नूंह: हरियाणा के नूंह में इन दिनों हिंदू मुस्लिम एक साथ मिलकर हिंसा से उभरने का प्रयास कर रहे हैं. नवरात्रि के इन दिनों में हिंदू-मुस्लिम एकता देखने को मिल रही है. इन दिनों देशभर में रामलीलाओं का मंचन किया जा रहा है. इस इलाके की सबसे बड़ी पहचान ये है कि यहां हिंदू- मुस्लिम कलाकार मिलकर रामलीला का मंचन करते हैं. मुस्लिम समाज के लोग दर्शक से लेकर वालंटियर एवं वाद्य यंत्रों को बजाने का काम कर रहे हैं.
नूंह जिले के पिनगवां कस्बे में सदियों से हिंदू-मुस्लिम एकता देखने को मिलती है. खासकर रामलीलाओं में इसका अलग ही अंदाज देखने को मिलता है. रामलीला में अलग-अलग किरदार निभाने वाले कलाकार मानते हैं कि नूंह हिंसा का रामलीलाओं के मंचन में कोई असर देखने को नहीं मिल रहा है. नूंह शहर में गत 31 जुलाई को शोभायात्रा के दौरान जो हिंसा हुई थी. उससे आपसी भाईचारे को ठेस पहुंची थी. लेकिन जल्दी इस इलाके के लोगों ने एक बार फिर से उसी भाईचारे को प्रगाढ़ करने का काम किया है.
इन दिनों पिनगवां कस्बे के अलावा जिले के नगीना, फिरोजपुर झिरका, उजीना, तावडू, पुनहाना इत्यादि इलाकों में रामलीला का मंचन चल रहा है. सभी जगह हिंदू-मुस्लिम एकता देखने को मिल रही है. कुछ साल पहले तो इसी रामलीला में दर्शकों के मनोरंजन के लिए डांस का आयोजन भी पात्रों के बीच-बीच में होता था. आज भी रामलीला मंचन के दौरान टेंट मुस्लिम समाज के लोग लगाते हैं. तो आसपास के गावों से बच्चे, महिला, युवा सभी रामलीला देखने के लिए आते हैं. रामलीला में अच्छी खासी भीड़ जुटती है. स्थानीय कलाकारों के अलावा बृज की भूमि मथुरा आदि से भी कलाकार यहां पहुंचते हैं और अपने शानदार अभिनय से लोगों को इंटरटेनमेंट करते हैं.
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