नूंह: एक बार फिर डिप्थीरिया यानी की गलघोंटू ने जिले में पैर पसारने शुरू कर दिए हैं. अभीतक नूंह में इस बीमारी से 12 बच्चों की मौत हो चुकी है. गलघोंटू से हो रही मौत का आंकड़ा लगातार बढ़ रहा है. जिससे स्वास्थ्य विभाग में हड़कंप मच गया है.
स्वास्थ्य विभाग में मचा हड़ंकप
उपायुक्त पंकज ने शुक्रवार को स्वास्थ्य विभाग की टीम के साथ बैठकर की. बैठक में गलघोंटू के रोकथाम को लेकर चर्चा की गई. बैठक के बाद उपायुक्त पंकज ने कहा कि गलघोंटू एक खतरनाक बिमारी है. जिसकी वजह से मौत भी हो सकती है. इसके बचाव के लिए मरीज को जल्द से जल्द अपने नजदीकी अस्पताल में इलाक के लिए जाना चाहिए ताकि बीमारी से बचा जा सके.
उपायुक्त ने की स्वास्थ्य विभाग की टीम के साथ बैठक
उपायुक्त पंकज ने बताया कि इस बीमारी से पीड़ित बच्चों के गले में सूजन आ जाती है, उन्हें सांस लेने में तकलीफ होती है साथ ही खाने-पीने में भी दिक्कत का सामना करना पड़ता है. उन्होंने बताया कि गलघोंटू के मरीजों को एंटी डिप्थीरिया सीरम टीका लगाया जाता है. जो नल्हड मेडिकल कॉलेज में उपलब्ध है. बता दें कि मेवात में इस साल गलघोंटू की वजह से करीब 12 बच्चों की मौत हो चुकी है. जबकि कई बच्चे इस बीमारी से जूझ रहे हैं.
ये भी पढ़िए: अनिल विज का विवादित बयान, भूपेंद्र सिंह हुड्डा और कुमारी सैलजा को बताया रिजेक्टिड माल
क्या है डिप्थीरिया या गलघोंटू के लक्षण ?
- गले में सूजन, ठंड लगना
- सांस लेने में कठिनाई
- बुखार, गले में खराश या फिर खांसी आना
- इंफेक्शन मरीज के मुंह, नाक और गले में रहता है और फैलता है
- कई मामलों में ये एक इंसान से दूसरे इंसान को भी हो जाता है
- कमोजरी होना
- दिल की धड़कने तेज हो जाना
- नाक बहना