नूंह: अरावली पर्वत के पास कोटला गांव में दो पशुपालक बकरी चरा रहे थे. इस दौरान दोनों को गुरुवार शाम करीब 5 बजे तेंदुए के दो शावक दिखाई दिए. कोटला किले की दीवारों पर चढ़ने के बाद उन्हें कुछ अजीब सी आवाज आई. पशुपालकों ने ध्यान से देखा तो उन्हें दो छोटे शावक दिखाई दिए. कोटला गांव के सहरून और साहून नाम के 2 पशुपालकों ने उन शावकों को अरावली पर्वत से उठाया और अपने घर ले आए. जैसे ही गांव के लोगों को इन शावकों के बारे में पता चला, तो कोटला गांव से लेकर आसपास के गांव में खबर आग की तरह फैल गई.
अरावली पर्वत पर मिले तेंदुए के दो शावक: कोटला गांव के सहरून और साहून ने दोनों शावकों को बकरी का दूध पिलाया और इन्हें एक टोकरी के नीचे रात के समय बंद कर दिया. शावकों को देखने के लिए पशुपालकों के घर भीड़ लग गई. लोग उनके साथ फोटो खिंचवाने और सेल्फी लेने लगे. कुछ घंटे बाद ग्रामीणों ने आकेड़ा पुलिस चौकी के अलावा वन्यजीव विभाग के अधिकारियों को इन शावकों के बारे में जानकारी दी. शुक्रवार सुबह पुलिस और वन्यजीव विभाग की टीमें गांव में पहुंची और दोनों शावकों को टीम ने अपने कब्जे में लिया.
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#WATCH Haryana: Villagers found 2 leopard cubs in Haryana's Nuh district; the cubs were safely handed over to the Wildlife Department.
— ANI (@ANI) July 15, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
Rajesh Kumar, DFO department officer: "Some children had gone to the forest to graze goats, and they found these cubs. We will take them to the… pic.twitter.com/W1Q7NFn2EM
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— ANI (@ANI) July 15, 2023
Rajesh Kumar, DFO department officer: "Some children had gone to the forest to graze goats, and they found these cubs. We will take them to the… pic.twitter.com/W1Q7NFn2EM#WATCH Haryana: Villagers found 2 leopard cubs in Haryana's Nuh district; the cubs were safely handed over to the Wildlife Department.
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Rajesh Kumar, DFO department officer: "Some children had gone to the forest to graze goats, and they found these cubs. We will take them to the… pic.twitter.com/W1Q7NFn2EM
दोनों शावकों की मां की तलाश जारी: इसके बाद तेंदुए के दोनों शावकों को अरावली पर्वत की चोटी पर कोटला किले के पास छोड़ दिया गया. वन्यजीव विभाग टीम के निरीक्षक राजेश चहल और वन विभाग के दारोगा फतेह मोहम्मद समेत कई कर्मचारी दोनों शावकों को उनकी मां से मिलवाने के लिए कई घंटे से अरावली पर्वत की चोटी पर ही डटे हुए हैं. खबर लिखे जाने तक मादा तेंदुआ अपने शावकों के पास नहीं पहुंची थी, इसलिए वन्यजीव विभाग, वन विभाग की टीम वहां पर डटी हुई है और मादा तेंदुए की तलाश कर रही है.
शावकों के खाने-पीने का किया जा रहा इंतजाम: दोनों शावकों के चारों तरफ पत्थर का चबूतरा बनाकर उसके बीच में छोड़ा गया है और दूर से उनपर नजर रखी जा रही है. ताकि वो सुरक्षित रह सके. वन विभाग निरीक्षक राजेश चहल ने कहा कि जब तक शावकों को उनकी मां नहीं मिल जाती, तब तक टीमें अरावली पर्वत में ही रेस्क्यू करेंगी. अरावली पर्वत में ही टीमें पीने के पानी से लेकर खाने के सामान का इंतजाम कर रही हैं.
आपको बता दें कि वन्य जीव जंतुओं की सुरक्षा को देखते हुए केंद्र सरकार गुरुग्राम और नूंह जिले में लगने वाले अरावली क्षेत्र को जंगल सफारी बनाने जा रही है. इसे विश्व की सबसे बड़ी जंगल सफारी बताया जा रहा है. इसी क्षेत्र में ये तेंदुए के दो शावक मिले हैं. अभी तक मादा तेंदुए द्वारा किसी पर हमले की कोई खबर नहीं मिली है, लेकिन एक ग्वाले ने दावा किया है कि मादा तेंदुआ अपने बच्चों की तलाश में इधर उधर भटक रही है.
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जहां पर तेंदुए के शावक मिले हैं. उस जगह के आसपास राजस्थान तथा हरियाणा दोनों राज्यों के लोग पहाड़ी रास्ते से पैदल आते जाते रहते हैं. ऐसे में मादा तेंदुआ किसी पर हमला भी कर सकती है. कोटला गांव के ग्रामीणों के मुताबिक कई बार उनके पशुओं पर कोई जीव हमला कर उनकी जान ले लेता है. दो गाड़ियों में सवार होकर वन विभाग तथा वन्यजीव विभाग की टीम कोटला गांव पहुंची थी.