ETV Bharat / state

आजादी के बरसों बाद भी प्यासा है ये गांव, हर महीने पी रहे लाखों का पानी

नूंह जिले का जैवंत गांव पानी की किल्लत झेल रहा है. आज तक गांव में पेयजल की सुविधा नहीं पहुंची है. हालात ये हैं कि ग्रामीण हर महीने लाखों रुपये खर्च कर प्यास बुझाने को मजबूर हैं.

drinking water problem in jaiwant village for nuh district
drinking water problem in jaiwant village for nuh district
author img

By

Published : Sep 3, 2020, 8:36 PM IST

नूंह: हरियाणा-राजस्थान बॉर्डर पर बसा नूंह जिले का जैवंत गांव विकास की दौड़ में पिछड़ रहा है. सरकार और प्रशासन की अनदेखी के चलते आजादी के 70 वर्ष बाद भी जैवंत गांव में पेयजल की सुविधा नहीं पहुंच पाई है. बरसों से पेयजल की बाट जोह रहे जैवंत गांव में हालात बद से बदतर हो रहे हैं. पानी के लिए ग्रामीणों को दर-दर भटकने के साथ पैसा खर्च कर अपनी प्यास बुझानी पड़ रही है.

करीब 6 हजार की आबादी वाले इस गांव में ग्रामीण प्रतिमाह 6 लाख खर्च कर अपनी प्यास बुझा रहे हैं. पेयजल सप्लाई की सुविधा ना होने के चलते ग्रामीण 800 रुपये खर्च कर टैंकर मंगवाने को मजबूर हो रहे हैं. गरीब और मजदूर लोगों के लिए तो ये राशि जुटाना ही मुश्किल हो रहा है. गांव में पेयजल सप्लाई की आस लगाए बैठे ग्रामीण जवान से बूढ़े हो गए हैं, लेकिन आज तक उन्हें इस सुविधा का लाभ नहीं मिल रहा है.

आजादी के बरसों बाद भी प्यासा है ये गांव, देखें स्पेशल रिपोर्ट

35 हजार खर्च कर बनवा रहे टैंक

गांव में पानी की समस्या को देखते हुए ग्रामीण 35 हजार खर्च कर टैंक बनवा रहे हैं. ग्रामीणों ने अपने खर्चे से गांव में करीब 400 टैंक बनवाए हैं. गांव में पानी की सुविधा ना होने के चलते 800 रुपये में पानी का टैंक मंगवाकर अपने टैंक में पानी एकत्रित कर गुजारा कर रहे हैं.

जैवंत गांव के ग्रामीणों का मानना है कि उनका गांव बिल्कुल अंतिम छोर पर बसा है, इसलिए उनके साथ अनदेखी की जा रही है. सरकार की घर-घर पानी पहुंचाने की योजना का लाभ भी उन्हें नहीं मिल रहा है. ऐसे में सवाल ये उठता है कि सरकार किस विकास के नाम पर जनता से वोट मांगती है.

ये भी पढ़ें- बदहाल हुआ पिहोवा का प्रसिद्ध सरस्वती तीर्थ स्थल, लॉकडाउन के बाद से नहीं बदला तालाब का पानी

नूंह: हरियाणा-राजस्थान बॉर्डर पर बसा नूंह जिले का जैवंत गांव विकास की दौड़ में पिछड़ रहा है. सरकार और प्रशासन की अनदेखी के चलते आजादी के 70 वर्ष बाद भी जैवंत गांव में पेयजल की सुविधा नहीं पहुंच पाई है. बरसों से पेयजल की बाट जोह रहे जैवंत गांव में हालात बद से बदतर हो रहे हैं. पानी के लिए ग्रामीणों को दर-दर भटकने के साथ पैसा खर्च कर अपनी प्यास बुझानी पड़ रही है.

करीब 6 हजार की आबादी वाले इस गांव में ग्रामीण प्रतिमाह 6 लाख खर्च कर अपनी प्यास बुझा रहे हैं. पेयजल सप्लाई की सुविधा ना होने के चलते ग्रामीण 800 रुपये खर्च कर टैंकर मंगवाने को मजबूर हो रहे हैं. गरीब और मजदूर लोगों के लिए तो ये राशि जुटाना ही मुश्किल हो रहा है. गांव में पेयजल सप्लाई की आस लगाए बैठे ग्रामीण जवान से बूढ़े हो गए हैं, लेकिन आज तक उन्हें इस सुविधा का लाभ नहीं मिल रहा है.

आजादी के बरसों बाद भी प्यासा है ये गांव, देखें स्पेशल रिपोर्ट

35 हजार खर्च कर बनवा रहे टैंक

गांव में पानी की समस्या को देखते हुए ग्रामीण 35 हजार खर्च कर टैंक बनवा रहे हैं. ग्रामीणों ने अपने खर्चे से गांव में करीब 400 टैंक बनवाए हैं. गांव में पानी की सुविधा ना होने के चलते 800 रुपये में पानी का टैंक मंगवाकर अपने टैंक में पानी एकत्रित कर गुजारा कर रहे हैं.

जैवंत गांव के ग्रामीणों का मानना है कि उनका गांव बिल्कुल अंतिम छोर पर बसा है, इसलिए उनके साथ अनदेखी की जा रही है. सरकार की घर-घर पानी पहुंचाने की योजना का लाभ भी उन्हें नहीं मिल रहा है. ऐसे में सवाल ये उठता है कि सरकार किस विकास के नाम पर जनता से वोट मांगती है.

ये भी पढ़ें- बदहाल हुआ पिहोवा का प्रसिद्ध सरस्वती तीर्थ स्थल, लॉकडाउन के बाद से नहीं बदला तालाब का पानी

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.