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ऐसे होगा 'सक्षम हरियाणा' का सपना साकार? जहां दो अध्यापकों के भरोसे चलता है पूरा स्कूल

एक तरफ सरकार जहां हरियाणा को सक्षम बनाने में जुटी है तो वहीं प्रदेश के कुछ गांव ऐसे भी हैं जहां आज तक स्कूलों में अध्यापकों की कमी को भी पूरा नहीं किया जा सका. हम बात कर रहे हैं नूंह के तेड़ गांव की. जहां बच्चों का भविष्य प्रशासन और आला अधिकारियों की अनदेखी की मार झेल रहा है.

स्कूल में पढ़ते बच्चे
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Published : Aug 2, 2019, 11:34 AM IST

Updated : Aug 2, 2019, 7:13 PM IST

नूंहः एक तरफ तो सरकार हरियाणा को सक्षम करने के लिए प्रयास कर रही है तो वहीं दूसरी ओर स्कूलों में अध्यापकों की कमी को भी पूरा नहीं किया जा रहा है. तेड़ गांव में अधिकारियों की अनदेखी के चलते मीडिल स्कूल की अपग्रेड प्रक्रिया एक साल से अटकी हुई है.

ऐसे होगा 'सक्षम हरियाणा' का सपना साकार? देखें वीडियो

पूरे स्कूल में 2 अध्यापक
ग्रामीणों ने बताया कि उनके गांव का स्कूल मीडिल तक है, लेकिन स्कूल में अध्यापकों की भारी कमी है. जिसके चलते उनके बच्चों की पढ़ाई नहीं हो पा रही है. उन्होंने बताया कि स्कूल में छटी कक्षा से आठवीं तक मात्र दो ही अध्यापक हैं. जिनमें एक अस्थाई और एक स्थाई है. दोनों अध्यापक बच्चों के हर विषय की पढ़ाई नहीं करा सकते.

छात्रों ने बताई अपनी समस्याएं
छात्रों ने बताया कि स्कूल में अध्यापकों की कमी के अलावा पीने के पानी की समस्या है और स्कूल परिसर नीचा होने के चलते बारिश का पानी भी यहां भर जाता है. जिससे बच्चों को स्कूल ग्राउंड में खेलने और निकलने में काफी परेशानी होती है. छात्रों ने बताया कि उनके पास बैठने के लिए भी बैंचों की व्यवस्था नहीं है, जिसके कारण उन्हें जमीन पर बैठना पड़ रहा है. इससे ना केवल उनकी पढ़ाई बल्कि भविष्य भी दाव पर लगा है.

नूंहः एक तरफ तो सरकार हरियाणा को सक्षम करने के लिए प्रयास कर रही है तो वहीं दूसरी ओर स्कूलों में अध्यापकों की कमी को भी पूरा नहीं किया जा रहा है. तेड़ गांव में अधिकारियों की अनदेखी के चलते मीडिल स्कूल की अपग्रेड प्रक्रिया एक साल से अटकी हुई है.

ऐसे होगा 'सक्षम हरियाणा' का सपना साकार? देखें वीडियो

पूरे स्कूल में 2 अध्यापक
ग्रामीणों ने बताया कि उनके गांव का स्कूल मीडिल तक है, लेकिन स्कूल में अध्यापकों की भारी कमी है. जिसके चलते उनके बच्चों की पढ़ाई नहीं हो पा रही है. उन्होंने बताया कि स्कूल में छटी कक्षा से आठवीं तक मात्र दो ही अध्यापक हैं. जिनमें एक अस्थाई और एक स्थाई है. दोनों अध्यापक बच्चों के हर विषय की पढ़ाई नहीं करा सकते.

छात्रों ने बताई अपनी समस्याएं
छात्रों ने बताया कि स्कूल में अध्यापकों की कमी के अलावा पीने के पानी की समस्या है और स्कूल परिसर नीचा होने के चलते बारिश का पानी भी यहां भर जाता है. जिससे बच्चों को स्कूल ग्राउंड में खेलने और निकलने में काफी परेशानी होती है. छात्रों ने बताया कि उनके पास बैठने के लिए भी बैंचों की व्यवस्था नहीं है, जिसके कारण उन्हें जमीन पर बैठना पड़ रहा है. इससे ना केवल उनकी पढ़ाई बल्कि भविष्य भी दाव पर लगा है.

Intro:संवाददाता नूंह मेवात

स्टोरी ;- सिरे नहीं चढ़ पा रही स्कूल अपग्रेड़ की प्रक्रिया , मात्र दो अध्यापकों के सहारे सैंकड़ों बच्चों का भविष्य

नूंह जिले के गांव तेड़ में मिडि़ल से हाई स्कूल अपग्रेड़ की प्रक्रिया अभी तक सिरे नहीं चढ़ पाई है। बच्चे व गांव वालों को स्कूल अपग्रेड़ होने का एक साल से इंतजार है। मगर अधिकारियों की अनदेखी के चलते अपग्रेड़ प्रक्रिया सिरे नहीं चढ़ रही है। ग्रामीणों ने बताया कि फिलहाल उनके गांव का स्कूल मिडि़ल तक है, लेकिन स्कूल में अध्यापकों की भारी कमी है। जिसके चलते उनके बच्चों की पढ़ाई नहीं हो पा रही है। स्कूल में छटी कक्षा से आठवीं तक मात्र दो ही अध्यापक हैं, जिनमें एक अस्थाई व एक स्थाई है। जो बच्चों के हर विषय की पढ़ाई नहीं करा सकते। एक तरफ तो सरकार हरियाणा को सक्षम करने के के लिए प्रयास कर रही है दूसरी ओर स्कूलों में अध्यापकों क कमी को भी पूरा नहीं किया जा रहा है। बच्चों का कहना है कि ऐसे में उन्हें अपना सपना साकार होता नजर नहीं आ रहा है।
प्रीतम, मुस्तकीम, आसिफ, इमरान सहित छात्रों ने बताया कि स्कूल में अध्यापकों की कमी के अलावा पीने के पानी की भी कमी है और स्कूल परिसर नीचा होने के चलते परिसर में बरसात का पानी भी भर जाता है, जिससे बच्चों को स्कूल ग्राउंड़ में खेलने व निकलने में काफी परेशानी होती है। छात्रों ने बताया कि उनके पास बैठने के लिए भी बैंचों की व्यवस्था नहीं है, जिसके कारण उन्हें जमीन पर बैठना पड़ रहा है, जिससे उन्हें पढ़ाई करने में परेशानी होती है। वहीं मास्टरों ने बताया कि स्कूल में अध्यापकों की कमी के लिए कई बार उच्च अधिकारियों को अवगत कराया जा चुका है, लेकिन कोई समाधान नहीं हो पाया है। उन्होंने बताया कि स्कूल अपग्रेड़ होने का उनके पास विभाग की तरफ से तो कोई नोटिस नहीं आया है, लेकिन अखबारों में कई बार अपग्रेड़ होने की खबर प्रकाशित हुई है।
बाइट ;- नरेंदर कुमार अध्यापक
बाइट ;- मुकीम छात्र
बाइट ;- प्रतिम छात्र।
बाइट ;- मख्मूल अभिभावक।
संवाददाता कासिम खान नूंह मेवात।
Body:संवाददाता नूंह मेवात

स्टोरी ;- सिरे नहीं चढ़ पा रही स्कूल अपग्रेड़ की प्रक्रिया , मात्र दो अध्यापकों के सहारे सैंकड़ों बच्चों का भविष्य

नूंह जिले के गांव तेड़ में मिडि़ल से हाई स्कूल अपग्रेड़ की प्रक्रिया अभी तक सिरे नहीं चढ़ पाई है। बच्चे व गांव वालों को स्कूल अपग्रेड़ होने का एक साल से इंतजार है। मगर अधिकारियों की अनदेखी के चलते अपग्रेड़ प्रक्रिया सिरे नहीं चढ़ रही है। ग्रामीणों ने बताया कि फिलहाल उनके गांव का स्कूल मिडि़ल तक है, लेकिन स्कूल में अध्यापकों की भारी कमी है। जिसके चलते उनके बच्चों की पढ़ाई नहीं हो पा रही है। स्कूल में छटी कक्षा से आठवीं तक मात्र दो ही अध्यापक हैं, जिनमें एक अस्थाई व एक स्थाई है। जो बच्चों के हर विषय की पढ़ाई नहीं करा सकते। एक तरफ तो सरकार हरियाणा को सक्षम करने के के लिए प्रयास कर रही है दूसरी ओर स्कूलों में अध्यापकों क कमी को भी पूरा नहीं किया जा रहा है। बच्चों का कहना है कि ऐसे में उन्हें अपना सपना साकार होता नजर नहीं आ रहा है।
प्रीतम, मुस्तकीम, आसिफ, इमरान सहित छात्रों ने बताया कि स्कूल में अध्यापकों की कमी के अलावा पीने के पानी की भी कमी है और स्कूल परिसर नीचा होने के चलते परिसर में बरसात का पानी भी भर जाता है, जिससे बच्चों को स्कूल ग्राउंड़ में खेलने व निकलने में काफी परेशानी होती है। छात्रों ने बताया कि उनके पास बैठने के लिए भी बैंचों की व्यवस्था नहीं है, जिसके कारण उन्हें जमीन पर बैठना पड़ रहा है, जिससे उन्हें पढ़ाई करने में परेशानी होती है। वहीं मास्टरों ने बताया कि स्कूल में अध्यापकों की कमी के लिए कई बार उच्च अधिकारियों को अवगत कराया जा चुका है, लेकिन कोई समाधान नहीं हो पाया है। उन्होंने बताया कि स्कूल अपग्रेड़ होने का उनके पास विभाग की तरफ से तो कोई नोटिस नहीं आया है, लेकिन अखबारों में कई बार अपग्रेड़ होने की खबर प्रकाशित हुई है।
बाइट ;- नरेंदर कुमार अध्यापक
बाइट ;- मुकीम छात्र
बाइट ;- प्रतिम छात्र।
बाइट ;- मख्मूल अभिभावक।
संवाददाता कासिम खान नूंह मेवात।
Conclusion:संवाददाता नूंह मेवात

स्टोरी ;- सिरे नहीं चढ़ पा रही स्कूल अपग्रेड़ की प्रक्रिया , मात्र दो अध्यापकों के सहारे सैंकड़ों बच्चों का भविष्य

नूंह जिले के गांव तेड़ में मिडि़ल से हाई स्कूल अपग्रेड़ की प्रक्रिया अभी तक सिरे नहीं चढ़ पाई है। बच्चे व गांव वालों को स्कूल अपग्रेड़ होने का एक साल से इंतजार है। मगर अधिकारियों की अनदेखी के चलते अपग्रेड़ प्रक्रिया सिरे नहीं चढ़ रही है। ग्रामीणों ने बताया कि फिलहाल उनके गांव का स्कूल मिडि़ल तक है, लेकिन स्कूल में अध्यापकों की भारी कमी है। जिसके चलते उनके बच्चों की पढ़ाई नहीं हो पा रही है। स्कूल में छटी कक्षा से आठवीं तक मात्र दो ही अध्यापक हैं, जिनमें एक अस्थाई व एक स्थाई है। जो बच्चों के हर विषय की पढ़ाई नहीं करा सकते। एक तरफ तो सरकार हरियाणा को सक्षम करने के के लिए प्रयास कर रही है दूसरी ओर स्कूलों में अध्यापकों क कमी को भी पूरा नहीं किया जा रहा है। बच्चों का कहना है कि ऐसे में उन्हें अपना सपना साकार होता नजर नहीं आ रहा है।
प्रीतम, मुस्तकीम, आसिफ, इमरान सहित छात्रों ने बताया कि स्कूल में अध्यापकों की कमी के अलावा पीने के पानी की भी कमी है और स्कूल परिसर नीचा होने के चलते परिसर में बरसात का पानी भी भर जाता है, जिससे बच्चों को स्कूल ग्राउंड़ में खेलने व निकलने में काफी परेशानी होती है। छात्रों ने बताया कि उनके पास बैठने के लिए भी बैंचों की व्यवस्था नहीं है, जिसके कारण उन्हें जमीन पर बैठना पड़ रहा है, जिससे उन्हें पढ़ाई करने में परेशानी होती है। वहीं मास्टरों ने बताया कि स्कूल में अध्यापकों की कमी के लिए कई बार उच्च अधिकारियों को अवगत कराया जा चुका है, लेकिन कोई समाधान नहीं हो पाया है। उन्होंने बताया कि स्कूल अपग्रेड़ होने का उनके पास विभाग की तरफ से तो कोई नोटिस नहीं आया है, लेकिन अखबारों में कई बार अपग्रेड़ होने की खबर प्रकाशित हुई है।
बाइट ;- नरेंदर कुमार अध्यापक
बाइट ;- मुकीम छात्र
बाइट ;- प्रतिम छात्र।
बाइट ;- मख्मूल अभिभावक।
संवाददाता कासिम खान नूंह मेवात।
Last Updated : Aug 2, 2019, 7:13 PM IST
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