नूंह: कोरोना से राहत के बाद फिर से जिले में मरीजों की संख्या बढ़ने लगी है. इस बार कोरोना से नहीं बल्कि डेंगू और मलेरिया के मरीज नूंह में तेजी से बढ़ (Malaria and dengue patients) रहे हैं. तीन साल पहले तक हरियाणा नूंह जिले में सबसे ज्यादा डेंगू और मलेरिया के केस पाए जाते थे. पिछले कुछ सालों में स्वास्थ्य विभाग ने मलेरिया पर पूरी तरह से कंट्रोल किया था. एक बार फिर से मलेरिया के केसों में बढ़ोतरी दर्ज हुई है. मरीजों में सबसे ज्यादा महिला, बुजुर्ग और बच्चे शामिल हैं.
खानपुर घाटी गांव में डेंगू के केस की पुष्टि हो चुकी है. कुल मिलाकर कोरोना को लेकर नूंह जिले में दूसरे जिलों की तुलना में हालात बेहतर हैं, लेकिन मलेरिया और डेंगू के केसों का खाता खुल चुका है. जिसके बाद स्वास्थ्य विभाग पूरी तरह से अलर्ट है. सिविल सर्जन डॉक्टर सुरेंद्र यादव ने पत्रकारों से बातचीत के दौरान कहा कि जैसे ही स्वास्थ्य विभाग की टीम को सूचना मिलती है. तुरंत उसी इलाके में टीम जाकर सैंपल लेती है और उसकी जांच कराई जाती है.
अभी तक तीन मलेरिया औप डेंगू का केस सामने आ चुका है, लेकिन चारों ही मरीजों की स्थिति बेहतर है. उन्होंने ये भी कहा हाल ही में दो-तीन गांव में सैंपल लिए गए हैं, लेकिन उनकी रिपोर्ट मलेरिया की नेगेटिव आ चुकी है. डेंगू की रिपोर्ट में एक उनकी रिपोर्ट नेगेटिव आ चुकी है. डेंगू की रिपोर्ट में 2-3 का समय लगता है. इसलिए रिपोर्ट आने के बाद ही कुछ पता चल पाएगा.
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सीएमओ ने कहा कि 2025 तक देश को मलेरिया मुक्त करने की दिशा में काम हो रहा है, लेकिन उन्हें यकीन ही नहीं बल्कि पूरा भरोसा है कि जिस रफ्तार से मेवात जिले में काम हो रहा है साल 2023 तक मलेरिया में नियंत्रण पा लिया जाएगा.