चंडीगढ़: नूंह वासियों के लिए एक अच्छी खबर है. दरअसल, नूंह की डेल्टा रैंकिंग 30वें स्थान से अब दूसरे नंबर पर पहुंच गई है. नूंह जिला उपायुक्त ने बताया कि आकांक्षी जिला को लेकर हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने पिछले महीने संबंधित विभागों की बैठक ली थी. जिसमें जरूरी दिशा निर्देश जारी किए गए थे. इसी का परिणाम है कि देश के 112 आकांक्षी जिलों की सूची में नूंह जिला दूसरे नंबर पर पहुंच पाया है.
ये भी पढ़ें: Mihir Bhoj Controversy: हाईकोर्ट के आदेश के बाद मिहिर भोज की मूर्ति पर लिखे 'गुर्जर' शब्द को ढका गया
नूंह जिला उपायुक्त धीरेंद्र खड़गटा ने कहा कि आकांशी जिलों के बाकी पैरामीटर पर भी जिले की रैंकिंग को सुधारने की कोशिश जारी है. उन्होंने बताया कि कृषि एवं जल संसाधन में जिले की रैंकिंग पहले स्थान पर रही है. इसका स्कोर 26.2 से बढ़कर 30.7 हुआ है. वहीं, स्वास्थ्य एवं पोषण में जिले की रैंकिंग दूसरे स्थान पर रही है. जिसका स्कोर 64.9 से बढ़कर 71.3 हुआ है. बाकी विभागों की रैंकिंग में भी निरंतर सुधार के चलते जिला दूसरे स्थान पर पहुंचा है.
जिला उपायुक्त ने कहा कि नीति आयोग द्वारा देशभर के 112 आकांक्षी जिलों की सूची बनाई गई थी. जिसमें लगभग 87 पैरामीटर तय किए गए थे. इनमें ड्रॉपआउट, संस्थागत डिलीवरी, सिंचाई, कृषि, सेहत सहित अन्य विभागों के बहुत से काम थे. इन सभी में सुधार करने की जरूरत थी. नूंह जिला लगातार अपनी रैंकिंग में सुधार कर रहा है. जिले के संबंधित विभागों के अधिकारी व कर्मचारी जिले को पिछड़े जिलों की सूची से बाहर निकालने में भरपूर मेहनत कर रहे हैं. आज जिले के नागरिकों की जागरूकता व प्रशासनिक अधिकारियों की मेहनत का ही नतीजा है कि नूंह पूरे देश में आकांक्षी जिलों की डेल्टा रैंकिंग में दूसरे स्थान पर आया है.
ये भी पढ़ें: स्वतंत्रता दिवस पर विशेष छूट के तहत 43 कैदियों को रिहा करेगी हरियाणा सरकार, जानिए किनको मिलेगी जेल से आजादी
धीरेंद्र खड़गटा ने कहा कि आकांक्षी जिला कार्यक्रम अपने नागरिकों के जीवन स्तर को बढ़ाने और ‘सबका साथ सबका विकास’ के दृष्टिकोण के तहत सभी के लिए समावेशी विकास सुनिश्चित करने के सरकार के प्रयास का एक हिस्सा है. उन्होंने कहा कि आकांक्षी जिला कार्यक्रम का उद्देश्य स्वास्थ्य और पोषण, शिक्षा और कृषि, जल संसाधन आदि में बड़े पैमाने पर सुधार कर लोगों को लाभ देना है.