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नूंह के कैथली बेर लोगों को बना रहे अपनी मिठास का दीवाना, बागवानी विभाग को रहा लाखों का मुनाफा - haryana news in hindi

हरियाणा के नूंह में बागवानी विभाग कैथली बेर की खेती (Kaithli berry farming Nuh) करके लाखों का मुनाफा कमा रहा है. नूंह के राजकीय बाग एवं नर्सरी पिनगवां में करीब साढ़े 4 एकड़ में लगे कैथली के बेर लोगों को लगातार अपनी मिठास का दीवाना बना रहे है. ऐसे में कैथली बेर की मिठास और उससे बागवानी विभाग को रहे लाभ को लेकर पढ़ें ईटीवी भारत की खास रिपोर्ट.

Kaithli berry farming Nuh
Kaithli berry farming Nuh
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Published : Feb 10, 2022, 9:21 PM IST

नूंह: हरियाणा के नूंह में स्थित राजकीय बाग के कैथली बेर (Kaithli berry farming Nuh) सबको अपनी मिठास का दीवाना बना रहे है. देखने में कैथली बेर भले ही हरे रंग के है, लेकिन इनकी मिठास चीनी से कम नहीं है. एक बार जो इन बेर को खा लेता है, वो बार-बार कैथली बेर की डिमांड करता है. पिछले करीब 25 सालों से 10 एकड़ में फैले राजकीय बाग एवं नर्सरी पिनगवां में कैथली बेर का बाग करीब साढ़े 4 एकड़ भूमि पर लगाया गया है. जिससे बागवानी विभाग को तो हर साल लाखों का राजस्व प्राप्त होता ही है, साथ ही ठेकेदार को भी अच्छा मुनाफा प्राप्त होता है.

इस वर्ष बाग से बागवानी विभाग नूंह (Horticulture department Nuh ) को इस बाग से 5 लाख से अधिक का राजस्व प्राप्त हुआ है. वहीं पिछले साल फल अच्छा होने की से बागवानी विभाग को 6 लाख का राजस्व प्राप्त हुआ था. जिला बागवानी विभाग अधिकारी डॉ. दीन मोहम्मद ने बताया कि इस बेर की दूर-दराज तक डिमांड है. वैसे तो राजकीय बाग एवं नर्सरी पिनगवां में 10 एकड़ का बेर का बाग है, लेकिन हमेशा गोला बेर से ज्यादा कैथली बेर मांग रहती है. इस बाग से बागवानी विभाग को तो लाभ होता ही है, साथ ही जिस ठेकेदार ने इस बेर के बाग को लिया है. वह भी इससे अच्छा खासा मुनाफा कमाता है और बहुत से लोगों को बेर तोड़ने का रोजगार भी मिलता है.

नूंह के कैथली बेर लोगों को बना रहे अपनी मिठास का दीवाना, बागवानी विभाग को रहा लाखों का मुनाफा

ये भी पढ़ें- परंपरागत खेती छोड़ किसानों ने अपनाई खेती की नई तकनीक, अब हो रहा लाभ

जिला बागवानी अधिकारी डॉ. दीन मोहम्मद ने बताया कि इस बेर की दूर-दराज तक डिमांड है. कैथली बेर का नाम भी कैथल जिले के नाम पर ही पड़ा है. डॉ. दीन मोहम्मद ने बताया कि हमेशा कैथली बेर अन्य बेरो ती तुलना में 20 फीसदी अधिक महंगे भाव पर बिकते है और इसके खरीददारों की संख्या अच्छी खासी है. वहीं बाग के ठेकेदार ने बताया कि 10 एकड़ में फैले इस बाग में करीब 3 तरह की वैरायटी के बेर होते है. जिनमें से कैथली बेर की मांग सबसे ज्यादा होती है. कैथली बेर बाजार में 80 रूपये प्रति किलो के हिसाब से बिकते है. बेर की मिठास अच्छी होने की वजह से ये अधिक मांग में रहते है.

Kaithli berry farming Nuh
कैथली बेर का पेड़

ये भी पढ़ें- हरियाणा में सोलर पंप लगवाने वाले किसानों को मिलेगी 75 प्रतिशत सब्सिडी

वहीं बाग देखने के लिए और बेर खरीदने के लिए राजकीय बाग एवं नर्सरी पिनगवां पर बड़ी संख्या में लोग पहुंचते हैं. वहीं सबसे खास बात तो यह है कि कैथली बैर से बागवानी विभाग को कम लागत के बावजूद अच्छा खासा मुनाफा हो रहा है. बागवानी विभाग इस 10 एकड़ के बाग से प्रति एकड़ तकरीबन 50 हजार की आमदनी कर रहा है. गौरतलब है कि इस बाग में सिंचाई बिल्कुल भी नहीं होती, यह बाग पूरी तरह से बरसात के पानी पर आधारित है.

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नूंह: हरियाणा के नूंह में स्थित राजकीय बाग के कैथली बेर (Kaithli berry farming Nuh) सबको अपनी मिठास का दीवाना बना रहे है. देखने में कैथली बेर भले ही हरे रंग के है, लेकिन इनकी मिठास चीनी से कम नहीं है. एक बार जो इन बेर को खा लेता है, वो बार-बार कैथली बेर की डिमांड करता है. पिछले करीब 25 सालों से 10 एकड़ में फैले राजकीय बाग एवं नर्सरी पिनगवां में कैथली बेर का बाग करीब साढ़े 4 एकड़ भूमि पर लगाया गया है. जिससे बागवानी विभाग को तो हर साल लाखों का राजस्व प्राप्त होता ही है, साथ ही ठेकेदार को भी अच्छा मुनाफा प्राप्त होता है.

इस वर्ष बाग से बागवानी विभाग नूंह (Horticulture department Nuh ) को इस बाग से 5 लाख से अधिक का राजस्व प्राप्त हुआ है. वहीं पिछले साल फल अच्छा होने की से बागवानी विभाग को 6 लाख का राजस्व प्राप्त हुआ था. जिला बागवानी विभाग अधिकारी डॉ. दीन मोहम्मद ने बताया कि इस बेर की दूर-दराज तक डिमांड है. वैसे तो राजकीय बाग एवं नर्सरी पिनगवां में 10 एकड़ का बेर का बाग है, लेकिन हमेशा गोला बेर से ज्यादा कैथली बेर मांग रहती है. इस बाग से बागवानी विभाग को तो लाभ होता ही है, साथ ही जिस ठेकेदार ने इस बेर के बाग को लिया है. वह भी इससे अच्छा खासा मुनाफा कमाता है और बहुत से लोगों को बेर तोड़ने का रोजगार भी मिलता है.

नूंह के कैथली बेर लोगों को बना रहे अपनी मिठास का दीवाना, बागवानी विभाग को रहा लाखों का मुनाफा

ये भी पढ़ें- परंपरागत खेती छोड़ किसानों ने अपनाई खेती की नई तकनीक, अब हो रहा लाभ

जिला बागवानी अधिकारी डॉ. दीन मोहम्मद ने बताया कि इस बेर की दूर-दराज तक डिमांड है. कैथली बेर का नाम भी कैथल जिले के नाम पर ही पड़ा है. डॉ. दीन मोहम्मद ने बताया कि हमेशा कैथली बेर अन्य बेरो ती तुलना में 20 फीसदी अधिक महंगे भाव पर बिकते है और इसके खरीददारों की संख्या अच्छी खासी है. वहीं बाग के ठेकेदार ने बताया कि 10 एकड़ में फैले इस बाग में करीब 3 तरह की वैरायटी के बेर होते है. जिनमें से कैथली बेर की मांग सबसे ज्यादा होती है. कैथली बेर बाजार में 80 रूपये प्रति किलो के हिसाब से बिकते है. बेर की मिठास अच्छी होने की वजह से ये अधिक मांग में रहते है.

Kaithli berry farming Nuh
कैथली बेर का पेड़

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वहीं बाग देखने के लिए और बेर खरीदने के लिए राजकीय बाग एवं नर्सरी पिनगवां पर बड़ी संख्या में लोग पहुंचते हैं. वहीं सबसे खास बात तो यह है कि कैथली बैर से बागवानी विभाग को कम लागत के बावजूद अच्छा खासा मुनाफा हो रहा है. बागवानी विभाग इस 10 एकड़ के बाग से प्रति एकड़ तकरीबन 50 हजार की आमदनी कर रहा है. गौरतलब है कि इस बाग में सिंचाई बिल्कुल भी नहीं होती, यह बाग पूरी तरह से बरसात के पानी पर आधारित है.

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