नूंह: जिले के कांग्रेस नेताओं ने सीएम मनोहर लाल खट्टर के नूंह दौरे को लेकर करारा हमला बोला है. उन्होंने कहा कि सीएम मनोहर लाल खट्टर की कथनी और करनी में बड़ा अंतर है.
क्या है मामला ?
दरअसल मंगलवार को सीएम खट्टर नूंह के दौरे पर थे. इस दौरान मुख्यमंत्री ने नूंह, सोहना से बीजेपी के सभी उम्मीदवारों, अपने पदाधिकारियों और जजपा नेताओं को बुलाया था. जिले के तीनों कांग्रेस विधायक भी बुलाए गए थे. हिन्दू और मुस्लिम समाज के 15-15 लोग भी शामिल हुए थे. जिसके बाद एक बंद कमरे में मीटिंग हुई थी. जिसमें मीडिया को नहीं बुलाया गया था और मीटिंग के बाद प्रेस कांफ्रेंस की गई.
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हरियाणा कांग्रेस विधायक दल के उप नेता चौधरी आफताब अहमद ने कहा कि मेवात में भाईचारा बहुत मजबूत है और हजारों साल पुराना है. मेवात देश की एकता अखंडता के लिए जाना जाता रहा है. यहां हिंदू समाज और मुस्लिम समाज सभी अमन से रहते हैं. टीवी चैनलों में दिखाई जा रही बातें पूरी तरह से मनगढ़ंत है. यह मेवात को बदनाम करने की साजिश है.
कांग्रेस विधायकों ने खारिज की पलायन की बात
कांग्रेस विधायक दल के उप नेता चौधरी आफताब अहमद विश्व हिंदू परिषद की ओर से मेवात में हिंदू उत्पीड़न की रिपोर्ट को खारिज किया और कहा कि इलाके में हिंदू मुस्लिम एक थाली में खाते हैं. इसे खराब करने की साजिश रची जा रही है. जिसे हम होने नहीं देंगे. चौधरी आफताब अहमद ने मुख्यमंत्री मनोहर लाल से कहा कि न्यूज चैनल्स की जवाबदेही तय करनी होगी और सरकार आरोपी पत्रकारों पर भाईचारा खराब करने के प्रयास में कानूनी कार्रवाई करें. मुख्यमंत्री ने भरी बैठक में कठोर कार्रवाई का आश्वासन दिया. अहमद ने कहा कि बंद कमरे में मुख्यमंत्री कहते कुछ और हैं, लेकिन बाहर आकर कार्रवाई कुछ और करते हैं.
पुन्हाना विधानसभा से विधायक चौधरी मोहम्मद इलियास ने मीटिंग में कहा कि मेवात में भाईचारा बहुत मजबूत है. इलाके के भाईचारे को खराब करने की साजिश रची जा रही है, जो सरासर गलत है. मेवात में ऐसी कोई घटना नहीं हुई, जो धर्म आधारित भेदभाव की हो या किसी धर्म विशेष पर हमले की बात हो. वहीं फिरोजपुर विधानसभा से विधायक चौधरी मामन खान ने कहा कि मेवात के बारे में फैलाई जा रही सारी कहानी मनगढंत है. हमनें मुख्यमंत्री से मांग की हैं कि ऐसे लोगों के खिलाफ कार्रवाई हो.
बता दें कि, तीनों कांग्रेस विधायकों ने मंगलवार को मुख्यमंत्री से मुलाकात से पहले ही कांग्रेस जिला मुख्यालय पर मीटिंग की थी. मीटिंग के बाद तीनों विधायक मुख्यमंत्री की प्रेस कॉन्फ्रेंस में भी शामिल नहीं हुए थे.