नूंह: रोजका मेव थाना क्षेत्र अंतर्गत खेड़ा खलीलपुर गांव में एक युवक की भीड़ के द्वारा घेर कर हत्या करने का मामला सामने आया है. इसके अलावा दो अन्य युवकों को भी अधमरा कर दिया गया. घटना के पीछे कई तरह के वजह सामने आ रहे हैं. इस घटना के बाद इलाके में तनाव का माहौल बन गया, लेकिन स्थिति अब काबू में है.
पुलिस ने मामले की गंभीरता को देखते हुए 14 लोगों को नामजद करने के अलावा 15-20 अन्य अज्ञात लोगों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 148, 149, 302, 323, 341, 365 के तहत मुकदमा दर्ज कर लिया है. पुलिस ने मामले में चार-पांच लोगों को पूछताछ के लिए हिरासत में ले लिया है.
पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम कराकर परिजनों के हवाले कर दिया है. मामले की गंभीरता को देखते एसपी नरेंद्र सिंह घटना के बाद से ही खुद हालात को संभाल रहे हैं. इसके अलावा स्थानीय कांग्रेस विधायक आफताब अहमद भी पोस्टमार्टम प्रक्रिया के दौरान कई घंटे तक नूंह सीएचसी में डटे रहे.
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खास बात तो ये है कि गुस्साई भीड़ ने ना केवल देर रात को कुंडली-मानेसर पलवल एक्सप्रेस-वे को जाम कर दिया बल्कि दिन में भी रेवासन गांव के पास सड़क को जाम करने की कोशिश की गई. वहां भारी पुलिस बल की वजह से उन्हें कामयाबी नहीं मिली, तो जिला मुख्यालय नूंह स्थित अडबर चौक को जाम करने की कोशिश की गई, जहां पुलिस को भीड़ खदेड़ने के लिए ना केवल लाठीचार्ज करना पड़ा बल्कि हवाई फायरिंग भी करनी पड़ी.
पुलिस ने पथराव कर रहे कई युवाओं को हिरासत में लिया. पुलिस कप्तान नरेंद्र सिंह बिजारनिया ने लोगों से शांति बनाए रखने की अपील करते हुए भरोसा दिलाया कि दोषियों को जल्द से जल्द गिरफ्तार किया जाएगा. पुलिस में शिकायत मिलते ही ना केवल एफआईआर दर्ज कर दी गई है, बल्कि इस हत्याकांड में कई लोगों को पूछताछ के लिए हिरासत में भी लिया है.
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अस्पताल पहुंचे विधायक आफताब अहमद और पुलिस कप्तान नरेंद्र सिंह बिजारनिया से पीड़ित परिवार ने न्याय की गुहार लगाते हुए कहा कि आरोपी बदमाश अपराधी किस्म के व्यक्ति हैं. इससे पहले भी उन्होंने कई वारदातें की हुई हैं. उन पर गंभीर धाराओं में मुकदमे दर्ज हैं. उनको जल्द से जल्द गिरफ्तार किया जाना चाहिए.
बता दें कि आरोपियों में मार्केट कमेटी के पूर्व चेयरमैन बल्ला खटाना का नाम भी प्रमुखता से लिया जा रहा है. इसके अलावा पटवारी, अडवानी और ऋषि सहित 14 लोगों को नामजद किया गया है. इसके अलावा 15-20 अन्य लोगों को भी शामिल किया गया है.
क्या है मामला?
आसिक के परिजनों ने बयान दिया है कि आसिफ अपने दो चचेरे भाइयों के साथ अपनी बहन के घर से लौट रहा था. जब उन पर कथित तौर पर पुरुषों के एक समूह ने हमला किया और उन्हें पीट-पीट कर मार डाला. हालांकि, उसकी मृत्यु की रिपोर्ट आने के तुरंत बाद, कुछ संप्रदायिक नेताओं ने दावा किया कि उसे मारे जाने से पहले एक विशेष धर्म का नारा बोलने के लिए मजबूर किया गया था, जिसकी वजह से घटना ने सांप्रदायिक मोड़ ले लिया.