नूंह: केंद्र सरकार प्रवासी मजदूरों की परेशानी को दूर करने के लिए लगातार प्रयास कर रही है. बता दें कि प्रवासी मजदूरों के लिए स्पेशल बस सेवा, श्रमिक ट्रेन चलाई गई हैं. ताकि प्रवासी मजदूरों को पैदल ना चलना पड़े. इसके बावजूद भी प्रदेशभर में प्रवासी मजदूरों पैदल चलने को मजदूर हैं. ऐसा ही नजारा कुंडली-मानेसर पलवल एक्सप्रेस वे पर देखने को मिल रहा है.
बता दें कि कुंडली- मानेसर पलवल एक्सप्रेस वे पर रोजाना हजारों की संख्या में प्रवासी मजदूर यूपी और दूसरे राज्यों के लिए पैदल ही पलायन करने को मजबूर हैं. मजदूर अपने बीवी, बच्चों और सामान के साथ पैदल ही अपने गृह राज्य के लिए निकल पड़े हैं. मजदूरों के पांव में छाले, पेट भूख से विचलित और चेहरे पर चिंता की लकीरें साफ देखी जा रहीं हैं.
डीएसपी अनिल कुमार ने बताया कि केएमपी के अलावा गुरुग्राम-अलवर राष्ट्रीय राजमार्ग से जो भी प्रवासी मजदूर पैदल अपने गृह राज्य की ओर जा रहे हैं. उन्हें नूंह पुलिस द्वारा रोका जा रहा है. जिन्हें तावडू में बनाए गए शेल्टर होम में भेजा जा रहा है.
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उन्होंने बताया कि जल्द ही इन प्रवासी मजदूरों को बसों की सहायता से उनके गृह राज्य भेजा जाएगा. अनिल कुमार ने बताया कि सोमवार को नूंह जिले से यूपी और मध्य प्रदेश 6 बसों की सहायता से भेजा गया. उन्होंने बताया कि मजदूरों को किसी प्रकार की भी दिक्कत नहीं होने दी जा रही है. बता दें कि प्रदेश सरकार द्वारा लगातार प्रवासी मजदूरों को उनके गृह राज्य भेजने का काम किया जा रहा है. इसके बाद भी प्रवासी मजदूरों का पलायन जारी है.