नूंह: धूल भरी तेज हवाओं के कारण गेहूं की फसल की कटाई कम होने और सरसों की फसल के भाव सरकारी खरीद से ज्यादा होने की वजह से सरकारी खरीद के पहले दिन यानी की 1 अप्रैल को अनाज मंडियों में खास रौनक देखने को नहीं मिली है. हां दर्जनों किसान अपने ट्रैक्टर- ट्रॉली में गेहूं की फसल को लेकर जिला मुख्यालय नूंह की अनाज मंडी में जरूर पहुंचे.
वहीं अगर बात अनाज मंडी में दी जाने वाली सुविधाओं की करें तो यहां इस बार पीने के पानी, शौचालय साफ- सफाई, बिजली इत्यादि की बेहतर व्यवस्था देखने को मिल रही है. इस बार गेहूं के अच्छे उत्पादन की भी उम्मीद है. अगर भाव की बात करें तो सरकारी खरीद गेहूं की 1975 रुपये और सरसों की सरकारी खरीद 4650 प्रति क्विंटल की दर से हो रही है.
बता दें कि इस बार सरकार ने देर से सरसों की सरकारी खरीद शुरू की है. ऊपर से भाव भी बाहर खरीद के मुकाबले कम मिल रहा है. अनाज मंडी से बाहर सरसों के खरीददार 5000 रुपये प्रति क्विंटल है. हां गेहूं की फसल या खरीददार बाहर कम ही मिल रहा है, इसलिए किसानों को गेहूं की फसल अनाज मंडियों में ले जानी पड़ रही है.
गौरतलब है कि पिछले कई दिनों से हरियाणा में धूल भरी तेज हवाएं हवाएं चल रही हैं, जिसकी वजह से गेहूं के उठान में दिक्कत आ रही है. यही कारण है कि अनाज मंडियों में जहां गेहूं के अलग-अलग बड़े ढेर दिखाई पड़ने थे. वहां गिने-चुने गेहूं के ढेर ही दिखाई दे रहे हैं.
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कुल मिलाकर अनाज मंडी में गेहूं की आवक देखने को मिल रही हैं, लेकिन सरसो अनाज मंडी से पूरी तरह से गायब है. वैसे हरियाणा के नूंह जिले में किसान आगामी 14 अप्रैल से शुरू हो रहे रमजान के पाक महीने से पहले ही अपनी गेहूं की फसल को उठा कर आराम से अल्लाह की इबादत में लगने के लिए दिन रात मेहनत कर रहे हैं.
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मार्केट कमेटी सचिव कृष्ण कुमार ने पत्रकारों से बातचीत के दौरान कहा कि सभी इंतजाम पूरे कर लिए हैं और गेहूं की आवक अनाज मंडी में शुरू हो गई है, लेकिन इस बार सरसों के भाव बाहर ही अच्छे मिल रहे हैं, इसलिए अनाज मंडी में किसान अपनी सरसों की फसल को नहीं लेकर आ रहे हैं.