नूंह: हरियाणा में आशा वर्कर का गुस्सा इन दिनों उबाल पर है. गुस्साई आशा वर्कर अब सड़कों पर उतर आई हैं. हरियाणा में दो आशा वर्कर की मौत और कई जगह आशा वर्कर की गिरफ्तारी को लेकर नूंह जिले की सैकड़ों आशा वर्कर अल आफिया सामान्य अस्पताल मांडीखेड़ा परिसर में पिछले कई दिन से हड़ताल पर बैठी हुई हैं. गुरुवार को सैकड़ों की तादाद में आशा वर्कर गांधी पार्क नूंह में एकत्रित हुई और वहां से करीब 1 किलोमीटर दूर भीषण गर्मी में बैनर व पोस्टर लेकर सरकार के विरोध में नारेबाजी करती हुई लघु सचिवालय नूंह तक पहुंची.
आशा वर्करों ने इस दौरान जमकर सरकार के खिलाफ नारेबाजी की. आशा वर्कर ने सिटी एसएचओ ओमबीर के माध्यम से डीजीपी हरियाणा को मांग पत्र भेजा है. पत्रकारों से बातचीत के दौरान सीटू नेता व आशा वर्कर यूनियन से जुड़ी महिलाओं ने कहा कि की पुलिस की दमनकारी कार्रवाई को रोका जाए. उन्होंने कहा कि गत 28 अगस्त को दो आशा वर्कर प्रदर्शन में घायल हो गईं थी. उनकी इलाज के दौरान मौत हो गई थी. इसके बाद 13 सितंबर को भी आशा वर्कर को गिरफ्तार किया गया.
महिलाओं का कहना है कि पुलिस हिरासत में मानवाधिकारों का उल्लंघन किया गया, इसे बंद किया जाना चाहिए. आक्रोशित आशा वर्कर ने कहा कि गत 28 अगस्त को महिलाओं को गिरफ्तार करके बसों में सारे दिन घुमाया गया, महिलाओं पर बल प्रयोग किया गया, पुलिस ने दमनकारी नीति अपनाई, जुलूस निकाल रही आशा वर्कर को पुलिस ने गिरफ्तार किया. इतना ही नहीं महिलाओं के घरों के बाहर पुलिस बैठा दी गई, उन्हें गिरफ्तार किया गया. गिरफ्तार करके बसों में सारा दिन घुमाया गया, पीने का पानी तक नहीं दिया गया और महिलाओं को शौच तक करने के लिए बसों को नहीं रोका गया.
आशा वर्कर ने कहा कि जब तक उन्हें इंसाफ नहीं मिलेगा, तब तक उनकी अनिश्चितकालीन हड़ताल जारी रहेगी. उनका कहना है कि जिले की 1140 आशा वर्कर तथा पूरे प्रदेश में 22 हजार आशा वर्कर इस समय हड़ताल पर हैं. जब तक उनकी लंबित मांगों को पूरा नहीं किया जाएगा, तब तक अनिश्चितकालीन हड़ताल जारी रहेगी.
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