नूंह: लघु सचिवालय के सामने पिछले 13 दिन से अनिश्चितकालीन धरने पर बैठे हटाए गए पीटीआई शिक्षकों को सोमवार को स्थानीय विधायक आफताब अहमद ने अपना समर्थन दिया. उन्होंने सरकार से नौकरी बहाली की मांग की.
आफताब अहमद ने केंद्र व राज्य सरकार पर जमकर प्रहार करते हुए कहा कि ये सरकार कर्मचारी विरोधी है. जितने लोगों को इस सरकार ने नौकरी नहीं दी, उससे कहीं ज्यादा लोगों को नौकरी से बाहर निकाल दिया. कोरोना काल में लोग आर्थिक स्थिति से जूझ रहे हैं. ऐसे हालात में भी पर प्रदेश के 1983 पीटीआई टीचर को बाहर का रास्ता दिखा दिया. विधायक आफताब अहमद बोले कि कांग्रेस हटाए गए पीटीआई के साथ हैं, सरकार को उन्हें दोबारा नौकरी पर रखना चाहिए.
उन्होंने सरकार को पूरी तरह फेल बताया और कहा कि कांग्रेस पूरी तरह से इन पीटीआई शिक्षकों के साथ खड़ी है. जहां भी, जैसे भी आवाज उठानी पड़ेगी कांग्रेस से पीछे नहीं हटेगी. आफताब अहमद ने कहा कि केंद्र व राज्य सरकार लोगों की जेब पर डाका डाल रही है. डीजल- पेट्रोल के दाम आसमान छू रहे हैं. ये आलम तब है जब कच्चे तेल की कीमतों में इस समय भारी गिरावट है.
इसके अलावा धरना दे रहे हैं पीटीआई अध्यापक ने पत्रकारों से बातचीत के दौरान कहा कि सरकार ने उनके साथ गलत व्यवहार किया है. सरकार अगर चाहे तो उन्हें फिर से नौकरी पर रखा जा सकता है.
आपको बता दें कि सुप्रीम कोर्ट फैसले के बाद प्रदेश से हटाए गए 1983 पीटीआई शिक्षक अब अनिश्चितकालीन धरने पर बैठ गए हैं. नूंह जिले से हटाए गए 29 अध्यापक लघु सचिवालय परिसर के पास धरना दे रहे हैं.
ये है पीटीआई शिक्षकों का मामला
साल 2010 में भूपेंद्र हुड्डा की सरकार में 1983 पीटीआई शिक्षक भर्ती किए गए थे. भर्ती के बाद कुछ लोगों ने पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट में इसे चुनौती दी थी. हाई कोर्ट में सुनवाई के दौरान कहा गया था कि सैकड़ों चयनित उम्मीदवारों का शैक्षिक रिकॉर्ड बेहद खराब है. ऐसे में महज मौखिक परीक्षा के आधार पर नियुक्ति कर ली गई.
आरोप लगा था कि 90 फीसदी मेधावी उम्मीदवार मौखिक परीक्षा में बुरी तरह असफल रहे. उन्हें 30 में से 10 नंबर भी नहीं मिले. इसी के साथ यह भी आरोप लगा था कि इंटरव्यू के लिए तय 25 अंक को बदलकर 30 कर दिया गया. इन सबके मद्देनजर हाई कोर्ट ने पीटीआई भर्ती को रद्द कर दिया था. इसके बाद पीटीआई सुप्रीम कोर्ट चले गए थे. इसके बाद अब पिछले दिनों सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुनाते हुए हाई कोर्ट के फैसले को सहीं बताया था, और भर्ती को रद्द कर दिया था. जिसके बाद हरियाणा सरकार ने पीटीआई को नौकरी से निकाल दिया था. इसी को लेकर पीटीआई शिक्षक पूरे प्रदेश में प्रदर्शन करते हुए सरकार से बहाली की मांग कर रहे हैं.
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