नूंह: नूंह के वार्ड 9 स्थित पुरानी अनाजमंडी समीप मंदिर की जगह पर कोर्ट के आदेश के बाद कब्जा हटाने गई पुलिस को विरोध का सामना करना पड़ा. कोर्ट के आदेश के बाद एसएचओ महेंद्र सिंह भारी पुलिस बल के साथ मौके पर पहुंचे थे. उन्होंने कब्जा हटाने के लिए जेसीबी का प्रयोग किया. लेकिन वहां बसे हुए लोगों ने इसका जमकर विरोध किया.
लेकिन कुछ समय बाद कोर्ट ने कब्जे को लेकर दो दिन की रोक लगा दी जिसके बाद पुलिस वापस लौट गई.
आखिर क्या है मामला
इस जमीन का मामला लंबे समय से कोर्ट में अटका पड़ा है. नूंह में रह रहे दो पक्षों ने इस जमीन को लेकर अपना अपना दावा ठोका है. विजय शर्मा पक्ष का कहना है कि मंदिर की जमीन उनके पूर्वजों की है. जबकि खूबी माथुर पक्ष का कहना है कि वर्षों से इस जमीन पर हमारे पूर्वजों रहते आए हैं.
कोर्ट का आदेश
लम्बे समय से कोर्ट में चल रहे इस मामले का फैसला विजय शर्मा के पक्ष में आया है. जिसके बाद विजय शर्मा पक्ष ने फिर से कोर्ट का दरवाजा खटखटाया. क्योंकि खूबी माथुर पक्ष ने कोर्ट के आदेश के बाद भी अपना कब्जा जमीन पर बरकरार रखा है. इसी कब्जे को हटवाने के लिए विजय शर्मा पक्ष ने कोर्ट का दरवाजा खटखटाया. कोर्ट ने 15 जुलाई को कब्जा हटाने के आदेश जारी कर दिया था.
कब्जा हटाने पहुंची पुलिस को वहां बसे लोगों के विरोध का सामना करना पड़ा. खूबी पक्ष के लोगों का आरोप है कि पुलिस ने उनके सामान के साथ तोड़फोड़ की. और परिवार के कई लोगों को चोटें भी आईं. इसके बाद खूबी पक्ष कोर्ट में पहुंचा. उक्त मामले को देखते हुए कोर्ट ने कब्जा हटाने के लिए दो दिन की रोक लगा दी.
मामले में आया नया मोड़
दो पक्षों के बीच लंबे समय से चले केस के बाद एक और नया मोड़ सोमवार को देखने को मिला. दिल्ली के रहने वाले वेद प्रकाश और उनके भाई महेंद्र सिंगला नूंह पहुंचे और उक्त जमीन की दावेदारी करने लगे. महेंद्र सिंगला ने कहा कि उक्त मंदिर की जमीन के मालिक हम हैं.
इनका कहना है कि हमारे पूर्वजों द्वारा इस जमीन पर खूबी पक्ष के परिजनों को रहने व विजय शर्मा पक्ष के लोगों को देखरेख के लिए कहा गया था. इन्होंने कहा कि हमारे पास उक्त जमीन के पुख्ता सबूत हैं.
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