नूंह: जिला मुख्यालय नूंह स्थित ओल्ड डीसी ऑफिस परिसर में मामूली बरसात के बाद ही आधा दर्जन से अधिक सरकारी कार्यालयों का परिसर तालाब में तब्दील हो जाता है. सरकारी कार्यालयों में आने वाले अधिकारियों और कर्मचारियों को ही नहीं बल्कि किसानों व आम नागरिकों को इस तालाब में से गुजर कर ही अपने काम के लिए जाना होता है. सबसे खास बात तो यह है कि जलभराव की वजह से लोगों को बीमारियों का खतरा भी अक्सर सताता रहता है. अधिकारियों व कर्मचारियों के अलावा आमजन ने सरकार से जल्द से जल्द इस समस्या के निदान की गुहार लगाई है.
आपको बता दें कि ओल्ड डीसी ऑफिस नूंह शहर की आबादी के अंदर है. सड़क ऊंची है और डीसी ओल्ड डीसी कार्यालय का परिसर नीचा है. नूंह जिले में 22-23 अगस्त को करीब 7 एमएम बरसात हुई. इस बरसात का पानी इस परिसर में तालाब के रूप में जमा हो गया. जिसकी निकासी का कोई इंतजाम नहीं किया गया है. परिसर में जिला रेड क्रॉस सोसाइटी, कृषि विभाग, महिला पुलिस थाना, प्रधान डाकघर, माप-तोल विभाग, सीएस स्टाफ पुलिस विभाग के अलावा सूचना एवं जनसंपर्क कार्यालय का साउंड सिस्टम रखा हुआ है.
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सबसे खास बात तो यह है कि राजस्व विभाग का ऑफलाइन रिकॉर्ड भी इसी कार्यालय से लेने के लिए किसान आते रहते हैं. इतने सरकारी कार्यालय एक परिसर में होने के बावजूद परिसर में जलभराव की पिछले करीब एक दशक से कोई सुध नहीं ली जा रही है. अधिकारी व कर्मचारी तो एक पिछले दरवाजे से समय पर आ चले जाते हैं, लेकिन जिन लोगों को अपने काम कराने के लिए आना है वो परेशान होते हैं. उन्हें तालाब पार करके ही सरकारी कार्यालय में कामकाज के लिए जाना पड़ता है.
नूंह कृषि अधिकारी अजय सिंह तोमर ने कहा कि हर बरसात में इन ऑफिसों का यही हाल होता है. यहां सात सरकारी कार्यालय हैं. जरा सी बारिश में यहां तालाब जैसे पानी भर जाता है. हम लोग रेस क्रॉस सोसायटी से निवेदन करके पीछे के गेट से आ जाते हैं लेकिन जब शाम को उनका गेट बंद हो जाता है तो हमें जूते उतारकर पानी से ही गुजरना पड़ता है. वहीं अपने काम से कृषि विभाग आये किसान अख्तर ने कहा कि अधिकारी तो अपनी गाड़ी से निकल जाते हैं, सबसे ज्यादा समस्या उनको होती है जो पैदल आते हैं.
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