नूंह: हरियाणा में फार्मासिस्ट की फर्जी भर्ती निकालकर बेरोजगार युवकों से साढ़े 9 लाख रुपए ऐंठने के मामले में नूंह पुलिस ने स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी सहित 3 आरोपियों को गिरफ्तार किया है. इन पर फर्जी भर्ती निकालकर 13 युवकों के साथ ठगी करने का आरोप है. इस संबंध में उप सिविल सर्जन मांडीखेड़ा ने साइबर पुलिस थाना नूंह में केस दर्ज कराया था. पुलिस ने इस मामले की जांच के दौरान एक गिरोह का पर्दाफाश कर 3 व्यक्तियों को पकड़ा है.
पुलिस के अनुसार आरोपियों ने सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (पीएचसी) उजीना में कार्यरत एस.एम.ओ. रेस्टरुम से उक्त फर्जी भर्ती का एनआरएचएम फार्म बनाकर सिविल सर्जन के फार्मासिस्ट के पद की झूठी भर्ती निकाली थी. इस के जरिए आरोपियों ने 13 लोगों के साथ धोखाधडी करके साढ़े 9 लाख रुपए ऐंठे थे. नूंह में फर्जी फार्मासिस्ट भर्ती मामला की जानकारी देते हुए अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक ऊषा कुण्डू ने बताया कि 22 मार्च को डॉक्टर विक्रम सिंह, उप सिविल सर्जन मांडीखेड़ा ने साइबर पुलिस थाना नूंह के प्रभारी विमल राय को एक लिखित शिकायत दी थी.
उन्होंने बताया था कि 22 जुलाई 2022 शाम करीब 6 बजे के आस पास मेरे व्हाट्सएप पर 3 मैसेज प्राप्त हुए थे. जिसमें उक्त तिथि को ही फार्मासिस्ट के पद के लिए सिविल सर्जन कार्यालय में साक्षात्कार हुआ और उसमें 11 लोगों का चयन किया गया. उस लिस्ट पर मेरे हस्ताक्षर और मेरे ही कार्यालय का क्रमांक नंबर लगा हुआ था. जबकि इस प्रकार का कोई इंटरव्यू या साक्षात्कार हुआ ही नहीं था. उन्होंने कुछ लोगों द्वारा फर्जी भर्ती निकालकर ठगी करने का शक जाहिर किया था.
इस पर साइबर पुलिस थाना नूंह में 29 मार्च को केस दर्ज किया गया. नूंह पुलिस ने 12 अप्रैल को 3 आरोपी इजारुल, रहीश और हरप्रीत को इस मामले में गिरफ्तार किया है. पूछताछ व बरामदगी के लिए इन्हें 1 दिन की पुलिस रिमांड पर लिया गया. रिमांड अवधि के दौरान आरोपियों से वारदात में प्रयोग किये गये 5 मोबाइल फोन जब्त किए गए. आरोपियों को आज माननीय अदालत मे पेश करके जेल भेज दिया गया.
आरोपी इजारुल ने अपने मुख्य चिकित्सक हरप्रीत पीएचसी उजीना के साथ मिलकर फर्जी भर्ती का फार्म तैयार किया था. इन्होंने आरोपी दलाल रहीश के साथ मिलकर 13 व्यक्तियों से साढ़े नौ लाख रुपये ऐंठ लिए. पुलिस ने बताया कि फर्जी भर्ती मामले में गिरफ्तार रहीस तैयब भाजपा से लंबे समय से जुड़ा हुआ है. रहीस फिलहाल हरियाणा हज कमेटी का सदस्य भी है. वहीं हरप्रीत स्वास्थ्य विभाग का ही अधिकारी है. इन्होंने दलाल के साथ मिलकर मोटी कमाई करने के लिए फर्जी भर्ती निकाली और लाखों रुपए की उगाही भी कर ली, लेकिन साइबर क्राइम पुलिस नूंह ने इस गिरोह का पर्दाफाश कर इन्हें धर दबोचा.