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नूंह नल्हड़ मेडिकल कॉलेज बंद पड़े ऑक्सीजन प्लांट, डॉक्टर्स और दवाइयों की भी कमी, कांग्रेस ने दिया धरना

नूंह में राजकीय शहीद हसन खान मेवाती मेडिकल कॉलेज नल्हड़ में अस्पताल प्रशासन की लापरवाही सामने आई है. विधायक आफताब अहमद ने प्रशासन पर लापरवाही के आरोप लगाए हैं. उन्होंने यहां पर प्रशासन की लापरवाही के खिलाफ धरना प्रदर्शन करने की भी चेतावनी दी है.

Nuh Shaheed Hasan Khan Medical Hospital Administration
नूंह में शहीद हसन खान मेडिकल कॉलेज
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Published : May 13, 2023, 7:49 PM IST

नूंह नल्हड़ मेडिकल कॉलेज बंद पड़े ऑक्सीजन प्लांट

नूंह: हरियाणा के नूंह में राजकीय शहीद हसन खान मेवाती मेडिकल कॉलेज नल्हड़ में करोड़ों रुपए की लागत से कोरोना काल में लोगों की जान बचाने के लिए ऑक्सीजन प्लांट लगाए गए थे. ये ऑक्सीजन प्लांट मेडिकल कॉलेज प्रशासन की लापरवाही से धूल फांक रहे हैं. मरीजों की जान बचाने के लिए बाहर से सिलेंडरों में लाखों रुपए की ऑक्सीजन हर महीने मंगवाई जा रही है. हजारों करोड़ रुपए की लागत से बनाया गया मेडिकल कॉलेज सफेद हाथी साबित हो रहा है.

मेडिकल कॉलेज निदेशक पर समय-समय पर कई गंभीर आरोप लगते रहे हैं. लेकिन ऑक्सीजन प्लांट चालू हालत में नहीं होने की वजह से सिस्टम सरकार के आदेशों को ठेंगा दिखाने का काम कर रहा है. आपको बता दें कि कोरोना काल में जब ऑक्सीजन के लिए भारी किल्लत हो रही थी. तो पीएम केयर्स फंड तथा CSR योजना के तहत मेडिकल कॉलेज नल्हड़ में 4-5 ऑक्सीजन प्लांट लगाए गए थे.

जानकारी के मुताबिक इन ऑक्सीजन प्लांट पर दो-तीन करोड़ रुपए खर्च किए गए थे. मेडिकल कॉलेज में पीएम केयर फंड द्वारा 1000-1000 लीटर प्रति मिनट क्षमता के दो ऑक्सीजन प्लांट व सीएसआर के तहत मारुति एवं आईआईटी कानपुर की मदद से 500-500 लीटर प्रति मिनट की क्षमता के दो ऑक्सीजन प्लांट लगाए गए थे. इनके अलावा 10 किलोलीटर क्षमता का लिक्विड मेडिकल ऑक्सीजन टैंक बनाया गया था.

इस टैंक में ऑक्सीजन को लाकर खाली किया जा सकता था. ताकि जरूरत पड़ने पर इसका इस्तेमाल किया जा सके. आप इसी से अंदाजा लगा सकते हैं कि इतने बड़े आलीशान दिखने वाले मेडिकल कॉलेज में अगर ऑक्सीजन प्लांट तक चालू नहीं है, तो मेडिकल कॉलेज प्रशासन इस अस्पताल पर कितना ध्यान दे रहा है. वैसे मरीजों के इलाज में लापरवाही, दवाइयों की कमी, डॉक्टरों की कमी एवं एक्सरे तथा अल्ट्रासाउंड मशीन सहित अन्य सुविधाओं की कमी किसी से छिपी नहीं है.

ये भी पढ़ें: हरियाणा में डॉक्टरों की कमी पर चौंकाने वाला खुलासा, हरियाणा सिविल मेडिकल सर्विस एसोसिएशन ने स्वास्थ्य मंत्री को लिखा पत्र

यहां के मरीज व तीमारदार से लेकर विधायक आफताब अहमद कॉलेज की खामियों को सड़क से लेकर विधानसभा तक मजबूती से उठाते रहे हैं. लेकिन इसे लेकर मेडिकल कॉलेज प्रशासन व सरकार कम ही संजीदा दिखाई देती है. इसी लापरवाही को मुद्दा बनाकर कांग्रेस ने भाजपा व जेजेपी सरकार को घेरने की पूरी तैयारी कर ली है. शुक्रवार को सीएलपी उप नेता विधायक आफताब अहमद मेडिकल कॉलेज नल्हड़ में एक दिवसीय धरना प्रदर्शन करने जा रहे हैं.

क्या कहते हैं विधायक: सीएलपी उप नेता विधायक आफताब अहमद ने कहा कि मेडिकल कॉलेज से इलाके के लोगों को बहुत सी उम्मीदें थी. कांग्रेस सरकार के समय में इस मेडिकल कॉलेज को जनता के लिए समर्पित किया गया था. लेकिन मौजूदा सरकार इस मेडिकल कॉलेज का रखरखाव सही ढंग से नहीं कर पा रही है. इस मेडिकल कॉलेज में एक्स-रे और अल्ट्रासाउंड मशीनों से लेकर ऑक्सीजन प्लांट तक जनता के लिए काम नहीं कर रहे हैं.

ये भी पढ़ें: भिवानी में कैबिनेट मंत्री ने किया जलघरों का उद्घाटन, बोले- देवसर गांव को महाग्राम योजना में किया जाएगा शामिल

इतना ही नहीं मरीजों को पट्टी तक बाहर से लानी पड़ती है. डॉक्टरों व स्टाफ के अलावा अन्य संसाधनों की कमी किसी से छिपी नहीं है. इस बात को सरकार के सामने कई बार उठाया है. लेकिन यह सरकार लोगों के स्वास्थ्य को लेकर संजीदा नहीं है. सरकार की आंखें खोलने के लिए कांग्रेस शुक्रवार को एक दिवसीय धरना प्रदर्शन मेडिकल कॉलेज प्रांगण में करेगी. वहीं, इस बारे में मेडिकल कालेज निदेशक डॉ. पवन गोयल से बातचीत की गई, तो उन्होंने ऑक्सीजन प्लांट को सुचारू बताते हुए कहा कि लिक्विड टैंक से तथा ऑक्सीजन सिलेंडर से ही पूर्ति हो जाती है. जबकि चार ऑक्सीजन प्लांट की जरूरत ही नही पड़ती. उन्होंने कहा कि समय-समय पर इसकी रिपोर्ट उच्च अधिकारियों को भी दी जाती है.

नूंह नल्हड़ मेडिकल कॉलेज बंद पड़े ऑक्सीजन प्लांट

नूंह: हरियाणा के नूंह में राजकीय शहीद हसन खान मेवाती मेडिकल कॉलेज नल्हड़ में करोड़ों रुपए की लागत से कोरोना काल में लोगों की जान बचाने के लिए ऑक्सीजन प्लांट लगाए गए थे. ये ऑक्सीजन प्लांट मेडिकल कॉलेज प्रशासन की लापरवाही से धूल फांक रहे हैं. मरीजों की जान बचाने के लिए बाहर से सिलेंडरों में लाखों रुपए की ऑक्सीजन हर महीने मंगवाई जा रही है. हजारों करोड़ रुपए की लागत से बनाया गया मेडिकल कॉलेज सफेद हाथी साबित हो रहा है.

मेडिकल कॉलेज निदेशक पर समय-समय पर कई गंभीर आरोप लगते रहे हैं. लेकिन ऑक्सीजन प्लांट चालू हालत में नहीं होने की वजह से सिस्टम सरकार के आदेशों को ठेंगा दिखाने का काम कर रहा है. आपको बता दें कि कोरोना काल में जब ऑक्सीजन के लिए भारी किल्लत हो रही थी. तो पीएम केयर्स फंड तथा CSR योजना के तहत मेडिकल कॉलेज नल्हड़ में 4-5 ऑक्सीजन प्लांट लगाए गए थे.

जानकारी के मुताबिक इन ऑक्सीजन प्लांट पर दो-तीन करोड़ रुपए खर्च किए गए थे. मेडिकल कॉलेज में पीएम केयर फंड द्वारा 1000-1000 लीटर प्रति मिनट क्षमता के दो ऑक्सीजन प्लांट व सीएसआर के तहत मारुति एवं आईआईटी कानपुर की मदद से 500-500 लीटर प्रति मिनट की क्षमता के दो ऑक्सीजन प्लांट लगाए गए थे. इनके अलावा 10 किलोलीटर क्षमता का लिक्विड मेडिकल ऑक्सीजन टैंक बनाया गया था.

इस टैंक में ऑक्सीजन को लाकर खाली किया जा सकता था. ताकि जरूरत पड़ने पर इसका इस्तेमाल किया जा सके. आप इसी से अंदाजा लगा सकते हैं कि इतने बड़े आलीशान दिखने वाले मेडिकल कॉलेज में अगर ऑक्सीजन प्लांट तक चालू नहीं है, तो मेडिकल कॉलेज प्रशासन इस अस्पताल पर कितना ध्यान दे रहा है. वैसे मरीजों के इलाज में लापरवाही, दवाइयों की कमी, डॉक्टरों की कमी एवं एक्सरे तथा अल्ट्रासाउंड मशीन सहित अन्य सुविधाओं की कमी किसी से छिपी नहीं है.

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यहां के मरीज व तीमारदार से लेकर विधायक आफताब अहमद कॉलेज की खामियों को सड़क से लेकर विधानसभा तक मजबूती से उठाते रहे हैं. लेकिन इसे लेकर मेडिकल कॉलेज प्रशासन व सरकार कम ही संजीदा दिखाई देती है. इसी लापरवाही को मुद्दा बनाकर कांग्रेस ने भाजपा व जेजेपी सरकार को घेरने की पूरी तैयारी कर ली है. शुक्रवार को सीएलपी उप नेता विधायक आफताब अहमद मेडिकल कॉलेज नल्हड़ में एक दिवसीय धरना प्रदर्शन करने जा रहे हैं.

क्या कहते हैं विधायक: सीएलपी उप नेता विधायक आफताब अहमद ने कहा कि मेडिकल कॉलेज से इलाके के लोगों को बहुत सी उम्मीदें थी. कांग्रेस सरकार के समय में इस मेडिकल कॉलेज को जनता के लिए समर्पित किया गया था. लेकिन मौजूदा सरकार इस मेडिकल कॉलेज का रखरखाव सही ढंग से नहीं कर पा रही है. इस मेडिकल कॉलेज में एक्स-रे और अल्ट्रासाउंड मशीनों से लेकर ऑक्सीजन प्लांट तक जनता के लिए काम नहीं कर रहे हैं.

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इतना ही नहीं मरीजों को पट्टी तक बाहर से लानी पड़ती है. डॉक्टरों व स्टाफ के अलावा अन्य संसाधनों की कमी किसी से छिपी नहीं है. इस बात को सरकार के सामने कई बार उठाया है. लेकिन यह सरकार लोगों के स्वास्थ्य को लेकर संजीदा नहीं है. सरकार की आंखें खोलने के लिए कांग्रेस शुक्रवार को एक दिवसीय धरना प्रदर्शन मेडिकल कॉलेज प्रांगण में करेगी. वहीं, इस बारे में मेडिकल कालेज निदेशक डॉ. पवन गोयल से बातचीत की गई, तो उन्होंने ऑक्सीजन प्लांट को सुचारू बताते हुए कहा कि लिक्विड टैंक से तथा ऑक्सीजन सिलेंडर से ही पूर्ति हो जाती है. जबकि चार ऑक्सीजन प्लांट की जरूरत ही नही पड़ती. उन्होंने कहा कि समय-समय पर इसकी रिपोर्ट उच्च अधिकारियों को भी दी जाती है.

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