नूंह: निमोनिया जानलेवा बीमारी है. 0 से 5 वर्ष तक के बच्चे इस जानलेवा बीमारी का अक्सर शिकार हो जाते हैं. इस बीमारी को जड़ से समाप्त करने के लिए केंद्र और राज्य सरकार की मिलकर काम कर रही है. गुरुवार को अल-आफिया सामान्य अस्पताल मांडीखेड़ा में गुरुग्राम, फरीदाबाद, पलवल और नूंह जिले की टीमों को प्रशिक्षण दिया गया. राज्य के 4 जिलों की प्रत्येक टीम में 5-5 चिकित्सक एवं स्वास्थ्य कर्मचारी इस प्रशिक्षण शिविर में भाग ले रहे हैं.
शुक्रवार को राजकीय शहीद हसन खान मेवाती मेडिकल कॉलेज नल्हड़ में भी प्रशिक्षण दिया जाएगा. दो दिवसीय प्रशिक्षण का आयोजन नूंह जिले में किया जा रहा है. इसके बाद रोहतक, हिसार और करनाल में दो-दो दिवसीय प्रशिक्षण शिविर रखा जाएगा. जिसमें चिकित्सकों को निमोनिया से निपटने के लिए गुर सिखाए जाएंगे.
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कुल मिलाकर निमोनिया को देश-प्रदेश से जड़ से उखाड़ फेंकने के लिए स्वास्थ्य विभाग की टीम कमर कस चुकी है. स्वास्थ्य विभाग एवं परिवार कल्याण मंत्रालय भारत सरकार में कार्यरत डॉ. सुमिता घोष अपर आयुक्त के द्वारा प्रशिक्षण शिविर की शुरुआत की गई है.
बता दें, केंद्र और राज्य के स्वास्थ्य मंत्रालय की यही कोशिश है कि शिशु मृत्यु दर को कैसे कम किया जाए. सुमिता घोष मानती हैं कि हरियाणा के नूंह जिले में पिछले कुछ समय में अच्छा कार्य हुआ है, जिससे हालात पहले से बेहतर हैं, लेकिन इस बीमारी को जड़ से उखाड़ने के लिए डॉक्टरों की टीमों को प्रशिक्षण दिया जा रहा है.
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