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रामलीला और दशहरा पर्व पर हिन्दू-मुस्लिम एकता की मिसाल है मेवात

मेवात का दशहरा महोत्सव हिंदू-मुस्लिम सौहार्द के लिए पूरे भारत में प्रसिद्ध है. दशहरा महोत्सव के अवसर पर रामलीला मंचन के साथ रावण परिवार के पुतले बनाने में भी मुस्लिम समुदाय के लोग बढ़-चढ़कर हिस्सा लेते हैं.

रामलीला और दशहरा पर्व
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Published : Oct 8, 2019, 8:03 PM IST

नूंह: प्रदेश का नूंह जिला मुस्लिम बहुल जिला है. मेवात क्षेत्र में सदियों से रामलीला का मंचन और दशहरा का पर्व बहुत ही शालीनता और अच्छे तरीके से हिंदू-मुस्लिम एकता भाईचारे के सौहार्द के रूप में मनाया जाता है. रामलीलाओं में किरदार भी हिन्दू-मुस्लिम लोग साथ निभाते आ रहे हैं.

मेवात में हिंदू-मुस्लिम भाईचारा है मिसाल
मेवात के अंदर भाईचारा की मिसाल देखने को मिलती है. दशहरा के पर्व पर रावण का जो पुतला बनाया जाता है, उसे मुस्लिम कलाकार तैयार करते हैं. जब झांकियां और पुतला जलाया जाता है तब भारी तादात में मुस्लिम समाज के लोग देखने के लिए उमड़ते हैं.

रामलीला और दशहरा पर्व पर हिन्दू-मुस्लिम एकता की मिसाल है मेवात, देखें वीडियो

ये भी पढ़ें- देशभर में धूमधाम से मनाया जा रहा विजयादशमी का पर्व, जानें क्या है मान्यता

मेवात जिले की पिनगवां की रामलीला में 40 साल से काम करने वाले अरुण गौतम ने कहा कि रामलीला से आने वाली पीढ़ी को यही सीख मिलती है कि मां-बाप की कद्र करें और उनके वचनों का पालन करें.

बता दें कि पिनगवां कस्बे में दशकों से हिन्दू-मुस्लिम एकता की मिसाल रही है. रामलीला में कलाकारों ने भी अपनी पूरी ताकत झोंक दी है. मनोरंजन और इतिहास को अपने अंदर समेटे रामलीला में बीते रात भरत मिलाप का बेहतरीन मंचन कलाकारों द्वारा किया गया.

नूंह: प्रदेश का नूंह जिला मुस्लिम बहुल जिला है. मेवात क्षेत्र में सदियों से रामलीला का मंचन और दशहरा का पर्व बहुत ही शालीनता और अच्छे तरीके से हिंदू-मुस्लिम एकता भाईचारे के सौहार्द के रूप में मनाया जाता है. रामलीलाओं में किरदार भी हिन्दू-मुस्लिम लोग साथ निभाते आ रहे हैं.

मेवात में हिंदू-मुस्लिम भाईचारा है मिसाल
मेवात के अंदर भाईचारा की मिसाल देखने को मिलती है. दशहरा के पर्व पर रावण का जो पुतला बनाया जाता है, उसे मुस्लिम कलाकार तैयार करते हैं. जब झांकियां और पुतला जलाया जाता है तब भारी तादात में मुस्लिम समाज के लोग देखने के लिए उमड़ते हैं.

रामलीला और दशहरा पर्व पर हिन्दू-मुस्लिम एकता की मिसाल है मेवात, देखें वीडियो

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मेवात जिले की पिनगवां की रामलीला में 40 साल से काम करने वाले अरुण गौतम ने कहा कि रामलीला से आने वाली पीढ़ी को यही सीख मिलती है कि मां-बाप की कद्र करें और उनके वचनों का पालन करें.

बता दें कि पिनगवां कस्बे में दशकों से हिन्दू-मुस्लिम एकता की मिसाल रही है. रामलीला में कलाकारों ने भी अपनी पूरी ताकत झोंक दी है. मनोरंजन और इतिहास को अपने अंदर समेटे रामलीला में बीते रात भरत मिलाप का बेहतरीन मंचन कलाकारों द्वारा किया गया.

Intro:संवाददाता नूंह मेवात।

स्टोरी ;- रामलीला व् दशहेरा पर्व पर हिन्दू -मुश्लिम एकता की मिशाल मेवात

मेवात क्षेत्र मुस्लिम बहामूल्य जिला है। मेवात क्षेत्र में सदियों से रामलीला का मंचन और दशहेरा का पर्व बहुत ही सलीनता और अच्छे तरीके से हिंदू मुस्लिम एकता भाईचारे के सौहार्द के रूप में मनाते हैं। रामलीलाओं में मंचन का किरदार हिन्दू - मुस्लिम लोग निभाते आ रहे है। मेवात के अंदर भाईचारा की मिशाल देखने को मिलती है दशहरा का जो पर्व रावण का जो पुतला बनाया जाता है मुस्लिम कलाकार उसको तैयार करते हैं जब झांकियां और पुतला जलाया जाता है तब भारी तादात में मुस्लिम समाज के लोग देखने उमड़ता है।
मेवात जिले की पिनगवां की रामलीला में 40 साल से काम करने वाले अरुण गौतम ने कहा कि रामलीलाओं से आने वाली पीढ़ी को यही सीख मिलती है कि मां - बाप की कदर करें उनके वचनों का पालन करें।
बतादें कि पिनगवां कस्बे में दशकों से हिन्दू - मुस्लिम एकता की मिशाल रही रामलीलाओं में कलाकारों ने भी अपनी पूरी ताकत झोंक दी है। मनोरंजन और इतिहास को अपने अंदर समेटे रामलीला में बीते रात भरत मिलाप का बेहतरीन मंचन कलाकारों द्वारा किया गया। दर्शकों ने भी कलाकारों का मंचन देखकर दांतों तले उंगलियां दबोच ली। पिनगवां पंचायत कार्यालय प्रांगण में हो रही श्री रामलीलाओं में भीड़ की वजह से पैर रखना तक आसान नहीं है। देर रात तक चलने वाली रामलीलाओं में ब्रज के कलाकारों को भी बुलाया गया है। महिलाओं की बड़ी संख्या रामलीला देखने आती है।

बाइट ;- अरुण गौतम रामलीला कलाकार।
बाइट ;- मनोज गोयल
बाइट ;- कौशल सिंगला।
बाइट ;- बशीर अहमद।
बाइट ;- मोहम्मद रफीक
बाइट ;- सरजीत
बाइट ;- वसीम अकरम।

संवाददाता कासिम खान नूंह मेवात। Body:संवाददाता नूंह मेवात।

स्टोरी ;- रामलीला व् दशहेरा पर्व पर हिन्दू -मुश्लिम एकता की मिशाल मेवात

मेवात क्षेत्र मुस्लिम बहामूल्य जिला है। मेवात क्षेत्र में सदियों से रामलीला का मंचन और दशहेरा का पर्व बहुत ही सलीनता और अच्छे तरीके से हिंदू मुस्लिम एकता भाईचारे के सौहार्द के रूप में मनाते हैं। रामलीलाओं में मंचन का किरदार हिन्दू - मुस्लिम लोग निभाते आ रहे है। मेवात के अंदर भाईचारा की मिशाल देखने को मिलती है दशहरा का जो पर्व रावण का जो पुतला बनाया जाता है मुस्लिम कलाकार उसको तैयार करते हैं जब झांकियां और पुतला जलाया जाता है तब भारी तादात में मुस्लिम समाज के लोग देखने उमड़ता है।
मेवात जिले की पिनगवां की रामलीला में 40 साल से काम करने वाले अरुण गौतम ने कहा कि रामलीलाओं से आने वाली पीढ़ी को यही सीख मिलती है कि मां - बाप की कदर करें उनके वचनों का पालन करें।
बतादें कि पिनगवां कस्बे में दशकों से हिन्दू - मुस्लिम एकता की मिशाल रही रामलीलाओं में कलाकारों ने भी अपनी पूरी ताकत झोंक दी है। मनोरंजन और इतिहास को अपने अंदर समेटे रामलीला में बीते रात भरत मिलाप का बेहतरीन मंचन कलाकारों द्वारा किया गया। दर्शकों ने भी कलाकारों का मंचन देखकर दांतों तले उंगलियां दबोच ली। पिनगवां पंचायत कार्यालय प्रांगण में हो रही श्री रामलीलाओं में भीड़ की वजह से पैर रखना तक आसान नहीं है। देर रात तक चलने वाली रामलीलाओं में ब्रज के कलाकारों को भी बुलाया गया है। महिलाओं की बड़ी संख्या रामलीला देखने आती है।

बाइट ;- अरुण गौतम रामलीला कलाकार।
बाइट ;- मनोज गोयल
बाइट ;- कौशल सिंगला।
बाइट ;- बशीर अहमद।
बाइट ;- मोहम्मद रफीक
बाइट ;- सरजीत
बाइट ;- वसीम अकरम।

संवाददाता कासिम खान नूंह मेवात। Conclusion:संवाददाता नूंह मेवात।

स्टोरी ;- रामलीला व् दशहेरा पर्व पर हिन्दू -मुश्लिम एकता की मिशाल मेवात

मेवात क्षेत्र मुस्लिम बहामूल्य जिला है। मेवात क्षेत्र में सदियों से रामलीला का मंचन और दशहेरा का पर्व बहुत ही सलीनता और अच्छे तरीके से हिंदू मुस्लिम एकता भाईचारे के सौहार्द के रूप में मनाते हैं। रामलीलाओं में मंचन का किरदार हिन्दू - मुस्लिम लोग निभाते आ रहे है। मेवात के अंदर भाईचारा की मिशाल देखने को मिलती है दशहरा का जो पर्व रावण का जो पुतला बनाया जाता है मुस्लिम कलाकार उसको तैयार करते हैं जब झांकियां और पुतला जलाया जाता है तब भारी तादात में मुस्लिम समाज के लोग देखने उमड़ता है।
मेवात जिले की पिनगवां की रामलीला में 40 साल से काम करने वाले अरुण गौतम ने कहा कि रामलीलाओं से आने वाली पीढ़ी को यही सीख मिलती है कि मां - बाप की कदर करें उनके वचनों का पालन करें।
बतादें कि पिनगवां कस्बे में दशकों से हिन्दू - मुस्लिम एकता की मिशाल रही रामलीलाओं में कलाकारों ने भी अपनी पूरी ताकत झोंक दी है। मनोरंजन और इतिहास को अपने अंदर समेटे रामलीला में बीते रात भरत मिलाप का बेहतरीन मंचन कलाकारों द्वारा किया गया। दर्शकों ने भी कलाकारों का मंचन देखकर दांतों तले उंगलियां दबोच ली। पिनगवां पंचायत कार्यालय प्रांगण में हो रही श्री रामलीलाओं में भीड़ की वजह से पैर रखना तक आसान नहीं है। देर रात तक चलने वाली रामलीलाओं में ब्रज के कलाकारों को भी बुलाया गया है। महिलाओं की बड़ी संख्या रामलीला देखने आती है।

बाइट ;- अरुण गौतम रामलीला कलाकार।
बाइट ;- मनोज गोयल
बाइट ;- कौशल सिंगला।
बाइट ;- बशीर अहमद।
बाइट ;- मोहम्मद रफीक
बाइट ;- सरजीत
बाइट ;- वसीम अकरम।

संवाददाता कासिम खान नूंह मेवात।
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