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नूंह में भीषण ठंड के बीच मिड डे मील वर्कर्स का प्रदर्शन, बकाये वेतन की मांग - नूंह में मिल डे मील वर्कर

Mid day meal workers demonstration: नूंह में मिड डे मिल वर्कर वेतन नहीं मिलने के कारण बहुत परेशान हैं. वेतन नहीं मिलने से इनके घर का चूल्हा जलना मुश्किल हो गया है. नाराज मिड डे मिल वर्करों ने समय पर वेतन देने की मांग को लेकर प्रदर्शन किया.

Mid day meal workers demonstration
नूंह में मिड डे मील वर्कर्स का प्रदर्शन
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By ETV Bharat Haryana Team

Published : Jan 8, 2024, 5:34 PM IST

नूंह: नूंह में मिड मिल वर्कर इन दिनों बहुत परेशान हैं. क्योंकि इन्हें समय पर वेतन नहीं मिल पा रहा है. मिड मिल वर्कर्स को दस महीने का ही वेतन मिलता है. वह भी समय पर नहीं मिलता है. इनकी मांग है कि उन्हें भी बारह महीने का वेतन मिले और हर महीने के दस तारीख के पहले वेतन मिल जाए. अपनी मांगों को लेकर मिड डे मिल वर्कर्स ने प्रदर्शन किया और मौलिक शिक्षा पदाधिकारी को ज्ञापन सौंपा. अपनी मांगों को लेकर मिड डे मील वर्कर्स का ग्यारह जनवरी को करनाल में राज्यव्यापी रैली है.

समय पर वेतन नहीं: मिड डे मिल वर्कर्स का कहना है कि उन्हें साल में दस महीने का ही वेतन मिलता है. उस पर भी समय पर वेतन नहीं मिलता है. धरना प्रर्दशन के बाद वेतन के मद में राशि जारी की जाती है. वेतन नहीं मिलने के कारण उन्हें बहुत परेशानी का सामना करना पड़ता है. वेतन की मांग को लेकर भीषण ठंड के बीच मिड डे मील वर्कर्स ने लघु सचिवालय नूंह परिसर में प्रदर्शन किया और जिला मौलिक शिक्षा अधिकारी को ज्ञापन सौंपा. इनका कहना है कि उनका बकाया मानदेय तुरंत जारी किया जाए.

मिड डे मिल वर्कर्स की मांग: इनकी मांग है कि प्रत्येक महीने के दस तारीख तक इनके खाते में वेतन डाल दिया जाए. न्यूनतम वेतन 26000 रुपये किया जाए. वर्दी भत्ता के तौर पर दो हजार रुपये दिये जाएं. मिड डे मील वर्कर की रिटायरमेंट की उम्र सीमा 65 साल निर्धारित किया जाए. स्कूलों को मर्ज करना बंद किया जाए. अगर मर्ज करना हो तो वर्कर्स को दोबारा काम पर रखा जाए. दुर्घटना होने पर इलाज की व्यवस्था की जाए. मृत्यु होने की स्थिति में परिजनों को पांच लाख का मुआवजा दिया जाए.

नूंह: नूंह में मिड मिल वर्कर इन दिनों बहुत परेशान हैं. क्योंकि इन्हें समय पर वेतन नहीं मिल पा रहा है. मिड मिल वर्कर्स को दस महीने का ही वेतन मिलता है. वह भी समय पर नहीं मिलता है. इनकी मांग है कि उन्हें भी बारह महीने का वेतन मिले और हर महीने के दस तारीख के पहले वेतन मिल जाए. अपनी मांगों को लेकर मिड डे मिल वर्कर्स ने प्रदर्शन किया और मौलिक शिक्षा पदाधिकारी को ज्ञापन सौंपा. अपनी मांगों को लेकर मिड डे मील वर्कर्स का ग्यारह जनवरी को करनाल में राज्यव्यापी रैली है.

समय पर वेतन नहीं: मिड डे मिल वर्कर्स का कहना है कि उन्हें साल में दस महीने का ही वेतन मिलता है. उस पर भी समय पर वेतन नहीं मिलता है. धरना प्रर्दशन के बाद वेतन के मद में राशि जारी की जाती है. वेतन नहीं मिलने के कारण उन्हें बहुत परेशानी का सामना करना पड़ता है. वेतन की मांग को लेकर भीषण ठंड के बीच मिड डे मील वर्कर्स ने लघु सचिवालय नूंह परिसर में प्रदर्शन किया और जिला मौलिक शिक्षा अधिकारी को ज्ञापन सौंपा. इनका कहना है कि उनका बकाया मानदेय तुरंत जारी किया जाए.

मिड डे मिल वर्कर्स की मांग: इनकी मांग है कि प्रत्येक महीने के दस तारीख तक इनके खाते में वेतन डाल दिया जाए. न्यूनतम वेतन 26000 रुपये किया जाए. वर्दी भत्ता के तौर पर दो हजार रुपये दिये जाएं. मिड डे मील वर्कर की रिटायरमेंट की उम्र सीमा 65 साल निर्धारित किया जाए. स्कूलों को मर्ज करना बंद किया जाए. अगर मर्ज करना हो तो वर्कर्स को दोबारा काम पर रखा जाए. दुर्घटना होने पर इलाज की व्यवस्था की जाए. मृत्यु होने की स्थिति में परिजनों को पांच लाख का मुआवजा दिया जाए.

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