नूंह: किसान की आमदनी बढ़ाने के लिए केंद्र व राज्य सरकार पूरी तरह से गंभीर दिखाई दे रही है. केंद्र सरकार केंद्रीय क्षेत्र योजना (सेंट्रल सेक्टर स्कीम) से किसानों की कायापलट करने जा रही है. इस स्कीम को प्रभावी ढंग से फील्ड में उतारने के लिए नूंह में डीसी की अध्यक्षता में जिला स्तरीय मॉनिटरिंग कमेटी का गठन किया गया जिसकी पहली बैठक मंगलवार को हुई.
जिला स्तरीय मॉनिटरिंग कमेटी में डीजीएम नाबार्ड, लीड बैंक मैनेजर, कृषि, बागवानी, कृषि विज्ञान केंद्र, मछली पालन इत्यादि विभागों से सदस्य शामिल किए गए हैं, जो अपने-अपने प्रदेश में या अपने-अपने क्षेत्र में किसान उत्पादक समूह यानि एफपीओ बनाने जा रहे हैं. नूंह बागवानी अधिकारी एवं जिला स्तरीय मॉनिटरिंग कमेटी के सचिव दीन मोहम्मद ने बताया कि केंद्र सरकार किसानों की आर्थिक स्थिति को मजबूत करने के लिए ये स्कीम लेकर आई है.
उन्होंने बताया कि देश भर में 10 हजार एफपीओ तथा हरियाणा में 850 एफपीओ पूरे 5 वर्ष के अंदर बनाए जाएंगे. एफपीओ को केंद्र सरकार करोड़ों रुपए की धनराशि उपलब्ध कराएगी. खास बात तो ये है कि महज 3 प्रतिशत ब्याज पर किसानों को 2 करोड़ रुपये तक का लोन आसानी से मिल जाएगा. उन्होंने बताया कि एनसीडीसी एक करोड़ रुपये तक के लोन पर 85 प्रतिशत तथा दो करोड़ के लोन पर 75 प्रतिशत तक लोन की गारंटी खुद ले देगी, जबकि अन्य सूक्ष्म सिंचाई योजना में लगी कंपनियां वहन करेगी.
केंद्र सरकार ने 1000 करोड़ की राशि की जारी
किसानों को इस योजना में ज्यादा दिक्कत नहीं आएगी. उन्होंने बताया कि एफपीओ में तकरीबन 300 सदस्य होंगे, जो ना केवल अपनी फसलों को सीधे मार्केट में भेज सकेंगे बल्कि सोसायटी बनाने के अलावा कोल्ड स्टोरेज या फिर मशरूम यूनिट भी लगा सकेंगे. नाबार्ड इत्यादि को केंद्र सरकार ने तकरीबन 1000 करोड़ रुपये की राशि इस योजना के लिए जारी कर दी है. बागवानी विभाग एवं अन्य संबंधित विभाग जल्द ही किसान उत्पादक समूह यानि एफपीओ बनाने जा रहे हैं.
खुशहाल होगा किसान
इस योजना के लागू होने के बाद किसानों की आर्थिक स्थिति कई गुणा अधिक बढ़ जाएगी. इस कमेटी की पहली बैठक नूंह जिले में हो चुकी है. अब कमेटी में शामिल अधिकारीगण फील्ड में उतरकर किसानों के उत्पादक समूह बनाने जा रहे हैं. अगर किसानों ने दिलचस्पी दिखाई तथा लोन लेने में किसानों को ज्यादा कठिनाई नहीं तो देश के अन्न भंडार को अपने खून पसीने की कमाई से भरने वाला किसान खुशहाल होगा.
फसलों का मिल सकेगा उचित दाम
किसानों की अक्सर समस्या रही है कि उन्हें फसल अनाज मंडी में या व्यापारी को बेचते समय फसल के सही दाम नहीं मिलते. इस योजना के बाद किसान के बीच से बिचौलिए हट जाएंगे और किसान सीधे मार्केट में अपनी फसलों को उचित मूल्य पर बेच सकेंगे या फिर कोल्ड स्टोरेज में रखकर सही भाव का इंतजार कर फसल को उचित दामों में बेच सकेंगे.
ये है केंद्रीय क्षेत्र योजना (सेंट्रल सेक्टर स्कीम)
केंद्रीय मंत्रिमंडल ने कृषि अवसंरचना कोष के तहत एक लाख करोड़ रुपये की वित्त पोषण की सुविधा के लिए केंद्रीय क्षेत्र योजना (सेंट्रल सेक्टर स्कीम) को मंजूरी दे दी है. इस एक लाख करोड़ रुपये के एग्री इंफ्रा फंड से ग्रामीण क्षेत्र में कृषि क्षेत्र से जुड़ा बुनियादी ढांचा (इंफ्रास्ट्रक्चर) तैयार करने में मदद मिलेगी. इस फंड से ग्रामीण क्षेत्र में कोल्ड स्टोर, वेयरहाउस, प्रसंस्करण इकाई आदि को स्थापित करने के लिए ऋण प्रदान किया जाएगा. इस योजना के तहत लाभार्थियों को दो करोड़ रुपये की राशि पर तीन प्रतिशत ब्याज उपदान और क्रेडिट गारंटी प्रदान की जाएगी.
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