ETV Bharat / state

आसमान से बरसी आफत, 200 गांवों में किसानों की फसल प्रभावित

नूंह में अचानक हुई बरसात ने किसानों को परेशानी में डाल दिया. जिले के करीब 200 गांवों के किसानों की फसल प्रभावित हुई है.

farmers' crop deteriorated due to rain in nuh
आसमान से बरसी आफत
author img

By

Published : Dec 13, 2019, 7:54 PM IST

नूंह: मौसम ने करवट ली तो किसान के माथे पर चिंता की लकीरें उस समय पड़ गई जब बरसात की जगह ओले आसमान से गिरने लगे. कच्ची सरसों की फसल ओले की मार से नतमस्तक हो गई. मौसम के बदले मिजाज से किसानों को भारी नुकसान का सामना करना पड़ा.

पूरी तरह चौपट हुई किसानों की फसल
वहीं बात अगर सब्जियों की करे तो किसानों की पूरी फसल चौपट हो गई. ओलावृष्टि से सबसे ज्यादा नुकसान नूंह, नगीना, पिनगवां, पुन्हाना खंड में हुआ है. इससे करीब 200 गांवों के लाखों किसानों की फसल प्रभावित हुई है.

आसमान से बरसी आफत

कृषि विभाग एसडीओ से ले रहा ओलावृष्टि की रिपोर्ट
नूंह खंड में 8 एमएम, तावडू में 12 एमएम, फिरोजपुर झिरका में 2 एमएम, नगीना खंड में 6 एमएम, पुन्हाना में 5 एमएम बरसात दर्ज की गई है. कृषि विभाग ओलावृष्टि की रिपोर्ट एसडीओ से ले रहा है. किसानों की फसल बीमा योजना का लाभ उठाना चाहिए ताकि इस तरह की आपदा में किसान की आर्थिक मदद हो सकती है.

ये भी पढ़ें: अब किचन में 'विदेशी' तड़का लगाने के लिए हो जाएं तैयार, मंडियों में आया विदेशी प्याज

नूंह: मौसम ने करवट ली तो किसान के माथे पर चिंता की लकीरें उस समय पड़ गई जब बरसात की जगह ओले आसमान से गिरने लगे. कच्ची सरसों की फसल ओले की मार से नतमस्तक हो गई. मौसम के बदले मिजाज से किसानों को भारी नुकसान का सामना करना पड़ा.

पूरी तरह चौपट हुई किसानों की फसल
वहीं बात अगर सब्जियों की करे तो किसानों की पूरी फसल चौपट हो गई. ओलावृष्टि से सबसे ज्यादा नुकसान नूंह, नगीना, पिनगवां, पुन्हाना खंड में हुआ है. इससे करीब 200 गांवों के लाखों किसानों की फसल प्रभावित हुई है.

आसमान से बरसी आफत

कृषि विभाग एसडीओ से ले रहा ओलावृष्टि की रिपोर्ट
नूंह खंड में 8 एमएम, तावडू में 12 एमएम, फिरोजपुर झिरका में 2 एमएम, नगीना खंड में 6 एमएम, पुन्हाना में 5 एमएम बरसात दर्ज की गई है. कृषि विभाग ओलावृष्टि की रिपोर्ट एसडीओ से ले रहा है. किसानों की फसल बीमा योजना का लाभ उठाना चाहिए ताकि इस तरह की आपदा में किसान की आर्थिक मदद हो सकती है.

ये भी पढ़ें: अब किचन में 'विदेशी' तड़का लगाने के लिए हो जाएं तैयार, मंडियों में आया विदेशी प्याज

Intro:संवाददाता नूह मेवात
स्टोरी ;- ओलावृष्टि से सरसों - गेंहू फसल को नुकसान
मौसम ने करवट ली तो किसान के माथे पर चिंता की लकीरें उस समय पड़ गई जब बरसात की जगह सूखे ओला आसमान से गिरने लगे। ओला जिस समय गिर रहे थे , उस समय धरती मानों किसी सफ़ेद चादर की तरह बिछ गई हो। कच्ची सरसों की फसल ओला की मार से नतमस्तक हो गई। कुछ पेड़ टूट गए तो कुछ ओला की मार सहन कर गए। गेंहू को नुकसान तो हुआ लेकिन सरसों के मुकाबले काफी कम नुकसान हुआ। वहीं अगर बात सब्जी फसलों की करें तो टमाटर इत्यादि सब्जी फसल खेतों में पूरी तरह चौपट हो गई। ओलावृष्टि का नुकसान नूह , नगीना , पिनगवां , पुन्हाना खंड में हुआ। करीब 200 गांवों के लाखों किसानों की फसल इससे प्रभावित हुई।
किसान रोजाना की तरह ठंड और आसमान में बादल छाए होने की वजह से खाना खाकर सोने की तैयारी कर रहा था। तभी तेज हवा के साथ गरज शुरू हुई। किसान अपने मवेशियों तक को घरों में अंदर सुरक्षित स्थानों पर बांधने की सोचने लगा। अचानक बरसात के बजाय सफ़ेद ओलावृष्टि होने लगी। किसान कुछ समझ पाता , तब तक सफ़ेद चादर घरों से लेकर खेतों तक में बिछ चुकी थी। ओला गिरने की आवाज तीन या फर्श इत्यादि पर गिरने के बाद इतनी जोर से आ रही थी कि बच्चे , जवान , बुजुर्ग सब घबरा गये। कच्चे मकान , झोंपड़ी इत्यादि वाले परिवारों की तो मानों जान पर बन आई। भादस , मालब , अलालपुर , पिनगवां , तेड , शिकरावा , बिसरू , सुल्तानपुर , गुबराड़ी , गुलालता सहित सैकड़ों गांवों में ओलावृष्टि से हुई नुकसान की जानकारी लोग सोशल मीडिया पर सांझा करने लगे। शुक्रवार सुबह तक सरकार की तरफ से कोई गिरदावरी कराने जैसी राहत की खबर किसानों के लिए नहीं आई। कृषि विभाग के मुताबिक ओलावृष्टि से नुकसान है , तो बाकि जगहों पर सोने के समान है। नूह खंड में 8 एमएम , तावडू में 12 एमएम , फिरोजपुर झिरका में 2 एमएम , नगीना खंड में 6 एमएम , पुन्हाना में 5 एमएम बरसात दर्ज की गई है। कृषि विभाग ओलावृष्टि की रिपोर्ट एसडीओ से ले रहा है। किसानों की फसल बीमा योजना का लाभ उठाना चाहिए ताकि इस तरह की आपदा में किसान की आर्थिक मदद हो सकती है।
बाइट;- रतन सिंह एएसओ कृषि विभाग नूह
बाइट;- बनवारी लाल किसान
बाइट;- बलजीत किसान
बाइट ;- किसान
बाइट;- किसान
संवाददाता कासिम खान नूह मेवात Body:संवाददाता नूह मेवात
स्टोरी ;- ओलावृष्टि से सरसों - गेंहू फसल को नुकसान
मौसम ने करवट ली तो किसान के माथे पर चिंता की लकीरें उस समय पड़ गई जब बरसात की जगह सूखे ओला आसमान से गिरने लगे। ओला जिस समय गिर रहे थे , उस समय धरती मानों किसी सफ़ेद चादर की तरह बिछ गई हो। कच्ची सरसों की फसल ओला की मार से नतमस्तक हो गई। कुछ पेड़ टूट गए तो कुछ ओला की मार सहन कर गए। गेंहू को नुकसान तो हुआ लेकिन सरसों के मुकाबले काफी कम नुकसान हुआ। वहीं अगर बात सब्जी फसलों की करें तो टमाटर इत्यादि सब्जी फसल खेतों में पूरी तरह चौपट हो गई। ओलावृष्टि का नुकसान नूह , नगीना , पिनगवां , पुन्हाना खंड में हुआ। करीब 200 गांवों के लाखों किसानों की फसल इससे प्रभावित हुई।
किसान रोजाना की तरह ठंड और आसमान में बादल छाए होने की वजह से खाना खाकर सोने की तैयारी कर रहा था। तभी तेज हवा के साथ गरज शुरू हुई। किसान अपने मवेशियों तक को घरों में अंदर सुरक्षित स्थानों पर बांधने की सोचने लगा। अचानक बरसात के बजाय सफ़ेद ओलावृष्टि होने लगी। किसान कुछ समझ पाता , तब तक सफ़ेद चादर घरों से लेकर खेतों तक में बिछ चुकी थी। ओला गिरने की आवाज तीन या फर्श इत्यादि पर गिरने के बाद इतनी जोर से आ रही थी कि बच्चे , जवान , बुजुर्ग सब घबरा गये। कच्चे मकान , झोंपड़ी इत्यादि वाले परिवारों की तो मानों जान पर बन आई। भादस , मालब , अलालपुर , पिनगवां , तेड , शिकरावा , बिसरू , सुल्तानपुर , गुबराड़ी , गुलालता सहित सैकड़ों गांवों में ओलावृष्टि से हुई नुकसान की जानकारी लोग सोशल मीडिया पर सांझा करने लगे। शुक्रवार सुबह तक सरकार की तरफ से कोई गिरदावरी कराने जैसी राहत की खबर किसानों के लिए नहीं आई। कृषि विभाग के मुताबिक ओलावृष्टि से नुकसान है , तो बाकि जगहों पर सोने के समान है। नूह खंड में 8 एमएम , तावडू में 12 एमएम , फिरोजपुर झिरका में 2 एमएम , नगीना खंड में 6 एमएम , पुन्हाना में 5 एमएम बरसात दर्ज की गई है। कृषि विभाग ओलावृष्टि की रिपोर्ट एसडीओ से ले रहा है। किसानों की फसल बीमा योजना का लाभ उठाना चाहिए ताकि इस तरह की आपदा में किसान की आर्थिक मदद हो सकती है।
बाइट;- रतन सिंह एएसओ कृषि विभाग नूह
बाइट;- बनवारी लाल किसान
बाइट;- बलजीत किसान
बाइट ;- किसान
बाइट;- किसान
संवाददाता कासिम खान नूह मेवात Conclusion:संवाददाता नूह मेवात
स्टोरी ;- ओलावृष्टि से सरसों - गेंहू फसल को नुकसान
मौसम ने करवट ली तो किसान के माथे पर चिंता की लकीरें उस समय पड़ गई जब बरसात की जगह सूखे ओला आसमान से गिरने लगे। ओला जिस समय गिर रहे थे , उस समय धरती मानों किसी सफ़ेद चादर की तरह बिछ गई हो। कच्ची सरसों की फसल ओला की मार से नतमस्तक हो गई। कुछ पेड़ टूट गए तो कुछ ओला की मार सहन कर गए। गेंहू को नुकसान तो हुआ लेकिन सरसों के मुकाबले काफी कम नुकसान हुआ। वहीं अगर बात सब्जी फसलों की करें तो टमाटर इत्यादि सब्जी फसल खेतों में पूरी तरह चौपट हो गई। ओलावृष्टि का नुकसान नूह , नगीना , पिनगवां , पुन्हाना खंड में हुआ। करीब 200 गांवों के लाखों किसानों की फसल इससे प्रभावित हुई।
किसान रोजाना की तरह ठंड और आसमान में बादल छाए होने की वजह से खाना खाकर सोने की तैयारी कर रहा था। तभी तेज हवा के साथ गरज शुरू हुई। किसान अपने मवेशियों तक को घरों में अंदर सुरक्षित स्थानों पर बांधने की सोचने लगा। अचानक बरसात के बजाय सफ़ेद ओलावृष्टि होने लगी। किसान कुछ समझ पाता , तब तक सफ़ेद चादर घरों से लेकर खेतों तक में बिछ चुकी थी। ओला गिरने की आवाज तीन या फर्श इत्यादि पर गिरने के बाद इतनी जोर से आ रही थी कि बच्चे , जवान , बुजुर्ग सब घबरा गये। कच्चे मकान , झोंपड़ी इत्यादि वाले परिवारों की तो मानों जान पर बन आई। भादस , मालब , अलालपुर , पिनगवां , तेड , शिकरावा , बिसरू , सुल्तानपुर , गुबराड़ी , गुलालता सहित सैकड़ों गांवों में ओलावृष्टि से हुई नुकसान की जानकारी लोग सोशल मीडिया पर सांझा करने लगे। शुक्रवार सुबह तक सरकार की तरफ से कोई गिरदावरी कराने जैसी राहत की खबर किसानों के लिए नहीं आई। कृषि विभाग के मुताबिक ओलावृष्टि से नुकसान है , तो बाकि जगहों पर सोने के समान है। नूह खंड में 8 एमएम , तावडू में 12 एमएम , फिरोजपुर झिरका में 2 एमएम , नगीना खंड में 6 एमएम , पुन्हाना में 5 एमएम बरसात दर्ज की गई है। कृषि विभाग ओलावृष्टि की रिपोर्ट एसडीओ से ले रहा है। किसानों की फसल बीमा योजना का लाभ उठाना चाहिए ताकि इस तरह की आपदा में किसान की आर्थिक मदद हो सकती है।
बाइट;- रतन सिंह एएसओ कृषि विभाग नूह
बाइट;- बनवारी लाल किसान
बाइट;- बलजीत किसान
बाइट ;- किसान
बाइट;- किसान
संवाददाता कासिम खान नूह मेवात
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.