नूंह: हरियाणा के ग्रामीण सफाई कर्मचारी इन दिनों नाराज चल रहे हैं. उनकी नाराजगी की मुख्य वजह उनकी मांगों को सरकार द्वारा नजरअंदाज करना है. बता दें कि करीब पिछले 32 दिन से सफाई कर्मचारी लघु सचिवालय नूंह परिसर के ठीक सामने बैठे हुए हैं. शुक्रवार को ग्रामीण सफाई कर्मचारी पूरे जोश में दिखाई दिए और लघु सचिवालय नूंह स्थित पोर्च में हाथों में पोस्टर-बैनर लेकर सरकार व प्रशासन के खिलाफ जमकर नारे लगाकर विरोध किया.
कर्मचारियों का ऐलान- न दीपावली मनाएंगे, न अधिकारियों को मनाने देंगे: ग्रामीण सफाई कर्मचारियों ने चेतावनी देते हुए कहा कि अगर सरकार ने उनका वेतन दीपावली से पहले नहीं दिया तो ना तो वह दीपावली मनाएंगे और ना ही अधिकारियों को दीपावली मनाने देंगे. ग्रामीण सफाई कर्मचारियों के जोश को देखते हुए पुलिस सुरक्षा लघु सचिवालय नूंह परिसर में बढ़ा दी गई है. पुलिस के जवान आंसू गैस के गोले छोड़ने वाली मशीन तथा लाठी-डंडा आदि से पूरी तरह लैस दिखाई दे रहे हैं.
हड़ताल पर कर्मचारी, दिवाली पर कैसे होगी सफाई?: एक ओर दिवाली का त्योहार है. वहीं, दूसरी ओर ग्रामीण सफाई कर्मचारियों की हड़ताल की वजह से अब गांव की सूरत भी गंदगी की वजह से बद से बदतर होने लगी है. सरकार को जल्द से जल्द ग्रामीण सफाई कर्मचारियों की हड़ताल का समाधान निकालना चाहिए. ग्रामीण सफाई कर्मचारी संगठन के जिला सचिव मिथुन एवं इत्यादि यूनियन नेताओं ने कहा कि पड़ोसी राज्य यूपी में ग्रामीण सफाई कर्मचारियों को रेगुलर भर्ती किया गया है, जबकि हरियाणा में 17 साल सेवा देने के बाद भी आज तक उन्हें कच्चे कर्मचारियों के रूप में लगाया हुआ है.
सरकार को अल्टीमेटम: सफाई कर्मचारियों का कहना है कि हरियाणा सरकार को भी उत्तर प्रदेश की तर्ज पर हरियाणा के ग्रामीण सफाई कर्मचारियों को पक्का करना चाहिए. इसके अलावा पीएफ आदि जितनी भी मांग पिछले काफी लंबे समय से ग्रामीण सफाई कर्मचारियों की पेंडिंग चली आ रही हैं. उन सबको सरकार को अमलीजामा पहनाकर सफाई कर्मचारियों को राहत देने का काम करना चाहिए. उन्होंने कहा कि इस बारे में सफाई कर्मचारी करनाल में प्रदेश स्तर का एक कार्यक्रम भी कर चुके हैं. अगर सरकार ने जल्दी ही ग्रामीण सफाई कर्मचारियों की मांगों को अमलीजामा नहीं पहनाया तो कर्मचारी किसी हद तक भी जा सकते हैं.
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