ने कहा कि अगर पिता को न्याय दिलाने के लिए जमीन जायदाद घर सब बिक जाए तब भी वे हाईकोर्ट या सुप्रीम कोर्ट में जाना पड़ा तो न्याय लेकर ही रहेंगे । पहलू खान की माता अंगूरी बेटे के गम में अंधी - बहरी हो चली। हाथों में तस्बीह लिए। बस दिन भर बेटे पहलू खान की याद में कुछ न कुछ कहती ही दिखाई व सुनाई पड़ती है। घर मे उस समय गाय , भैंस , बकरी काफी संख्या में दिखाई पड़ती थी, लेकिन अब महज एक भैंस बची है तो गाय तंगी की वजह से बेच दी गई।

बाइट ;- मुबारिक पहलू का लड़का
बाइट ;- इरशाद खान पहलू का लड़का
बाइट ;- जैबुना पहलु की पत्नी।
संवाददाता कासिम खान नूंह मेवात। Body:संवाददाता नूंह मेवात

स्टोरी : घर -जमीन जायदाद सब बिक जाए,लेकिन न्याय लेकर रहेंगे - पीड़ित परिवार
अब होगा न्याय का नारा ही जगाता था उम्मीद, नारे पर खरा उतर रही गहलोत सरकार :- इरशाद

वर्ष 2017 में बहरोड़ अलवर में हुए पहलू मॉब लिंचिंग मामले में गहलोत सरकार ने जैसे ही केस की दोबारा जांच कराने की बात कही तो पीड़ित परिवार को उम्मीद की किरण नजर दिखाई देने लगी । परिवार के मुताबिक अब होगा न्याय का जो नारा चुनाव के समय दिया था और इसके अलावा मुलाकात के दौरान कांग्रेस के नेताओं ने इंसाफ का भरोसा दिलाया था ।उस पर कहीं ना कहीं गहलोत सरकार खरी उतरती दिख रही है । अब उन्हें भरोसा ही नहीं बल्कि पूरा यकीन है कि सरकार की दखल के बाद पुलिस की जांच सही दिशा में जाएगी और दोषियों को सजा जरूर मिलेगी । पहलू खान के बड़े बेटे एवं घटना के चश्मदीद इरशाद ने गहलोत सरकार के फैसले पर खुशी जाहिर करते हुए कहा कि जब वे अब होगा न्याय का नारा सुनते और देखते थे तो उसी समय लगता था कि अब उन्हें न्याय मिल जाएगा , लेकिन अलवर कोर्ट ने जो फैसला सुनाया उसने पीड़ित परिवार को हिला कर रख दिया । पहलू खान के बेटे इरशाद ने कहा कि भले ही राजस्थान सरकार मामले की दोबारा से जांच करा रही हो , लेकिन बावजूद इसके अपने वकीलों से कानूनी राय लेकर उनका परिवार राजस्थान हाईकोर्ट का दरवाजा जरूर खटखटाएगा । पीड़ित पत्नी बोली की जल्दी ही अगले दो-तीन दिनों में या कभी भी उनका परिवार वकीलों से राय लेकर राजस्थान हाईकोर्ट में जा सकता है । उन्होंने कहा कि पहलू परिवार का मुखिया था और उनके जाने के बाद घर के हालात बद से बदतर हो गए। उनके पास कोर्ट में केस लड़ने तक के लिए धन का अभाव आड़े आ रहा है । इरशाद ओर आरिफ को तो तारीखों पर जाने से ही समय नही मिलता। कामकाज सब छूट गया। इसके अलावा पहलू खान के सबसे छोटे बेटे मुबारिक ने कहा कि पिता की मौत के बाद घर पूरी तरह बिखर गया । जब से उनके पिता की मौत हुई है और पिता के साथ घटना में चश्मदीद रहे इरशाद और आरिफ कोर्ट में केस की पैरवी कर रहे हैं , तब से उनके घर में आर्थिक तंगी सामने आ रही है ।जिसकी वजह से वह 9 महीने बाद अपने घर बकरा ईद के त्यौहार पर लौटे हैं । उन्होंने कहा कि 9 महीने में जो कमाया उसे पिता को न्याय दिलाने के लिए तारीखों पर खर्च कर दिया , लेकिन ट्रक चलाते समय जैसे ही उन्हें पता चला कि उनके पिता के केस में सभी छह आरोपियों को अलवर कोर्ट ने बरी कर दिया है तो उनके हाथ-पैर फूल गए । मुबारिक ने गुरुग्राम जिले के अंतर्गत आने वाले बिलासपुर चौक पर अपने ट्रक को खड़ा किया और घर के लिए रवाना हो गए ।उसके द्वारा कमाए गए कुछ रुपयों से परिवार ने जैसे तैसे त्यौहार मना लिया , लेकिन केस हारने की खबर जैसे ही परिजनों को लगी तो घर का चूल्हा नहीं जला । अभी तक भी परिवार सदमे में है और कोर्ट के फैसले से कहीं ना कहीं नाराज दिखाई पड़ रहा है । परिवार राजस्थान पुलिस को पानी पी पीकर कोस रहा है। कोर्ट के फैसले को अभी महज 2 दिन हुए थे कि शुक्रवार को दोपहर बाद उस समय राहत की खबर आई जब राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने पहलू खान मामले की जांच दोबारा से करने के आदेश दे दिए । कई दिनों से चेहरे पर गुस्सा और मायूसी लिए परिवार के सदस्यों के चेहरे पर कुछ रौनक लौट आई । पहलू खान के बेटों ने कहा कि अगर पिता को न्याय दिलाने के लिए जमीन जायदाद घर सब बिक जाए तब भी वे हाईकोर्ट या सुप्रीम कोर्ट में जाना पड़ा तो न्याय लेकर ही रहेंगे । पहलू खान की माता अंगूरी बेटे के गम में अंधी - बहरी हो चली। हाथों में तस्बीह लिए। बस दिन भर बेटे पहलू खान की याद में कुछ न कुछ कहती ही दिखाई व सुनाई पड़ती है। घर मे उस समय गाय , भैंस , बकरी काफी संख्या में दिखाई पड़ती थी, लेकिन अब महज एक भैंस बची है तो गाय तंगी की वजह से बेच दी गई।

बाइट ;- मुबारिक पहलू का लड़का
बाइट ;- इरशाद खान पहलू का लड़का
बाइट ;- जैबुना पहलु की पत्नी।
संवाददाता कासिम खान नूंह मेवात। Conclusion:संवाददाता नूंह मेवात

स्टोरी : घर -जमीन जायदाद सब बिक जाए,लेकिन न्याय लेकर रहेंगे - पीड़ित परिवार
अब होगा न्याय का नारा ही जगाता था उम्मीद, नारे पर खरा उतर रही गहलोत सरकार :- इरशाद

वर्ष 2017 में बहरोड़ अलवर में हुए पहलू मॉब लिंचिंग मामले में गहलोत सरकार ने जैसे ही केस की दोबारा जांच कराने की बात कही तो पीड़ित परिवार को उम्मीद की किरण नजर दिखाई देने लगी । परिवार के मुताबिक अब होगा न्याय का जो नारा चुनाव के समय दिया था और इसके अलावा मुलाकात के दौरान कांग्रेस के नेताओं ने इंसाफ का भरोसा दिलाया था ।उस पर कहीं ना कहीं गहलोत सरकार खरी उतरती दिख रही है । अब उन्हें भरोसा ही नहीं बल्कि पूरा यकीन है कि सरकार की दखल के बाद पुलिस की जांच सही दिशा में जाएगी और दोषियों को सजा जरूर मिलेगी । पहलू खान के बड़े बेटे एवं घटना के चश्मदीद इरशाद ने गहलोत सरकार के फैसले पर खुशी जाहिर करते हुए कहा कि जब वे अब होगा न्याय का नारा सुनते और देखते थे तो उसी समय लगता था कि अब उन्हें न्याय मिल जाएगा , लेकिन अलवर कोर्ट ने जो फैसला सुनाया उसने पीड़ित परिवार को हिला कर रख दिया । पहलू खान के बेटे इरशाद ने कहा कि भले ही राजस्थान सरकार मामले की दोबारा से जांच करा रही हो , लेकिन बावजूद इसके अपने वकीलों से कानूनी राय लेकर उनका परिवार राजस्थान हाईकोर्ट का दरवाजा जरूर खटखटाएगा । पीड़ित पत्नी बोली की जल्दी ही अगले दो-तीन दिनों में या कभी भी उनका परिवार वकीलों से राय लेकर राजस्थान हाईकोर्ट में जा सकता है । उन्होंने कहा कि पहलू परिवार का मुखिया था और उनके जाने के बाद घर के हालात बद से बदतर हो गए। उनके पास कोर्ट में केस लड़ने तक के लिए धन का अभाव आड़े आ रहा है । इरशाद ओर आरिफ को तो तारीखों पर जाने से ही समय नही मिलता। कामकाज सब छूट गया। इसके अलावा पहलू खान के सबसे छोटे बेटे मुबारिक ने कहा कि पिता की मौत के बाद घर पूरी तरह बिखर गया । जब से उनके पिता की मौत हुई है और पिता के साथ घटना में चश्मदीद रहे इरशाद और आरिफ कोर्ट में केस की पैरवी कर रहे हैं , तब से उनके घर में आर्थिक तंगी सामने आ रही है ।जिसकी वजह से वह 9 महीने बाद अपने घर बकरा ईद के त्यौहार पर लौटे हैं । उन्होंने कहा कि 9 महीने में जो कमाया उसे पिता को न्याय दिलाने के लिए तारीखों पर खर्च कर दिया , लेकिन ट्रक चलाते समय जैसे ही उन्हें पता चला कि उनके पिता के केस में सभी छह आरोपियों को अलवर कोर्ट ने बरी कर दिया है तो उनके हाथ-पैर फूल गए । मुबारिक ने गुरुग्राम जिले के अंतर्गत आने वाले बिलासपुर चौक पर अपने ट्रक को खड़ा किया और घर के लिए रवाना हो गए ।उसके द्वारा कमाए गए कुछ रुपयों से परिवार ने जैसे तैसे त्यौहार मना लिया , लेकिन केस हारने की खबर जैसे ही परिजनों को लगी तो घर का चूल्हा नहीं जला । अभी तक भी परिवार सदमे में है और कोर्ट के फैसले से कहीं ना कहीं नाराज दिखाई पड़ रहा है । परिवार राजस्थान पुलिस को पानी पी पीकर कोस रहा है। कोर्ट के फैसले को अभी महज 2 दिन हुए थे कि शुक्रवार को दोपहर बाद उस समय राहत की खबर आई जब राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने पहलू खान मामले की जांच दोबारा से करने के आदेश दे दिए । कई दिनों से चेहरे पर गुस्सा और मायूसी लिए परिवार के सदस्यों के चेहरे पर कुछ रौनक लौट आई । पहलू खान के बेटों ने कहा कि अगर पिता को न्याय दिलाने के लिए जमीन जायदाद घर सब बिक जाए तब भी वे हाईकोर्ट या सुप्रीम कोर्ट में जाना पड़ा तो न्याय लेकर ही रहेंगे । पहलू खान की माता अंगूरी बेटे के गम में अंधी - बहरी हो चली। हाथों में तस्बीह लिए। बस दिन भर बेटे पहलू खान की याद में कुछ न कुछ कहती ही दिखाई व सुनाई पड़ती है। घर मे उस समय गाय , भैंस , बकरी काफी संख्या में दिखाई पड़ती थी, लेकिन अब महज एक भैंस बची है तो गाय तंगी की वजह से बेच दी गई।

बाइट ;- मुबारिक पहलू का लड़का
बाइट ;- इरशाद खान पहलू का लड़का
बाइट ;- जैबुना पहलु की पत्नी।
संवाददाता कासिम खान नूंह मेवात।
Last Updated : Aug 18, 2019, 3:25 PM IST
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