नूंह: जिला कोरोना वायरस केसों की संख्या ज्यादा होने की वजह से हरियाणा में कोरोना का हॉट-स्पॉट बन चुका है. जिला प्रशासन ने 36 गांव को कंटेनमेंट और 104 गांवों को बफर जोन में शामिल किया है . कंटेनमेंट गांव की सीमाओं को पूरी तरह से सील कर दिया गया है । इन गांव में आने-जाने पर पूरी तरह से रोक लगा दी गई है . हरियाणा पुलिस के जवानों की संख्या बढ़ा दी गई है और गांव को आने-जाने वाले रास्ते में बैरिकेडिंग कर आवाजाही रोक दी गई है.
लॉक डाउन को 16 दिन बीत चुका है, अब महज 5 दिन का समय शेष बचा है. जिस तरह नूंह जिले में पॉजिटिव केसों की संख्या सामने आई है. उससे यही लगता है कि लॉक डाउन की अवधि 14 अप्रैल को समाप्त होने वाली नहीं है. इससे आगे बढ़ाने का फैसला लिया जा सकता है. स्वास्थ्य विभाग की टीमें घर-घर जाकर लोगों की स्क्रीनिंग कर रही है. ये सिलसिला बुधवार को शुरू किया गया था, काफी गांव में स्वास्थ्य विभाग की टीमों ने स्क्रिनिंग की है.
ऐसा नहीं है कि शुरू से ही नूंह जिला हरियाणा में कोरोना हॉट-स्पॉट है. यहां इस समय 38 कोरोना संक्रमित मरीज हैं लेकिन इन 38 संक्रमितों में 35 तबलीगी जमात के लोग हैं. यानि की 98 फीसदी से भी ज्यादा. जमात के लोग कई जगह संक्रमित पाए जा रहे हैं. स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक देश में कोरोना वायरस से संक्रमित मरीजों में तबलीगी जमात से संबंध रखने वाले करीब 30 फीसदी मरीज हैं.
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क्या है तबलीगी जमात और मरकज
मरकज, तबलीगी जमात, ये तीनों शब्द अलग-अलग हैं. तबलीगी का मतलब होता है, अल्लाह के संदेशों का प्रचार करने वाला। जमात मतलब, समूह और मरकज का अर्थ होता है मीटिंग के लिए जगह. यानी की अल्लाह की कही बातों का प्रचार करने वाला समूह. तबलीगी जमात से जुड़े लोग पारंपरिक इस्लाम को मानते हैं और इसी का प्रचार-प्रसार करते हैं. इसका मुख्यालय दिल्ली के निजामुद्दीन इलाके में स्थित है. एक दावे के मुताबिक इस जमात के दुनिया भर में 15 करोड़ सदस्य हैं. 20वीं सदी में तबलीगी जमात को इस्लाम का एक बड़ा और अहम आंदोलन माना गया था.