नूंह: गुरुग्राम में बर्ड फ्लू का केस मिलने के बाद अब मेवात का पशुपालन और डेयरी विभाग भी हरकत में आ गया है. विभाग द्वारा नूंह जिले के 18 चिकित्सकों की अलग- अलग टीमें बनाई गई है जो पोल्ट्री फार्म में जाकर पक्षियों के स्वास्थ्य की जांच कर रहे हैं. इस मामले में पशुपालन एवं डेयरी विभाग के उपनिदेशक डॉ नरेंद्र यादव ने बताया कि जिले में अभी तक बर्ड फ्लू से संबंधित कोई मामला सामने नहीं आया है. इसके बावजूद विभाग पूरी सतर्कता बरत रहा है.
उन्होंने बताया कि जिले में 18 चिकित्सकों की टीम गठित कर सभी पोल्ट्री फार्म और ऐसे सभी तालाबों पर कड़ी निगरानी रखी जा रही है जिनमें कई तरह के पक्षी मिलते हैं. लोगों से अपील की जा रही है कि इस तरह का कोई मामला सामने आने पर तुरंत विभागीय अधिकारियों को सूचित करें. इसके अलावा समूचे जिले में मीट की दुकानों पर भी टीमें जांच कर रही है. उन्होंने कहा कि अच्छी तरह से पकाए गए अंडे या चिकन खाने से कोई खतरा नहीं है. 70 डिग्री से अधिक तापमान पर वायरस नष्ट हो जाता है.
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बर्ड फ्लू से बचने के लिए जरूरी है कि बीमार पक्षियों के संपर्क में आने से बचे, बर्ड फ्लू प्रभावित क्षेत्र में नॉनवेज खाने से परहेज करें, मुंह और नाक को मास्क से अच्छी तरह से ढकें. उन्होंने बताया कि अगर किसी व्यक्ति को बुखार के साथ-साथ नाक से खून निकलना, लगातार कफ या बलगम का बहना, सिर में दर्द, गले में सूजन और उल्टी दस्त के साथ मांसपेशियों में दर्द है तो वो तुरंत डॉक्टर को दिखाए. वहीं अगर पक्षियों की बात करें तो पक्षियों के नाक और आंख से पानी बहना, भूख कम लगना, पक्षी के पैरों में खून के धब्बे दिखाई देना, पंखों का अधिक संख्या में गिरना मुख्य लक्षण है.