नूंह: स्वास्थ्य विभाग नूंह के सीएचसी-पीएससी सेंटरों के अलावा नल्हड़ मेडिकल कॉलेज में आउटसोर्सिंग पॉलिसी के तहत करीब 6 महीने पहले लगाए गए करीब 65 लैब टेक्नीशियन शनिवार को सिविल सर्जन कार्यालय के सामने हड़ताल पर बैठ गए. कर्मचारियों ने स्वास्थ्य विभाग के खिलाफ जमकर नारेबाजी की. ये नौबत तब है जब कोरोना वायरस के चलते स्वास्थ्य विभाग अलर्ट पर है.
लैब टेक्नीशियन की मांग है कि उन्हें करीब 6 महीने पहले आउटसोर्सिंग पॉलिसी के तहत लगाया गया था. टीवी, मलेरिया जैसे रोगों की जांच के लिए उन्हें पीएचसी - सीएससी लेवल के अलावा नल्हड़ मेडिकल कॉलेज में नियुक्ति दी गई. लैब टेक्नीशियन ने आरोप लगाया कि नियुक्ति के दौरान उनसे डेढ़ लाख रुपये प्रत्येक सदस्य से लिए गए.
कई मांगों लेकर लैब टेक्नीशियन ने की हड़ताल
खास बात तो ये है कि उनको नियुक्ति से अब तक एक रुपये का भी वेतन नहीं मिला. होली का पर्व नजदीक है. बच्चों की फीस तक कर्मचारी नहीं भर पा रहे हैं. वेतन मिलना तो दूर उनका कांट्रेक्ट रद्द 9 मार्च को होने की जानकारी जब लैब टेक्नीशियन को मिली तो उनके पैरों तले जमीन खिसक गई.
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अधिकारियों ने दिया लैब टेक्नीशियन को आश्वासन
जिसके बाद शनिवार को सेवा विस्तार के साथ-साथ बकाया वेतन देने की मांग को लेकर लैब टेक्नीशियन हड़ताल पर चले गए. मीडियाकर्मी हड़ताल की कवरेज करने अल आफिया अस्पताल मांडीखेड़ा के प्रांगण में पहुंचे और कवरेज करने लगे तो स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी हड़ताली लैब टेक्नीशियन के बीच पहुंचे. स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने भरोसा दिलाया कि उनका बकाया वेतन उनके खातों में डाल दिया जाएगा. साथ ही सेवा विस्तार भी उन्हें दी जाएगी, लेकिन आगामी आदेश तक कोई भी लैब टेक्नीशियन रजिस्टर में अपनी हाजिरी नहीं भरेगा.