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हरियाणा के खिलाड़ियों ने नेशनल जूडो चैंपियनशिप में जीते पदक, गांव पहुंचने पर जोरदार स्वागत - 11th National Deaf Judo Championship

मेवात के दो छात्रों ने उत्तर प्रदेश के लखनऊ में हुई 11वीं नेशनल डीफ जूडो चैंपियनशिप में गोल्ड और ब्रॉन्ज मेडल जीते हैं. इन छात्रों के गांव पहुंचने पर इनका सम्मान (Divyang students honoring in Nuh) कर स्वागत किया गया.

Divyang students honoring in Nuh
नूंह में पदक विजेता दिव्यांग छात्रों का सम्मान
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Published : Mar 11, 2023, 7:59 PM IST

नूंह: जिले की नगीना उप तहसील में संचालित श्रवण एवं वाणी निशक्तजन कल्याण केंद्र में अध्ययनरत मेवात के दो श्रवण बाधित दिव्यांग छात्रों ने उत्तर प्रदेश के लखनऊ में आयोजित एक राष्ट्रीय स्तर की जूडो कराटे प्रतियोगिता में अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाते हुए स्वर्ण और कांस्य पदक हासिल किए हैं. बच्चों की कामयाबी पर संस्थान प्रबंधन और ग्रामीणों ने खुशी जताते हुए इन बच्चों को सम्मानित किया.

श्रवण एवं वाणी निशक्तजन कल्याण केंद्र नगीना के सहायक निदेशक योगेश प्रकाश ने बताया कि इंडियन ब्लाइंड एंड पैरा जूडो एसोसिएशन के सहयोग से 4 से 7 मार्च तक पैरा जूडो एकेडमी हलवासिया कोर्ट हजरतगंज लखनऊ में 11वीं नेशनल डीफ जूडो चैंपियनशिप का आयोजन हुआ था. राष्ट्रीय स्तर की इस प्रतियोगिता में 8 राज्यों से विभिन्न प्रकार के दिव्यांग छात्रों ने भाग लिया था.

पढ़ें: कृषि मंत्री जेपी दलाल से बर्खास्त पीटीआई की गुहार, हाथ जोड़कर बोले, 'हमें बहाल करो सरकार'

उन्होंने बताया कि जिले की एकमात्र श्रवण एवं वाणी निशक्तजन कल्याण संस्थान में अध्ययनरत छात्र जिलशाद और अरमान ने दो स्पर्धाओं में भाग लिया. जिलशाद ने 50 किलो भार में स्वर्ण पदक हासिल किया, तो वहीं अरमान ने 35 किलो भार वर्ग में कांस्य पदक हासिल किया है.छात्रों की सफलता में उनके प्रशिक्षक महेंद्र सिंह का विशेष योगदान रहा, जिन्होंने दोनों के साथ कड़ी मेहनत कर इन्हें विशेष रूप से प्रशिक्षित किया.

संस्थान के सहायक निदेशक ने बताया कि नगीना केंद्र में फिलहाल 60 बच्चे अध्ययनरत हैं. प्रतियोगिता में भाग लेने पहुंचे बच्चों का पूरा खर्च संस्थान ने वहन किया था. उन्होंने बताया कि कि जो बच्चे बोलने और सुनने में सक्षम नहीं हैं. उन्हें श्रवण बाधित कैटेगरी का दिव्यांग माना जाता है. फिरोजपुर रनियाला के रहने वाले छात्र जिलशाद के पिता अब्दुल करीम ने बताया कि उनके 4 बच्चों में से 3 तीन दिव्यांग हैं. सभी पढ़ाई कर रहे हैं.

पढ़ें: पानीपत में स्ट्रीट लाइटों पर भूत का साया! लोगों ने बांधा मौली का धागा, हनुमान चालीसा पढ़ी

वह अपने बच्चों की रुचि को ध्यान में रखते हुए अपने स्तर पर उनका पूरा सहयोग करने की कोशिश करते हैं. वहीं ग्रामीण सपात और इनामत ने बताया कि जिलशाद की कामयाबी पर उनके गांव पहुंचने पर पगड़ी बांध कर उनका सम्मान किया गया है. उन्हें गर्व है कि बोलने और सुनने में सक्षम नहीं होने के बावजूद भी जिलशाद ने अपनी प्रतिभा साबित की है. संस्थान प्रबंधन से मिली जानकारी के मुताबिक दूसरे छात्र अरमान ने 35 किलो भार में कांस्य पदक हासिल किया जो अलवर मेवात से संबंध रखता है.

नूंह: जिले की नगीना उप तहसील में संचालित श्रवण एवं वाणी निशक्तजन कल्याण केंद्र में अध्ययनरत मेवात के दो श्रवण बाधित दिव्यांग छात्रों ने उत्तर प्रदेश के लखनऊ में आयोजित एक राष्ट्रीय स्तर की जूडो कराटे प्रतियोगिता में अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाते हुए स्वर्ण और कांस्य पदक हासिल किए हैं. बच्चों की कामयाबी पर संस्थान प्रबंधन और ग्रामीणों ने खुशी जताते हुए इन बच्चों को सम्मानित किया.

श्रवण एवं वाणी निशक्तजन कल्याण केंद्र नगीना के सहायक निदेशक योगेश प्रकाश ने बताया कि इंडियन ब्लाइंड एंड पैरा जूडो एसोसिएशन के सहयोग से 4 से 7 मार्च तक पैरा जूडो एकेडमी हलवासिया कोर्ट हजरतगंज लखनऊ में 11वीं नेशनल डीफ जूडो चैंपियनशिप का आयोजन हुआ था. राष्ट्रीय स्तर की इस प्रतियोगिता में 8 राज्यों से विभिन्न प्रकार के दिव्यांग छात्रों ने भाग लिया था.

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उन्होंने बताया कि जिले की एकमात्र श्रवण एवं वाणी निशक्तजन कल्याण संस्थान में अध्ययनरत छात्र जिलशाद और अरमान ने दो स्पर्धाओं में भाग लिया. जिलशाद ने 50 किलो भार में स्वर्ण पदक हासिल किया, तो वहीं अरमान ने 35 किलो भार वर्ग में कांस्य पदक हासिल किया है.छात्रों की सफलता में उनके प्रशिक्षक महेंद्र सिंह का विशेष योगदान रहा, जिन्होंने दोनों के साथ कड़ी मेहनत कर इन्हें विशेष रूप से प्रशिक्षित किया.

संस्थान के सहायक निदेशक ने बताया कि नगीना केंद्र में फिलहाल 60 बच्चे अध्ययनरत हैं. प्रतियोगिता में भाग लेने पहुंचे बच्चों का पूरा खर्च संस्थान ने वहन किया था. उन्होंने बताया कि कि जो बच्चे बोलने और सुनने में सक्षम नहीं हैं. उन्हें श्रवण बाधित कैटेगरी का दिव्यांग माना जाता है. फिरोजपुर रनियाला के रहने वाले छात्र जिलशाद के पिता अब्दुल करीम ने बताया कि उनके 4 बच्चों में से 3 तीन दिव्यांग हैं. सभी पढ़ाई कर रहे हैं.

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वह अपने बच्चों की रुचि को ध्यान में रखते हुए अपने स्तर पर उनका पूरा सहयोग करने की कोशिश करते हैं. वहीं ग्रामीण सपात और इनामत ने बताया कि जिलशाद की कामयाबी पर उनके गांव पहुंचने पर पगड़ी बांध कर उनका सम्मान किया गया है. उन्हें गर्व है कि बोलने और सुनने में सक्षम नहीं होने के बावजूद भी जिलशाद ने अपनी प्रतिभा साबित की है. संस्थान प्रबंधन से मिली जानकारी के मुताबिक दूसरे छात्र अरमान ने 35 किलो भार में कांस्य पदक हासिल किया जो अलवर मेवात से संबंध रखता है.

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