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नूंह: बरसात और ओलावृष्टि से फसलों को नुकसान

नूंह में बीती रात तेज बारिश और ओलावृष्टि के कारण फसलों को काफी नुकसान हुआ है. बारिश की वजह से सरसों की कटी हुई फसल खेतों में ही झड़ गई तो गेहूं की फसल धरती पर बिछ गई.

Damage to crops due to rain and hail
बरसात-ओलावृष्टि से फसलों को नुकसान
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Published : Mar 14, 2020, 12:39 PM IST

नूंह: जिले के पुन्हाना खंड में बीती रात तेज बरसात-ओलावृष्टि के बाद गेहूं व सरसों की फसल को काफी नुकसान हुआ है. बेमौसम बरसात और ओलावृष्टि ने किसानों को हिला कर रख दिया है.

किसानों ने सरकार से स्पेशल गिरदावरी की मांग करते हुए खराब फसलों का मुआवजा देने की मांग सरकार से की है. आपको बता दें कि बीती रात किसान जब गहरी नींद में सोया हुआ था तो तकरीबन दो बजे अचानक से आसमान से तेज बरसात के साथ-साथ ओलावृष्टि होने लगी. ओलावृष्टि पुनहाना खंड के बहुत से गांव में हुई, लेकिन ज्यादा मात्रा में ओलावृष्टि खंड के सिंगार, इंदाना, मढयाकी, बिछोर, नीमका, पलवल जिले के खाईका इत्यादि गांव के जंगल में हुई.

बरसात-ओलावृष्टि से फसलों को नुकसान

सरसों की कटी हुई फसल खेतों में ही झड़ गई तो गेहूं की फसल धरती पर बिछ गई. खेतों ने बरसात की वजह से तालाब का रूप धारण कर लिया. किसान कुदरत की मार से बेहद हताश और निराश हैं. उनको चिंता सताने लगी है कि जो कर्ज लेकर खेतों की सिंचाई - बुआई, खाद, आदि डाला गया था और फसल बेचकर बेटे-बेटियों की शादी करने का सपना था. वे पूरी तरह से बरसात ने चकनाचूर करके रख दिया है.

किसान को जल्द से जल्द उनकी फसलों की भरपाई के लिए आर्थिक मदद सरकार द्वारा की जानी चाहिए वरना किसानों की हालत बद से बदतर हो सकती है.

ये भी पढ़ें- हरियाणा में अगले आदेश तक सभी सामूहिक कार्यक्रमों पर प्रतिबंध

नूंह: जिले के पुन्हाना खंड में बीती रात तेज बरसात-ओलावृष्टि के बाद गेहूं व सरसों की फसल को काफी नुकसान हुआ है. बेमौसम बरसात और ओलावृष्टि ने किसानों को हिला कर रख दिया है.

किसानों ने सरकार से स्पेशल गिरदावरी की मांग करते हुए खराब फसलों का मुआवजा देने की मांग सरकार से की है. आपको बता दें कि बीती रात किसान जब गहरी नींद में सोया हुआ था तो तकरीबन दो बजे अचानक से आसमान से तेज बरसात के साथ-साथ ओलावृष्टि होने लगी. ओलावृष्टि पुनहाना खंड के बहुत से गांव में हुई, लेकिन ज्यादा मात्रा में ओलावृष्टि खंड के सिंगार, इंदाना, मढयाकी, बिछोर, नीमका, पलवल जिले के खाईका इत्यादि गांव के जंगल में हुई.

बरसात-ओलावृष्टि से फसलों को नुकसान

सरसों की कटी हुई फसल खेतों में ही झड़ गई तो गेहूं की फसल धरती पर बिछ गई. खेतों ने बरसात की वजह से तालाब का रूप धारण कर लिया. किसान कुदरत की मार से बेहद हताश और निराश हैं. उनको चिंता सताने लगी है कि जो कर्ज लेकर खेतों की सिंचाई - बुआई, खाद, आदि डाला गया था और फसल बेचकर बेटे-बेटियों की शादी करने का सपना था. वे पूरी तरह से बरसात ने चकनाचूर करके रख दिया है.

किसान को जल्द से जल्द उनकी फसलों की भरपाई के लिए आर्थिक मदद सरकार द्वारा की जानी चाहिए वरना किसानों की हालत बद से बदतर हो सकती है.

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