नूंह: जिले के करीब 465 से अधिक टीचरों का तबादला पिछले दो दिनों में कर दिया गया है. अभी तक सिर्फ 22 टीचर इस जिले में तबादला होकर आए हैं. नूंह जिले में तकरीबन 500 प्राइमरी स्कूल हैं. जिनमें इस समय 2305 जेबीटी टीचर कार्यरत हैं और 1923 अध्यापक के पद पर रिक्त पड़े हुए हैं. जिले में कुल पद 4228 स्वीकृत हैं और पहली से पांचवी कक्षा तक पढ़ने वाले छात्रों की संख्या लगभग सवा लाख के करीब है.
बताया जा रहा है कि 465 अध्यापकों के तबादले के बाद अब जिले के सैकड़ों स्कूल ऐसे हो गए हैं. जहां सिर्फ एक टीचर के कंधों पर सैकड़ों बच्चों को शिक्षा देने की जिम्मेदारी है. इसके अलावा अध्यापक की दूसरे सरकारी कामों के लिए भी ड्यूटी लगाई जाती है. ऐसे हालात में शिक्षा व्यवस्था का बंटाधार लगभग तय है.
हरियाणा सरकार नूंह जिले की शिक्षा को लेकर भले ही बड़े-बड़े दावे करती रही हो. लेकिन दावों और हकीकत में जमीन आसमान का अंतर है. जिन अध्यापकों का हाल ही में तबादला हुआ है. इनका तबादला तो एक साल पहले ही हो चुका था. लेकिन कोर्ट के स्टे के कारण अध्यापक पिछले एक साल से नूंह जिले में ही अपनी सेवाएं दे रहे थे.
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कोर्ट ने स्टे हटाया तो इन अध्यापकों के दूसरे जिलों में तबादले का रास्ता साफ हो गया. जिससे नूंह जिले की शिक्षा व्यवस्था इस समय पूरी तरह चरमराई गई है. जिला मौलिक शिक्षा अधिकारी कपिल पुनिया ने बताया कि अध्यापकों की पूर्ति करने के लिए सेवानिवृत्त अध्यापकों को भर्ती किया जा रहा है. इसके लिए पोर्टल पर आवेदन भी आने शुरू हो चुके हैं.