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हरियाणा का लाल विपिन यादव लेह में शहीद, पैतृक गांव में होगा अंतिम संस्कार - जवान विपिन यादव शहीद लेह

हरियाणा के महेंद्रगढ़ जिले के रहने वाले जवान विपिन यादव शहीद हो गए हैं. विपिन यादव 3 इन्फेंट्री सिगनल में लेह लद्दाख में तैनात थे.

soldier vipin yadav martyr leh
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Published : Jul 3, 2021, 8:08 PM IST

Updated : Jul 3, 2021, 8:49 PM IST

महेंद्रगढ़: हरियाणा के लाल जवान विपिन यादव लेह में शहीद हो गए. विपिन यादव नांगल चौधरी हल्के के गांव कमानिया के रहने वाले थे. 24 वर्षीय विपिन यादव चार साल पहले ही सेना में शामिल हुए थे. विपिन यादव 3 इन्फेंट्री सिगनल में सिपाही के पद पर लेह लद्दाख में तैनात थे जहां ड्यूटी के दौरान वे वीरगति को प्राप्त हुए.

गांव में राजकीय सम्मान के साथ होगा अंतिम संस्कार

शहीद विपिन यादव का पार्थिव शरीर आज देर रात्रि तक अपने पैतृक गांव पहुंच सकता है. उनके शहीद होने की खबर सुनकर पूरे गांव में गमगीन माहौल है. सभी लोग अपने लाल के अंतिम दर्शन के लिए इंतजार कर रहे हैं. शहीद का पार्थिव शरीर गांव में पहुंचने पर राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया जाएगा.

पिता और भाई भी हैं सेना में

शहीद विपिन के पिता और बड़े भाई भी सेना में हैं. शहीद विपिन अपने पीछे एक साल का बेटा और पत्नी छोड़ गए हैं. उनके अंतिम संस्कार में शस्त्र सलामी के लिए सेना की टुकड़ी भी गांव पहुंचेगी. वहीं ग्रामीणों ने सरकार से शहीद के नाम से गांव के स्कूल का नाम करने की मांग की है.

ये भी पढ़ें- पंचतत्व में विलीन हुआ रेवाड़ी का लाल, आखिरी विदाई देने उमड़ा जनसैलाब

महेंद्रगढ़: हरियाणा के लाल जवान विपिन यादव लेह में शहीद हो गए. विपिन यादव नांगल चौधरी हल्के के गांव कमानिया के रहने वाले थे. 24 वर्षीय विपिन यादव चार साल पहले ही सेना में शामिल हुए थे. विपिन यादव 3 इन्फेंट्री सिगनल में सिपाही के पद पर लेह लद्दाख में तैनात थे जहां ड्यूटी के दौरान वे वीरगति को प्राप्त हुए.

गांव में राजकीय सम्मान के साथ होगा अंतिम संस्कार

शहीद विपिन यादव का पार्थिव शरीर आज देर रात्रि तक अपने पैतृक गांव पहुंच सकता है. उनके शहीद होने की खबर सुनकर पूरे गांव में गमगीन माहौल है. सभी लोग अपने लाल के अंतिम दर्शन के लिए इंतजार कर रहे हैं. शहीद का पार्थिव शरीर गांव में पहुंचने पर राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया जाएगा.

पिता और भाई भी हैं सेना में

शहीद विपिन के पिता और बड़े भाई भी सेना में हैं. शहीद विपिन अपने पीछे एक साल का बेटा और पत्नी छोड़ गए हैं. उनके अंतिम संस्कार में शस्त्र सलामी के लिए सेना की टुकड़ी भी गांव पहुंचेगी. वहीं ग्रामीणों ने सरकार से शहीद के नाम से गांव के स्कूल का नाम करने की मांग की है.

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Last Updated : Jul 3, 2021, 8:49 PM IST
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