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नूंहः करीब 5 हजार छात्राओं को छोड़ना पड़ा स्कूल क्योंकि अपग्रेड नहीं हुए स्कूल - नूंह 5 हजार छात्राओं ने छोड़ा स्कूल

नूंह में अधिकतर स्कूली छात्राओं को 8वीं के बाद स्कूल छोड़ना पड़ता है जिसका मुख्य कारण स्कूल का अपग्रेड न होना है. स्कूली छात्राओं को 8वीं के बाद पढ़ाई के लिए 8 से 10 किलोमीटर दूर जाना पड़ता है.

five thousand girs drop out  school in nuh
five thousand girs drop out school in nuh
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Published : Dec 9, 2019, 11:38 PM IST

नूंह: जिले में छात्रों की बढ़ती संख्या के बावजूद नगीना और फिरोजपुर झिरका खंड में स्कूलों का अपग्रेड नहीं होना लड़कियों की शिक्षा पर भारी पड़ रहा है. ऐसे में 8 से 10 और कहीं-कहीं 15 किलोमीटर दूर लड़कियों को पढ़ने के लिए जाने पड़ता है. जिसकी वजह से लड़कियों को बीच में अपनी पढ़ाई छोड़ने पड़ती है.

स्कूल अपग्रेड करने की मांग

नगीना और फिरोजपुर झिरका के लोग लंबे समय से स्कूल अपग्रेड करने की मांग उठाते रहे हैं, लेकिन सरकार के ढुलमुल रवैया के कारण यहां की छात्राएं पढ़ नहीं पा रही हैं. स्कूल दूर होने की वजह से लड़कियों के अभिभावक उनको स्कूल नहीं भेजते हैं. शायद यही कारण है कि फिरोजपुर झिरका विधानसभा क्षेत्र के करीब 65 गांव की 5 हजार छात्राओं ने 8वीं के बाद स्कूल जाना छोड़ दिया है.

नूंहः करीब 5 हजार छात्राओं को छोड़ना पड़ा स्कूल क्योंकि अपग्रेड नहीं हुए स्कूल

65 गांव की 5 हजार छात्राओं ने छोड़े स्कूल

सामाजिक संगठन मेवात आरटीआई संयोजक राजुद्दीन ने का कहना है कि आंकड़ों के अनुसार 65 गांव में पिछले 5 साल के दौरान 5 हजार से अधिक लड़कियों ने ड्रॉपआउट कर दिया है. नांगल मुबारिकपुर गांव के मिडिल स्कूल में 251 से अधिक बच्चे पढ़ते हैं. अपग्रेड के लिए प्रस्ताव दिया गया, लेकिन सरकार की ओर से कोई कार्रवाई नहीं की गई.

नांगल मुबारिकपुर के सरपंच जुबेर अहमद के मुताबिक ड्रॉपआउट को रोकने के लिए सरकार को स्कूलों को अपग्रेड कराना होगा. शिक्षकों की कमी पूरी करनी होगी. अभिभावकों का भरोसा जीतना होगा तब जाकर 'बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ' का नारा सार्थक साबित होगा. दूर-दूर गांव से स्कूल में पढ़ने आ रही छात्राओं का कहना है कि गांव से स्कूल की दूरी अधिक है परिवार के लोग दूर जाने से मना करते हैं इसलिए लड़कियां आगे नहीं पढ़ पा रही हैं.

10 किलोमीटर दूर पढ़ने जाती हैं छात्राएं

बसई खांजादा गांव के स्कूल में 117 विद्यार्थी पिछले साल दसवीं में पढ़ाई कर रहे हैं. अब 150 के आसपास विद्यार्थी पढ़ रहे हैं. इसी प्रकार मरोड़ा गांव के स्कूल में 132 विद्यार्थी राजकीय माध्यमिक विद्यालय में पढ़ाई कर रहे हैं, जिनमें मात्र 45 छात्राएं पढ़ाई कर रही हैं. छात्राओं को आगे पढ़ने के लिए 8 से 10 किलोमीटर दूर नगीना और पिनगवां राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय जाना पड़ता है.

ये भी पढ़ें:- नागरिकता संशोधन बिल पर बोले अनिल विज, दुनियाभर में सताए हुए मुसलमान पाकिस्तान जाएं

इसी प्रकार उमरा गांव के दसवीं में 71 लड़के और 40 लड़कियां पढ़ाई कर रही है, जबकि इसके आसपास कोई बारहवीं का कोई स्कूल नहीं है. अधिकतर लड़कियां दूरी के कारण ड्रॉपआउट हो जाती हैं. नगीना खंड के खेड़ली नूंह, घागस और फिरोजपुर झिरका खंड के आधा दर्जन गांव के स्कूलों को अपग्रेड कराने की मांग एक दशक से हो रही है.

नगीना के खंड शिक्षा अधिकारी हयात खान का कहना है कि आधा दर्जन स्कूलों को अपग्रेड कराने का प्रयास किया जा रहा है. उच्चाधिकारियों को रिपोर्ट भेजी हुई है. लड़कियों का ड्रॉप आउट पर घटा है लेकिन दूर स्कूल होने के कारण ड्रॉपआउट रोक पाना कठिन है.

नूंह: जिले में छात्रों की बढ़ती संख्या के बावजूद नगीना और फिरोजपुर झिरका खंड में स्कूलों का अपग्रेड नहीं होना लड़कियों की शिक्षा पर भारी पड़ रहा है. ऐसे में 8 से 10 और कहीं-कहीं 15 किलोमीटर दूर लड़कियों को पढ़ने के लिए जाने पड़ता है. जिसकी वजह से लड़कियों को बीच में अपनी पढ़ाई छोड़ने पड़ती है.

स्कूल अपग्रेड करने की मांग

नगीना और फिरोजपुर झिरका के लोग लंबे समय से स्कूल अपग्रेड करने की मांग उठाते रहे हैं, लेकिन सरकार के ढुलमुल रवैया के कारण यहां की छात्राएं पढ़ नहीं पा रही हैं. स्कूल दूर होने की वजह से लड़कियों के अभिभावक उनको स्कूल नहीं भेजते हैं. शायद यही कारण है कि फिरोजपुर झिरका विधानसभा क्षेत्र के करीब 65 गांव की 5 हजार छात्राओं ने 8वीं के बाद स्कूल जाना छोड़ दिया है.

नूंहः करीब 5 हजार छात्राओं को छोड़ना पड़ा स्कूल क्योंकि अपग्रेड नहीं हुए स्कूल

65 गांव की 5 हजार छात्राओं ने छोड़े स्कूल

सामाजिक संगठन मेवात आरटीआई संयोजक राजुद्दीन ने का कहना है कि आंकड़ों के अनुसार 65 गांव में पिछले 5 साल के दौरान 5 हजार से अधिक लड़कियों ने ड्रॉपआउट कर दिया है. नांगल मुबारिकपुर गांव के मिडिल स्कूल में 251 से अधिक बच्चे पढ़ते हैं. अपग्रेड के लिए प्रस्ताव दिया गया, लेकिन सरकार की ओर से कोई कार्रवाई नहीं की गई.

नांगल मुबारिकपुर के सरपंच जुबेर अहमद के मुताबिक ड्रॉपआउट को रोकने के लिए सरकार को स्कूलों को अपग्रेड कराना होगा. शिक्षकों की कमी पूरी करनी होगी. अभिभावकों का भरोसा जीतना होगा तब जाकर 'बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ' का नारा सार्थक साबित होगा. दूर-दूर गांव से स्कूल में पढ़ने आ रही छात्राओं का कहना है कि गांव से स्कूल की दूरी अधिक है परिवार के लोग दूर जाने से मना करते हैं इसलिए लड़कियां आगे नहीं पढ़ पा रही हैं.

10 किलोमीटर दूर पढ़ने जाती हैं छात्राएं

बसई खांजादा गांव के स्कूल में 117 विद्यार्थी पिछले साल दसवीं में पढ़ाई कर रहे हैं. अब 150 के आसपास विद्यार्थी पढ़ रहे हैं. इसी प्रकार मरोड़ा गांव के स्कूल में 132 विद्यार्थी राजकीय माध्यमिक विद्यालय में पढ़ाई कर रहे हैं, जिनमें मात्र 45 छात्राएं पढ़ाई कर रही हैं. छात्राओं को आगे पढ़ने के लिए 8 से 10 किलोमीटर दूर नगीना और पिनगवां राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय जाना पड़ता है.

ये भी पढ़ें:- नागरिकता संशोधन बिल पर बोले अनिल विज, दुनियाभर में सताए हुए मुसलमान पाकिस्तान जाएं

इसी प्रकार उमरा गांव के दसवीं में 71 लड़के और 40 लड़कियां पढ़ाई कर रही है, जबकि इसके आसपास कोई बारहवीं का कोई स्कूल नहीं है. अधिकतर लड़कियां दूरी के कारण ड्रॉपआउट हो जाती हैं. नगीना खंड के खेड़ली नूंह, घागस और फिरोजपुर झिरका खंड के आधा दर्जन गांव के स्कूलों को अपग्रेड कराने की मांग एक दशक से हो रही है.

नगीना के खंड शिक्षा अधिकारी हयात खान का कहना है कि आधा दर्जन स्कूलों को अपग्रेड कराने का प्रयास किया जा रहा है. उच्चाधिकारियों को रिपोर्ट भेजी हुई है. लड़कियों का ड्रॉप आउट पर घटा है लेकिन दूर स्कूल होने के कारण ड्रॉपआउट रोक पाना कठिन है.

Intro:संवाददाता नूंह मेवात 
स्टोरी :- स्कूलों के अपग्रेड नहीं होने से उच्च शिक्षा से वंचित हो रही बेटियां , 8 से 10 किलोमीटर दूर स्कूल होने के कारण बढ़ रहा ड्रॉपआउट 
मेवात जिले में छात्रों की बढ़ती संख्या के बावजूद क्षेत्र के नगीना व फिरोजपुर झिरका खंड में स्कूलों का अपग्रेड नहीं होना बेटियों की शिक्षा पर भारी पड़ रहा है। ऐसे में 8 से 10 और कहीं-कहीं 15 किलोमीटर दूर बेटियों को आठवीं कक्षा के बाद अपने गांवों से दूर 10वीं और 12वीं की शिक्षा लेने की झंझट झेलनी पड़ रही है। कुछ स्कूलों को लंबे वक्त से अपग्रेड करने की मांग उठती आ रही है परंतु सरकार के उदासीन रवैया ने बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ अभियान पर प्रश्नचिन्ह खड़े किए हैं। यही कारण है कि फिरोजपुर झिरका विधानसभा क्षेत्र के 65 गांव में 5 हजार से अधिक बेटियों ने आठवीं के बाद स्कूल छोड़ दिया। Vo-----1सामाजिक संगठन मेवात आरटीआई मंच संयोजक राजुद्दीन ने बताया कि आंकड़ों के अनुसार 65 गांव में पिछले 5 साल के दौरान 5000 से अधिक लड़कियां ड्रॉपआउट हुई है। नांगल मुबारिकपुर गांव के मिडिल स्कूल में 251 से अधिक बच्चे पढ़ते हैं। अपग्रेड के लिए प्रस्ताव दिया गया, कोई कार्रवाई नहीं हुई। Vo-----2नांगल मुबारिकपुर के सरपंच जुबेर अहमद ने बताया कि ड्रॉपआउट को रोकने के लिए  सरकार को  स्कूलों को अपग्रेड कराना होगा शिक्षकों की कमी पूरी करनी होगी अभिभावकों का भरोसा जीतना होगा तब जाकर बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ का नारा सार्थक साबित होगा। Vo-----3दूर-दूर गांव से स्कूल में पढ़ने आ रही छात्राओं का कहना है कि गांव से स्कूल की दूरी अधिक है परिवार के लोग दूर जाने से मना करते हैं इसलिए लड़कियां आगे नहीं पढ़ पा रही हैं।Vo-----4स्कूल में पढ़ा रहे अध्यापकों ने भी माना है कि लड़कियों का ड्रॉपआउट बढ़ रहा है जिसका मुख्य कारण है स्कूल का अपग्रेड नहीं होना तथा स्कूल की गांव से दूरी अधिक होना माना गया है कुछ परिवार ऐसे हैं जो अपने लड़कियों को दूर पढ़ने के लिए नहीं भेज रहे हैं यही मुख्य कारण है कि इस ब्लॉक में सबसे अधिक ड्रॉपआउट हो रहा हैVo-----5वही बसई खांजादा गांव के स्कूल में 117 विद्यार्थी पिछले साल दसवीं में पढ़ाई कर रहे है। अब 150 के आसपास विद्यार्थी पढ़ रहे हैं। इसी प्रकार मरोड़ा गांव के स्कूल में 132 विद्यार्थी राजकीय माध्यमिक विद्यालय में पढ़ाई कर रहे हैं जिनमें आज मात्र 45 छात्राएं पढ़ाई कर रही है छात्राओं को आगे पढ़ने के लिए 8 से 10 किलोमीटर दूर नगीना व पिनगवां राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय जाना पड़ता है। इसी प्रकार उमरा गांव के दसवीं में 71 लड़के और 40 लड़कियां पढ़ाई कर रही है जबकि इसके आसपास कोई बारहवीं का कोई स्कूल नहीं है  अधिकतर लड़कियां दूरी के कारण ड्रॉपआउट हो जाती हैं। नगीना खंड के खेड़ली नूंह, घागस और फिरोजपुर झिरका खंड के आधा दर्जन गांव के स्कूलों को अपग्रेड कराने की मांग एक दशक से हो रही है। Vo----5नगीना के खंड शिक्षा अधिकारी हयात खान ने बताया कि आधा दर्जन स्कूलों को अपग्रेड कराने का प्रयास किया जा रहा है। उच्चाधिकारियों को रिपोर्ट भेजी हुई है। लड़कियों का ड्रॉप आउट पर घटा है लेकिन दूर स्कूल होने के कारण ड्रॉपआउट रोक पाना कठिन है। 
बाइट :- हयात खान खंड शिक्षा अधिकारी नगीना।बाइट :- राजु दीन समाजसेवी।बाइट :- नूरुद्दीन प्राइमरी अध्यापक।बाइट :- मोहम्मद हनीफ मिडिल अध्यापक।बाइट :- जुबेर अहमद सरपंच।बाइट :- स्कूली छात्राएं।संवाददाता कासिम खान नूंह मेवात। Body:संवाददाता नूंह मेवात 
स्टोरी :- स्कूलों के अपग्रेड नहीं होने से उच्च शिक्षा से वंचित हो रही बेटियां , 8 से 10 किलोमीटर दूर स्कूल होने के कारण बढ़ रहा ड्रॉपआउट 
मेवात जिले में छात्रों की बढ़ती संख्या के बावजूद क्षेत्र के नगीना व फिरोजपुर झिरका खंड में स्कूलों का अपग्रेड नहीं होना बेटियों की शिक्षा पर भारी पड़ रहा है। ऐसे में 8 से 10 और कहीं-कहीं 15 किलोमीटर दूर बेटियों को आठवीं कक्षा के बाद अपने गांवों से दूर 10वीं और 12वीं की शिक्षा लेने की झंझट झेलनी पड़ रही है। कुछ स्कूलों को लंबे वक्त से अपग्रेड करने की मांग उठती आ रही है परंतु सरकार के उदासीन रवैया ने बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ अभियान पर प्रश्नचिन्ह खड़े किए हैं। यही कारण है कि फिरोजपुर झिरका विधानसभा क्षेत्र के 65 गांव में 5 हजार से अधिक बेटियों ने आठवीं के बाद स्कूल छोड़ दिया। Vo-----1सामाजिक संगठन मेवात आरटीआई मंच संयोजक राजुद्दीन ने बताया कि आंकड़ों के अनुसार 65 गांव में पिछले 5 साल के दौरान 5000 से अधिक लड़कियां ड्रॉपआउट हुई है। नांगल मुबारिकपुर गांव के मिडिल स्कूल में 251 से अधिक बच्चे पढ़ते हैं। अपग्रेड के लिए प्रस्ताव दिया गया, कोई कार्रवाई नहीं हुई। Vo-----2नांगल मुबारिकपुर के सरपंच जुबेर अहमद ने बताया कि ड्रॉपआउट को रोकने के लिए  सरकार को  स्कूलों को अपग्रेड कराना होगा शिक्षकों की कमी पूरी करनी होगी अभिभावकों का भरोसा जीतना होगा तब जाकर बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ का नारा सार्थक साबित होगा। Vo-----3दूर-दूर गांव से स्कूल में पढ़ने आ रही छात्राओं का कहना है कि गांव से स्कूल की दूरी अधिक है परिवार के लोग दूर जाने से मना करते हैं इसलिए लड़कियां आगे नहीं पढ़ पा रही हैं।Vo-----4स्कूल में पढ़ा रहे अध्यापकों ने भी माना है कि लड़कियों का ड्रॉपआउट बढ़ रहा है जिसका मुख्य कारण है स्कूल का अपग्रेड नहीं होना तथा स्कूल की गांव से दूरी अधिक होना माना गया है कुछ परिवार ऐसे हैं जो अपने लड़कियों को दूर पढ़ने के लिए नहीं भेज रहे हैं यही मुख्य कारण है कि इस ब्लॉक में सबसे अधिक ड्रॉपआउट हो रहा हैVo-----5वही बसई खांजादा गांव के स्कूल में 117 विद्यार्थी पिछले साल दसवीं में पढ़ाई कर रहे है। अब 150 के आसपास विद्यार्थी पढ़ रहे हैं। इसी प्रकार मरोड़ा गांव के स्कूल में 132 विद्यार्थी राजकीय माध्यमिक विद्यालय में पढ़ाई कर रहे हैं जिनमें आज मात्र 45 छात्राएं पढ़ाई कर रही है छात्राओं को आगे पढ़ने के लिए 8 से 10 किलोमीटर दूर नगीना व पिनगवां राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय जाना पड़ता है। इसी प्रकार उमरा गांव के दसवीं में 71 लड़के और 40 लड़कियां पढ़ाई कर रही है जबकि इसके आसपास कोई बारहवीं का कोई स्कूल नहीं है  अधिकतर लड़कियां दूरी के कारण ड्रॉपआउट हो जाती हैं। नगीना खंड के खेड़ली नूंह, घागस और फिरोजपुर झिरका खंड के आधा दर्जन गांव के स्कूलों को अपग्रेड कराने की मांग एक दशक से हो रही है। Vo----5नगीना के खंड शिक्षा अधिकारी हयात खान ने बताया कि आधा दर्जन स्कूलों को अपग्रेड कराने का प्रयास किया जा रहा है। उच्चाधिकारियों को रिपोर्ट भेजी हुई है। लड़कियों का ड्रॉप आउट पर घटा है लेकिन दूर स्कूल होने के कारण ड्रॉपआउट रोक पाना कठिन है। 
बाइट :- हयात खान खंड शिक्षा अधिकारी नगीना।बाइट :- राजु दीन समाजसेवी।बाइट :- नूरुद्दीन प्राइमरी अध्यापक।बाइट :- मोहम्मद हनीफ मिडिल अध्यापक।बाइट :- जुबेर अहमद सरपंच।बाइट :- स्कूली छात्राएं।संवाददाता कासिम खान नूंह मेवात। Conclusion:संवाददाता नूंह मेवात 
स्टोरी :- स्कूलों के अपग्रेड नहीं होने से उच्च शिक्षा से वंचित हो रही बेटियां , 8 से 10 किलोमीटर दूर स्कूल होने के कारण बढ़ रहा ड्रॉपआउट 
मेवात जिले में छात्रों की बढ़ती संख्या के बावजूद क्षेत्र के नगीना व फिरोजपुर झिरका खंड में स्कूलों का अपग्रेड नहीं होना बेटियों की शिक्षा पर भारी पड़ रहा है। ऐसे में 8 से 10 और कहीं-कहीं 15 किलोमीटर दूर बेटियों को आठवीं कक्षा के बाद अपने गांवों से दूर 10वीं और 12वीं की शिक्षा लेने की झंझट झेलनी पड़ रही है। कुछ स्कूलों को लंबे वक्त से अपग्रेड करने की मांग उठती आ रही है परंतु सरकार के उदासीन रवैया ने बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ अभियान पर प्रश्नचिन्ह खड़े किए हैं। यही कारण है कि फिरोजपुर झिरका विधानसभा क्षेत्र के 65 गांव में 5 हजार से अधिक बेटियों ने आठवीं के बाद स्कूल छोड़ दिया। Vo-----1सामाजिक संगठन मेवात आरटीआई मंच संयोजक राजुद्दीन ने बताया कि आंकड़ों के अनुसार 65 गांव में पिछले 5 साल के दौरान 5000 से अधिक लड़कियां ड्रॉपआउट हुई है। नांगल मुबारिकपुर गांव के मिडिल स्कूल में 251 से अधिक बच्चे पढ़ते हैं। अपग्रेड के लिए प्रस्ताव दिया गया, कोई कार्रवाई नहीं हुई। Vo-----2नांगल मुबारिकपुर के सरपंच जुबेर अहमद ने बताया कि ड्रॉपआउट को रोकने के लिए  सरकार को  स्कूलों को अपग्रेड कराना होगा शिक्षकों की कमी पूरी करनी होगी अभिभावकों का भरोसा जीतना होगा तब जाकर बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ का नारा सार्थक साबित होगा। Vo-----3दूर-दूर गांव से स्कूल में पढ़ने आ रही छात्राओं का कहना है कि गांव से स्कूल की दूरी अधिक है परिवार के लोग दूर जाने से मना करते हैं इसलिए लड़कियां आगे नहीं पढ़ पा रही हैं।Vo-----4स्कूल में पढ़ा रहे अध्यापकों ने भी माना है कि लड़कियों का ड्रॉपआउट बढ़ रहा है जिसका मुख्य कारण है स्कूल का अपग्रेड नहीं होना तथा स्कूल की गांव से दूरी अधिक होना माना गया है कुछ परिवार ऐसे हैं जो अपने लड़कियों को दूर पढ़ने के लिए नहीं भेज रहे हैं यही मुख्य कारण है कि इस ब्लॉक में सबसे अधिक ड्रॉपआउट हो रहा हैVo-----5वही बसई खांजादा गांव के स्कूल में 117 विद्यार्थी पिछले साल दसवीं में पढ़ाई कर रहे है। अब 150 के आसपास विद्यार्थी पढ़ रहे हैं। इसी प्रकार मरोड़ा गांव के स्कूल में 132 विद्यार्थी राजकीय माध्यमिक विद्यालय में पढ़ाई कर रहे हैं जिनमें आज मात्र 45 छात्राएं पढ़ाई कर रही है छात्राओं को आगे पढ़ने के लिए 8 से 10 किलोमीटर दूर नगीना व पिनगवां राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय जाना पड़ता है। इसी प्रकार उमरा गांव के दसवीं में 71 लड़के और 40 लड़कियां पढ़ाई कर रही है जबकि इसके आसपास कोई बारहवीं का कोई स्कूल नहीं है  अधिकतर लड़कियां दूरी के कारण ड्रॉपआउट हो जाती हैं। नगीना खंड के खेड़ली नूंह, घागस और फिरोजपुर झिरका खंड के आधा दर्जन गांव के स्कूलों को अपग्रेड कराने की मांग एक दशक से हो रही है। Vo----5नगीना के खंड शिक्षा अधिकारी हयात खान ने बताया कि आधा दर्जन स्कूलों को अपग्रेड कराने का प्रयास किया जा रहा है। उच्चाधिकारियों को रिपोर्ट भेजी हुई है। लड़कियों का ड्रॉप आउट पर घटा है लेकिन दूर स्कूल होने के कारण ड्रॉपआउट रोक पाना कठिन है। 
बाइट :- हयात खान खंड शिक्षा अधिकारी नगीना।बाइट :- राजु दीन समाजसेवी।बाइट :- नूरुद्दीन प्राइमरी अध्यापक।बाइट :- मोहम्मद हनीफ मिडिल अध्यापक।बाइट :- जुबेर अहमद सरपंच।बाइट :- स्कूली छात्राएं।संवाददाता कासिम खान नूंह मेवात। 
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