नूंहः बीते कुछ दिनों से नूंह के फिरोजपुर झिरका और पुन्हाना उपमंडल में अच्छी बारिश हुई है. जिससे किसानों के चेहरों पर एक बार फिर खुशियां दिखाई देने लगी है. बारिश के कारण किसानों की सूखी हुई फसलें फिर से हरी भरी हो गई है. किसानों का कहना है कि ये बारिश उनके लिए जीवन दान बनकर आई है.
फिर लहलहा उठी फसलें
किसानों ने बताया कि बारिश नहीं होने और सिंचाई के संसाधन नहीं होने से जो ज्वार-बाजरे की फसल सूख रही थी, वो फिर से हरी भरी हो गई हैं. किसानों का मानना है कि पछेती फसल अब न केवल हरी भरी होगी बल्कि बढ़ने के साथ - साथ अच्छी पकाई भी अब होने से इंकार नहीं किया जा सकता. खास बात ये है की गेंहू-सरसों की फसल की बिजाई अब अगेती हो सकेगी. अगेती खेती करने के लिए हुई बारिश नमी के एतबार से बेहद कारगर है.
किसानों को हुआ लाभ
बता दें कि नूंह जिले का सरसों उत्पादन और बिजाई में सूबे में दूसरा स्थान है. किसानों ने बताया कि सिंचाई के पर्याप्त साधन इस जिले में नहीं होने के कारण उनकी फसलें बारिश पर आधारित है. गुरुवार को हुई इस बारिश के बाद किसानों को बहुत बड़ा लाभ हुआ है. किसानों ने बताया कि डीजल के साथ-साथ समय और धन की बचत भी बारिश से हुई है.
खुशगार साबित हुई बारिश
कृषि विभाग के एसडीओ अजय कुमार तोमर के मुताबिक इस बार नूंह जिले में 696 एमएम बारिश हुई है जो कि सामान्य बारिश है. एसडीओ ने बताया कि इसी बीच पिछले तीन-चार दिनों में हुई बारिश बहुत ही सही समय पर हुई है. बारिश से गर्मी से छुटकारा मिल चुका है. मौसम भी फसलों के लिए ही नहीं बल्कि इंसानों के लिए भी खुशगवार बना हुआ है. अजय तोमर ने बताया कि चना, मसूर यानि दल्हन-तिलहन की फसलों का बारिश की वजह से रकबा बढ़ेगा. देशी 306 किस्म का गेंहू भी नूंह जिले में काफी क्षेत्र में बिजाई की जाती है. उसकी बिजाई अगले महीने अक्टूबर में होगी.
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