ETV Bharat / state

प्रणब दा ने बदल दी नूंह जिले के इस गांव की तस्वीर, लोगों को हमेशा रहेंगे याद - पूर्व महामहीम निधन नूंह गांव

पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी के रोजका मेव गांव गोद लेने से पहले विकास के एतबार से काफी पिछड़ा हुआ था. बिजली-पानी जैसी बुनियादी सुविधाओं से लोग जूझ रहे थे. आज गांव में पंचायत घर हो, बारात घर हो, स्कूल हो, अस्पताल हो, पीने का पानी हो या फिर 24 घंटे बिजली की बात हो, सभी सुविधाएं गांव के लोगों को मिली हैं.

nuh rojka mev villagers are saddened by former president mukherjee death
देश के सबसे पिछड़े जिले में प्रणब दा ने गोद लिया था गांव
author img

By

Published : Sep 1, 2020, 4:49 PM IST

Updated : Sep 1, 2020, 5:04 PM IST

नूंह: 'भारत रत्न' पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी पिछले कई दिनों से बीमार थे. वो दिल्ली के आर्मी अस्पताल में भर्ती थे. उन्होंने सोमवार शाम को 84 साल की उम्र में अंतिम सांस ली. आज प्रणव दा हमारे बीच नहीं हैं, लेकिन नूंह जिले के रोजका मेव गांव के लोगों को भरोसा नहीं हो रहा है. इस गांव के लोग पूर्व राष्ट्रपति स्व. प्रणव मुखर्जी के निधन से बेहद दुखी हैं.

nuh rojka mev villagers are saddened by former president mukherjee death
रोजका मेव गांव का डिजिटल सेवा केंद्र.

गोद लेने के बाद बदली तस्वीर

पूर्व राष्ट्रपति ने अरावली पर्वत की तलहटी में बसे रोजका मेव गांव को जब गोद लिया था. तो उस वक्त इस गांव दशा दयनीय थी. गांव में औद्योगिक क्षेत्र होने के बावजूद भी इस गांव के लोग बिजली-पानी जैसी बुनियादी सुविधाओं के लिए तरस रहे थे. राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने गांव को गोद लिया तो उनके कार्यालय में कार्यरत अधिकारी अमिता पाल ने गांव का एक बार नहीं बल्कि बार-बार दौरा किया. गांव के लोगों से राय मशवरा के बाद गांव में शिक्षा, स्वास्थ्य, पार्क, बिजली, पानी, रोजगार, महिलाओं की दशा सुधारने सहित कई अहम कार्य किए गए.

पूर्व राष्ट्रपति के गोद लिए गांव के लोगों ने कुछ ऐसे किया याद, देखिए वीडियो

ग्रामणों ने की थी पूर्व महामहीम से मुलाकात

आज रोजका मेव गांव को स्मार्ट ग्राम पंचायत के नाम से जाना जाता है. गांव की सरपंच खातून एवं उनके भाई दीन मोहमद ने राष्ट्रपति भवन दिल्ली में जाकर प्रणव दा से मुलाकात की थी. दीन मोहम्मद का कहना है कि कभी सोचा भी नहीं था कि वह महामहिम राष्ट्रपति से मिल पाएंगे, लेकिन जब मुलाकात हुई तो इतने बड़े पद पर होने के बावजूद भी प्रणब दा सहज और सरल इंसान थे.

nuh rojka mev villagers are saddened by former president mukherjee death
रोजका मेव के पंचायत घर में बैठे ग्रामीण.

आज हर सुविधा से परिपूर्ण है रोजका मेव

प्रणब मुखर्जी फाउंडेशन ने गांव के तकरीबन 50 से अधिक युवाओं को स्किल डवलपमेंट के क्षेत्र में निपुण बनाने के लिए प्रशिक्षण दिया. जिनमें से आज भी दर्जनों युवाओं को रोजगार मिला हुआ है. ग्रामीणों के मुताबिक रोजका मेव गांव गोद लेने से पहले विकास के एतबार से काफी पिछड़ा हुआ था. बिजली-पानी जैसी बुनियादी सुविधाओं से लोग जूझ रहे थे. आज गांव में पंचायत घर हो, बारात घर हो, स्कूल हो, अस्पताल हो, पीने का पानी हो या फिर 24 घंटे बिजली की बात हो, सभी सुविधाएं गांव के लोगों को मिली हैं.

nuh rojka mev villagers are saddened by former president mukherjee death
रोजका मेव गांव का पंचायत घर

हमेशा ग्रामीणों के दिलों में रहेंगे प्रणब दा...

रोजका मेव गांव के सरपंच और अन्य ग्रामीणों से जब बात की गई तो उन्होंने कहा कि प्रणब मुखर्जी के जाने का उन्हें बेहद अफसोस है. वह उन्हें कभी नहीं भुला पाएंगे, क्योंकि गांव की तकदीर व तस्वीर बदलने में प्रणब मुखर्जी की अहम भूमिका रही. आज भले ही प्रणव दा दुनिया को हमेशा के लिए अलविदा कह गए हों, लेकिन उन्होंने जो काम किए हैं, उन्हें जीवनभर रोजका मेव के लोग नहीं भूला पाएंगे.

nuh rojka mev villagers are saddened by former president mukherjee death
पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी के गांव गोद लेने के बाद लगाया गया पत्थर.

ये भी पढ़ें- हरियाणा में प्लास्टिक वेस्ट से 83 सड़कों को अपग्रेड करेगी सरकार

नूंह: 'भारत रत्न' पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी पिछले कई दिनों से बीमार थे. वो दिल्ली के आर्मी अस्पताल में भर्ती थे. उन्होंने सोमवार शाम को 84 साल की उम्र में अंतिम सांस ली. आज प्रणव दा हमारे बीच नहीं हैं, लेकिन नूंह जिले के रोजका मेव गांव के लोगों को भरोसा नहीं हो रहा है. इस गांव के लोग पूर्व राष्ट्रपति स्व. प्रणव मुखर्जी के निधन से बेहद दुखी हैं.

nuh rojka mev villagers are saddened by former president mukherjee death
रोजका मेव गांव का डिजिटल सेवा केंद्र.

गोद लेने के बाद बदली तस्वीर

पूर्व राष्ट्रपति ने अरावली पर्वत की तलहटी में बसे रोजका मेव गांव को जब गोद लिया था. तो उस वक्त इस गांव दशा दयनीय थी. गांव में औद्योगिक क्षेत्र होने के बावजूद भी इस गांव के लोग बिजली-पानी जैसी बुनियादी सुविधाओं के लिए तरस रहे थे. राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने गांव को गोद लिया तो उनके कार्यालय में कार्यरत अधिकारी अमिता पाल ने गांव का एक बार नहीं बल्कि बार-बार दौरा किया. गांव के लोगों से राय मशवरा के बाद गांव में शिक्षा, स्वास्थ्य, पार्क, बिजली, पानी, रोजगार, महिलाओं की दशा सुधारने सहित कई अहम कार्य किए गए.

पूर्व राष्ट्रपति के गोद लिए गांव के लोगों ने कुछ ऐसे किया याद, देखिए वीडियो

ग्रामणों ने की थी पूर्व महामहीम से मुलाकात

आज रोजका मेव गांव को स्मार्ट ग्राम पंचायत के नाम से जाना जाता है. गांव की सरपंच खातून एवं उनके भाई दीन मोहमद ने राष्ट्रपति भवन दिल्ली में जाकर प्रणव दा से मुलाकात की थी. दीन मोहम्मद का कहना है कि कभी सोचा भी नहीं था कि वह महामहिम राष्ट्रपति से मिल पाएंगे, लेकिन जब मुलाकात हुई तो इतने बड़े पद पर होने के बावजूद भी प्रणब दा सहज और सरल इंसान थे.

nuh rojka mev villagers are saddened by former president mukherjee death
रोजका मेव के पंचायत घर में बैठे ग्रामीण.

आज हर सुविधा से परिपूर्ण है रोजका मेव

प्रणब मुखर्जी फाउंडेशन ने गांव के तकरीबन 50 से अधिक युवाओं को स्किल डवलपमेंट के क्षेत्र में निपुण बनाने के लिए प्रशिक्षण दिया. जिनमें से आज भी दर्जनों युवाओं को रोजगार मिला हुआ है. ग्रामीणों के मुताबिक रोजका मेव गांव गोद लेने से पहले विकास के एतबार से काफी पिछड़ा हुआ था. बिजली-पानी जैसी बुनियादी सुविधाओं से लोग जूझ रहे थे. आज गांव में पंचायत घर हो, बारात घर हो, स्कूल हो, अस्पताल हो, पीने का पानी हो या फिर 24 घंटे बिजली की बात हो, सभी सुविधाएं गांव के लोगों को मिली हैं.

nuh rojka mev villagers are saddened by former president mukherjee death
रोजका मेव गांव का पंचायत घर

हमेशा ग्रामीणों के दिलों में रहेंगे प्रणब दा...

रोजका मेव गांव के सरपंच और अन्य ग्रामीणों से जब बात की गई तो उन्होंने कहा कि प्रणब मुखर्जी के जाने का उन्हें बेहद अफसोस है. वह उन्हें कभी नहीं भुला पाएंगे, क्योंकि गांव की तकदीर व तस्वीर बदलने में प्रणब मुखर्जी की अहम भूमिका रही. आज भले ही प्रणव दा दुनिया को हमेशा के लिए अलविदा कह गए हों, लेकिन उन्होंने जो काम किए हैं, उन्हें जीवनभर रोजका मेव के लोग नहीं भूला पाएंगे.

nuh rojka mev villagers are saddened by former president mukherjee death
पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी के गांव गोद लेने के बाद लगाया गया पत्थर.

ये भी पढ़ें- हरियाणा में प्लास्टिक वेस्ट से 83 सड़कों को अपग्रेड करेगी सरकार

Last Updated : Sep 1, 2020, 5:04 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.