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लाठीचार्ज के बाद नूंह में हुई किसानों की महापंचायत, योगेंद्र यादव ने की करनाल SDM को बर्खास्त करने की मांग

करनाल में शनिवार को किसानों पर हुए लाठीचार्ज के बाद नूंह में रविवार को संयुक्त किसान मोर्चा के किसानों ने महापंचायत (Sanyukt Kisan Morcha Mahapanchayat) की. इस दौरान किसान नेताओं ने सरकार पर जमकर निशाना साधा.

nuh farmer mahapanchayat
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Published : Aug 29, 2021, 9:50 PM IST

नूंह: करनाल में हुए लाठीचार्ज (lathi charge on Farmer Karnal) के बाद नूंह में संयुक्त किसान मोर्चा के किसानों ने महापंचायत (Sanyukt Kisan Morcha Mahapanchayat) की. अनाज मंडी में हुई इस महापंचायत में किसान नेता राकेश टिकैत, योगेंद्र यादव समेत कई नेताओं ने शिरकत की. किसानों की महापंचायत को देखते हुए प्रशासन ने सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए थे. महापंचायत में किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा कि सरकार 9 महीने से किसानों की बात नहीं सुन रही है. उन्होंने हमें खालिस्तानी, पाकिस्तानी जैसे शब्दों से पुकारा.

राकेश टिकैत ने सवाल उठाया कि देश कैसे बचेगा, खेल के मैदान बिकेंगे, मंडियों की खाली जमीन बिकेगी, आरएसएस की ट्रेनिंग करने वालों को 33-33 साल के पट्टे दिए जाएंगे. रेलवे, एलआईसी, एयरपोर्ट बिक चुके हैं. कुछ नहीं बचेगा. राकेश टिकैत ने कहा कि किसान छोड़ेगा नहीं, आपने गलत पंगा लिया है. वैचारिक क्रांति की लाठी बंदूक से नहीं दबेगी. उन्होंने कहा कि जब किसान की जीत होगी, तभी घर वापसी होगी. टिकैत ने कहा कि मुजफ्फरनगर में 5 सितंबर को पहुंचकर देखना, सारे देश का किसान वहां आ रहा है.

योगेंद्र यादव ने की करनाल SDM को बर्खास्त करने की मांग

ये भी पढ़ें- लाठीचार्ज के खिलाफ किसानों की महापंचायत, जानिए आगे क्या होगा

वहीं किसान नेता प्रोफेसर योगेंद्र यादव ने कहा कि करनाल के एसडीएम का नाम आयुष सिन्हा नहीं बल्कि आयुष सिर फोड़ा सिन्हा होना चाहिए, उसको तुरंत बर्खास्त करना चाहिए. उसको सस्पेंड या उसका तबादले करने से काम नहीं चलेगा. जहां भी जाएगा लोग याद करेंगे कि ये सिर फोड़ा आईएएस अधिकारी है. उसने आईएएस बिरादरी को भी बदनाम किया है. एसडीएम ने किसानों के साथ बर्बरता करने के लिए पुलिस को उकसाया जिसका वीडियो हर किसी ने देखा है.

उन्होंने आगे कहा कि उस वीडियो को हर घर तक पहुंचाओ, ताकि लोगों को सच्चाई का पता चल सके. करनाल में सीएम आवास से कुछ दूरी पर ही ये घटना हुई है. ये एसडीएम की भाषा नहीं बल्कि मुख्यमंत्री मनोहर लाल की भाषा थी. बता दें कि निकाय चुनाव को लेकर शनिवार को करनाल में बीजेपी प्रदेश कार्यकारिणी (Karnal BJP meeting) की एक अहम बैठक हो रही थी. जिसमें मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर सहित, प्रदेश अध्यक्ष ओपी धनखड़ समेत कई नेता शामिल हुए. किसानों ने पहले ही बीजेपी के इस कार्यक्रम का विरोध करने की चेतावनी दी थी. जिसके तहत किसानों ने बसताड़ा टोल प्लाजा पर विरोध किया. जिसके बाद पुलिस ने किसानों पर लाठीचार्ज किया.

ये भी पढ़ें- लाठीचार्ज पर सीएम मनोहर लाल का बयान, 'हाईवे रोकोगे तो पीटे जाओगे'

इस दौरान एक वीडियो वायरल हुआ. जिसमें करनाल के एसडीएम आयुष सिन्हा (karnal SDM video) पुलिसकर्मियों को आदेश देते दिख रहे हैं. वीडियो में एसडीएम पुलिसकर्मियों से कहते सुनाई दे रहे हैं कि मैं किसी भी हाल में किसानों को यहां नहीं देखना चाहता. अगर कोई अंदर आता है तो उसका सिर फूटा होना चाहिए. ये वो जगह थी जहां सीएम मनोहर लाल का कार्यक्रम होना था. इसके बाद किसानों में रोष ज्यादा बढ़ गया. हालांकि इसके बाद एसडीएम आयुष सिन्हा की ओर से कहा गया कि पहले किसानों ने पत्थरबाजी की थी उसके बाद ही लाठीचार्ज किया गया.

नूंह: करनाल में हुए लाठीचार्ज (lathi charge on Farmer Karnal) के बाद नूंह में संयुक्त किसान मोर्चा के किसानों ने महापंचायत (Sanyukt Kisan Morcha Mahapanchayat) की. अनाज मंडी में हुई इस महापंचायत में किसान नेता राकेश टिकैत, योगेंद्र यादव समेत कई नेताओं ने शिरकत की. किसानों की महापंचायत को देखते हुए प्रशासन ने सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए थे. महापंचायत में किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा कि सरकार 9 महीने से किसानों की बात नहीं सुन रही है. उन्होंने हमें खालिस्तानी, पाकिस्तानी जैसे शब्दों से पुकारा.

राकेश टिकैत ने सवाल उठाया कि देश कैसे बचेगा, खेल के मैदान बिकेंगे, मंडियों की खाली जमीन बिकेगी, आरएसएस की ट्रेनिंग करने वालों को 33-33 साल के पट्टे दिए जाएंगे. रेलवे, एलआईसी, एयरपोर्ट बिक चुके हैं. कुछ नहीं बचेगा. राकेश टिकैत ने कहा कि किसान छोड़ेगा नहीं, आपने गलत पंगा लिया है. वैचारिक क्रांति की लाठी बंदूक से नहीं दबेगी. उन्होंने कहा कि जब किसान की जीत होगी, तभी घर वापसी होगी. टिकैत ने कहा कि मुजफ्फरनगर में 5 सितंबर को पहुंचकर देखना, सारे देश का किसान वहां आ रहा है.

योगेंद्र यादव ने की करनाल SDM को बर्खास्त करने की मांग

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वहीं किसान नेता प्रोफेसर योगेंद्र यादव ने कहा कि करनाल के एसडीएम का नाम आयुष सिन्हा नहीं बल्कि आयुष सिर फोड़ा सिन्हा होना चाहिए, उसको तुरंत बर्खास्त करना चाहिए. उसको सस्पेंड या उसका तबादले करने से काम नहीं चलेगा. जहां भी जाएगा लोग याद करेंगे कि ये सिर फोड़ा आईएएस अधिकारी है. उसने आईएएस बिरादरी को भी बदनाम किया है. एसडीएम ने किसानों के साथ बर्बरता करने के लिए पुलिस को उकसाया जिसका वीडियो हर किसी ने देखा है.

उन्होंने आगे कहा कि उस वीडियो को हर घर तक पहुंचाओ, ताकि लोगों को सच्चाई का पता चल सके. करनाल में सीएम आवास से कुछ दूरी पर ही ये घटना हुई है. ये एसडीएम की भाषा नहीं बल्कि मुख्यमंत्री मनोहर लाल की भाषा थी. बता दें कि निकाय चुनाव को लेकर शनिवार को करनाल में बीजेपी प्रदेश कार्यकारिणी (Karnal BJP meeting) की एक अहम बैठक हो रही थी. जिसमें मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर सहित, प्रदेश अध्यक्ष ओपी धनखड़ समेत कई नेता शामिल हुए. किसानों ने पहले ही बीजेपी के इस कार्यक्रम का विरोध करने की चेतावनी दी थी. जिसके तहत किसानों ने बसताड़ा टोल प्लाजा पर विरोध किया. जिसके बाद पुलिस ने किसानों पर लाठीचार्ज किया.

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इस दौरान एक वीडियो वायरल हुआ. जिसमें करनाल के एसडीएम आयुष सिन्हा (karnal SDM video) पुलिसकर्मियों को आदेश देते दिख रहे हैं. वीडियो में एसडीएम पुलिसकर्मियों से कहते सुनाई दे रहे हैं कि मैं किसी भी हाल में किसानों को यहां नहीं देखना चाहता. अगर कोई अंदर आता है तो उसका सिर फूटा होना चाहिए. ये वो जगह थी जहां सीएम मनोहर लाल का कार्यक्रम होना था. इसके बाद किसानों में रोष ज्यादा बढ़ गया. हालांकि इसके बाद एसडीएम आयुष सिन्हा की ओर से कहा गया कि पहले किसानों ने पत्थरबाजी की थी उसके बाद ही लाठीचार्ज किया गया.

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