नूंह: नागरिकता संशोधन अधिनियम, नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटीजन और एनपीआर के खिलाफ बुधवार को विभिन्न संगठनों ने भारत बंद का आह्वान किया है. इस कानून को लेकर पूरे देश में भारत बंद बुलाया गया है. इस बंद का असर कहीं मिलाजुला दिख रहा है. लेकिन नूंह में इस बंद का असर देखने को मिला.
नूंह में दिखा भारत बंद का असर
जिले की लगभग सारी दुकानी बंद थी. लोगों ने भारत बंद के जरिए सरकार से कानून को वापस लेने की मांग की. आपको बता दें कि मेवात विकास सभा के अलावा अन्य समाजसेवी संगठनों ने भी भारत बंद का आह्वान किया था. सीएए, एनआरसी और एनपीए को लेकर लगातार विवाद बढ़ता जा रहा है. इस कानून को लेकर सरकार पीछे हटने को तैयार नहीं है. वहीं विपक्षी पार्टियों से लेकर अन्य कई संगठन केंद्र सरकार के इस कानून का विरोध कर रहे है.
मार्केट की सारी दुकानें बंद
पुन्हाना के लोगों ने भारत बंद के दौरान लोगों से दुकानें बंद रखने की अपील की थी, जिसका पूरा असर देखने को मिला. बुधवार को पुन्हाना शहर के मुख्य बाजार नगीना-होडल मार्ग, पुन्हाना-जुरहेड़ा मार्ग, पुन्हाना-लहर वाड़ी इत्यादि मार्गों पर अधिकतर दुकानें बंद रही.
विरोध-प्रदर्शन जारी
पुन्हाना शहर में अक्सर भीड़भाड देखने को मिलती है, लेकिन अधिकतर बाजार बंद होने की वजह से सरकारी कार्यालयों में भी कम ही रौनक देखने को मिली. लाखों लोगों की भीड़ नूंह-घासेड़ा गांव तक 7 किलोमीटर पैदल विरोध करने गई थी. उसके बाद से लगातार अलग-अलग स्थानों पर अलग-अलग तरीके से विरोध प्रदर्शन जारी है.
हैसटैग भारत बंद था ट्वीटर टॉप ट्रेंडिंग पर
आपको बता दें कि भारत बंद हैसटैग ट्वीटर पर टॉप ट्रेंडिंग में था. इस भारत बंद के दौरान पंश्चिम बंगाल के मुर्शीदाबाद से भी खबरे आ रही है. बताया जा रहा है कि इस दौरान दो गुटों में झड़प हो गई जिसमें दो लोगों की मौत की खबरे भी आ रही है.
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कानून को वापस लेने से सरकार ने किया है इनकार
आपको बता दें कि इस कानून का विरोध पिछले 45 दिनों से जारी है. दिल्ली के शाहीन बाग से लेकर हरियाणा के नूंह और यूपी के लखनऊ तक इस कानून का विरोध लगातार जारी है. लेकिन केंद्र की मोदी सरकार और गृहमंत्री अमित शाह ने इस कानून को वापस लेने से साफ मना कर दिया है और इस कानून को लेकर बीजेपी जागरुकता अभियान चला रही है.