नूंह: कृषि कानूनों का खिलाफ शनिवार को 45वें दिन भी किसानों का आंदोलन जारी रहा है. इस बीच किसानों के समर्थन में हरियाणा-राजस्थान राज्य में बसे मेवाती तकरीबन 5 हजार की संख्या में दिल्ली कूच करने की तैयारी कर रहे हैं. शनिवार को जुरहेड़ा इस्लामिक मदरसा में दोनों राज्यों के मौजिज लोगों की बैठक में अंतिम निर्णय लिया गया है.
दिल्ली कूच की तैयारी में नूंह के किसान
ज्यादा-से-ज्यादा भीड़ जुटाने के लिए आगामी 2 दिनों में दोनों राज्यों की मौजिज लोग गांव गांव जाकर किसानों से इस प्रदर्शन में पहुंचने की अपील करेंगे, हरियाणा पुलिस की सख्ती को देखते हुए सीमा से सटे राजस्थान के जुरहेड़ा कस्बा को इसके लिए चुना गया है. किसानों ने कहा कि पुलिस प्रशासन ने अगर दिल्ली कूच करने नहीं दिया, तो किसान उसी जगह धरना प्रदर्शन करेंगे.
12 जनवरी को होगा दिल्ली कूच
मेवात विकास सभा के पदाधिकारी रशीद अहमद एडवोकेट ने बताया कि आगामी 12 जनवरी मंगलवार का दिन दिल्ली कूच करने के लिए तय किया गया है. उन्होंने कहा कि हरियाणा पुलिस के रवैए को देखते हुए शनिवार को राजस्थान के जुरहरा कस्बा में मौलाना अरशद माडीखेड़ा की अध्यक्षता में दोनों राज्यों के मौजूद लोगों की बैठक हुई. जिसमें मुक्ति सलीम साकरस, सूबे खां सरपंच रशीद अहमद, अकबर जोधपुर सहित कई दर्जनों किसानों ने भाग लिया.
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रशीद अहमद एडवोकेट का कहना है कि भले ही अब तक हरियाणा और राजस्थान में बसे मेवाती किसानों के धरना प्रदर्शन में कम संख्या में पहुंचे हो, लेकिन आगामी 12 जनवरी को इस धरती से एक बड़ा आंदोलन खड़ा होने जा रहा है, जो राज्य सरकारों से लेकर केंद्र सरकार की मुसीबत बढ़ा सकता है. कुल मिलाकर कई दौर की वार्ता होने के बावजूद भी किसानों की समस्या का समाधान नहीं होने से दिन प्रतिदिन विरोध करने वाले लोगों की संख्या में बढ़ोतरी हो रही है.