नूंह: गुरुग्राम कैनाल और उजीना ड्रेन के साथ लगती सेम प्रभावित जमीन में इस समय कई-कई फुट पानी भरा हुआ है. बेमौसम बरसात ने किसानों की चिंता और ज्यादा बढ़ा दी है. अभी भी मौसम आंख दिखा रहा है. एक तो कोरोना का डर और दूसरा कुदरत का कहर. इससे किसान पूरी तरह से टूट चुका है.
किसानों को अभी तक बेमौसम बरसात तथा ओलावृष्टि के साथ-साथ ज्यादा बरसात होने के कारण जलभराव से खराब हुई फसलों का मुआवजा नहीं मिला है. अभी तक स्पेशल गिरदावरी के आदेश नहीं हुए हैं.
ये आलम तब है जब पुन्हाना उपमंडल के दर्जनों गांव ने एकत्रित होकर कई दिन पहले पुन्हाना उपमंडल अधिकारी वैशाली शर्मा के कार्यालय पर प्रदर्शन किया था और उनको मुआवजा संबंधित ज्ञापन सौंपा था.
अधिकारियों ने किसानों को गिरदावरी कराने का भरोसा दिलाया था, लेकिन अभी तक कोई राहत की खबर किसान को नहीं मिली है. गेहूं की फसल पानी में खड़ी है और गल सड़ रही है. जिससे कटाई होना मुश्किल हो चुकी है.
किसान की सालभर की मेहनत पर कुदरत ने पानी फेर दिया है. कोरोनावायरस में काम करने के लिए किसान कम निकल पा रहे हैं और फसल पूरी तरह से पक कर तैयार है. लेकिन खेतों में पानी जमा होने के कारण हजारों एकड़ भूमि में फसल कटने के बजाय खराब हो रही है.
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