महेंद्रगढ़: 10 दिसंबर को अहीरवाल क्षेत्र के महेंद्रगढ़ में एक बड़ी रैली हुई. इस रैली में हरियाणा बीजेपी अध्यक्ष नायब सिंह सैनी, हरियाणा बीजेपी प्रभारी बिप्लब देब और पूर्व शिक्षा मंत्री रामबिलास शर्मा जैसे दिग्गज नेता शामिल हुए. नांगल चौधरी की इस रैली को अहीरवाल की अब तक की सबसे बड़ी रैली बताया जा रहा है. रैली में आने वाली भीड़ को देखकर ये अनुमान सही भी लगता है, जिसमें करीब 40 हजार लोग शामिल हुए. रैली का आयोजन किया था नांगल चौधरी से बीजेपी विधायक अभय यादव ने. लेकिन इससे भी बड़ी बात ये थी कि इस रैली में अहीरवाल के बड़े नेता माने जाने वाले केंद्रीय मंत्री राव इंद्रजीत सिंह नहीं थे.
नांगल चौधरी की विकसित भारत जनविश्वास रैली से राजनीतिक गलियारों में दक्षिण हरियाणा की सियासत बदलने की चर्चा तेज हो गई है. कहा जा रहा है कि नांगल चौधरी विधायक अभय सिंह यादव इस इलाके में बीजेपी के नये नेता के रूप में उभर रहे हैं, जो इस क्षेत्र के समीकरण और बीजेपी के एजेंडे में फिट बैठ रहे हैं. इसकी सबसे बड़ी वजह ये भी है कि दक्षिण हरियाणा में बीजेपी के पास कोई बड़ा चेहरा नहीं है. कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में शामिल हुए केंद्रीय मंत्री राव इंद्रजीत जरूर हैं लेकिन उनकी सीएम मनोहर लाल और आलाकमान के साथ अच्छे संबंध नहीं माने जाते. केंद्रीय मंत्री राव इंद्रजीत सिंह सीएम मनोहर लाल पर कई बार सीधा निशाना साध चुके हैं. राजनीति के जानकार कहते हैं कि राव इंद्रजीत पार्टी से ज्यादा खुद की राजनीति करते हैं इसलिए वो बीजेपी में फिट हो रहे.
कौन है अभय सिंह यादव- नांगल चौधरी से बीजेपी विधायक अभय सिंह यादव 2001 बैच के आईएएस अधिकारी रह हैं. विधानसभा चुनाव लड़ने के लिए 2013 में उन्होंने स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति (वीआरएस) ले लिया. लगभग चार महीने तक वो इनेलो के साथ रहे और 2014 में विधानसभा चुनाव से पहले बीजेपी में शामिल हो गए. भाजपा के टिकट पर वो नांगल चौधरी विधानसभा क्षेत्र से पहला चुनाव लड़े और इनेलो की मंजू चौधरी को 981 वोटों से हराकर विधायक बन गये.
लगातार दूसरी बार विधायक बने अभय यादव- विधायक अभय सिंह यादव 5 साल में इलाके में काफी पॉपुलर हुए. इसकी सबसे बड़ी वजह थी इलाके में कई ऐसा काम कराना जो कई दशक से नहीं हुए ते. महेंद्रगढ़ जिले को 980 क्यूसेक पानी दिलाने में उनका बड़ा योगदान माना जाता है. यही वजह है कि उनकी छवि और कद बीजेपी में बढ़ता गया. 2019 में भारतीय जनता पार्टी ने दोबारा उन पर भरोसा किया और नांगल चौधरी से विधानसभा के मैदान में उतारा. इस बार अभय यादव करीब 22 हजार मतों से चुनाव जीतकर विधानसभा पहुंचे. हलांकि खुद को अहीरवाल का नेता और लोकसभा चुनाव लड़ने की बातों को अभय सिंह यादव सिरे से खारिज करते हैं.
इस रैली का मकसद लोकसभा चुनाव लड़ना और उसकी तैयारी करना बिल्कुल नहीं है. रैली का मकसद विकास की राजनीति को बढ़ाना है. ये सारी बातें भविष्य के गर्भ में है. ये फैसला आलाकमान करेगा. इस रैली का मतलब किसी को ताकत दिखाना नहीं है. मेरी प्राथमिकता क्षेत्र के लोगों का विकास है. अभय सिंह यादव, विधायक, नांगल चौधरी
महेंद्रगढ़ में पानी सबसे बड़ा मुद्दा- महेंद्रगढ़ खासकर नांगल चौधरी की सबसे बड़ी समस्या पानी की थी, जो पिछले 35 साल से चली आ रही है. विधायक बनने के बाद अभय सिंह यादव ने सबसे पहले सीएम मनोहर लाल से मिलकर महेंद्रगढ़ के आखिरी टेल तक पानी पहुंचाया. 143 करोड़ की परियोजना के तहत पीने के जल, सिंचाई जल और पशु जल का एक निश्चित पैमाना तैयार कर महेंद्रगढ़ जिले को 980 क्यूसिक पानी दिलवाले का काम किया. पानी आने के बाद आसपास के करीब 200 गांव को इसका फायदा मिला. इसके बाद अभय यादव की लोकप्रियता और बढ़ गई.
दक्षिण हरियाणा में बीजेपी को विकल्प की तलाश- अहीरवाल में केंद्रीय मंत्री राव इंद्रजीत सिंह का एक छत्र राज समझा जाता था लेकिन अब हालात बदल गये हैं. हरियाणा में बीजेपी को बड़े क्षेत्रीय नेताओं की तलाश थी. इसीलिए 2014 में मोदी लहर के साथ ही कई बड़े नेताओं को पार्टी में शामिल किया गया. उनमें चौधरी बीरेंद्र सिंह और राव इंद्रजीत प्रमुख हैं. आखिरकार पहली बार 2014 में बीजेपी ने बहुमत की सरकार बनाई. लेकिन सत्ता के गलियारे में अहीरवाल में बीजेपी को भरोसेमंद विकल्प की जरूरत अभी भी है. हरियाणा के बीजेपी अध्यक्ष नायब सिंह सैनी ने नांगल चौधरी की रैली में अभय सिंह यादव की तारीफ में जमकर कसीदे पढ़े.
अभय सिंह यादव इस क्षेत्र की बहुत मजबूत आवाज हैं. जब मैं पिछली सरकार में मंत्री था तब अभय यादव इलाके की आवाज विधानसभा के अंदर मजबूती से उठाते थे. उसी का परिणाम है कि मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने उनकी बातों को सुनते हुए नांगल चौधरी के अंतिम टेल तक पानी पहुंचाने का काम किया है. इसके पीछे सबसे बड़ा हाथ अभय सिंह यादव का है. नायब सिंह सैनी, बीजेपी अध्यक्ष, हरियाणा
राव इंद्रजीत सिंह बीजेपी में अलग-थलग- राजनीतिक विशेषज्ञ कहते हैं कि बीजेपी ये जानती है कि बिना अहीरवाल में जीते वो सत्ता तक नहीं पहुंच सकती. इसीलिए उसे इस इलाके में भरोसेमंद चेहरे की जरूरत है. इसीलिए भाजपा के अंदर राव इंद्रजीत विरोधी नेताओं और कार्यकर्ताओं को अभय यादव के रूप में एक विकल्प देने की कवायद की जा रही है. बीजेपी अहीरवाल के बड़े मामलों में अभय यादव के फैसले को सम्मान दे रही है. भाजपा ने 11 सदस्यीय संसदीय बोर्ड में सुधा यादव को शामिल किया है जो राव इंद्रजीत की विरोधी माना जाती हैं. राजनीतिक विश्लेषक ये भी मानते हैं कि दक्षिण हरियाणा में राव इंद्रजीत सिंह बीजेपी में जरूर हैं लेकिन वो पार्टी से ज्यादा खुद की राजनीति करते हैं. यही वजह है कि आलाकमान की नजर में उनकी छवि भरोसमंद नहीं बन पाई.
बीजेपी पहले भी ऐसी कोशिश करती रही है. वो अहीरवाल क्षेत्र में राव इंद्रजीत की छवि से बाहर निकलना चाहती है. बीच में एक बार भूपेंद्र यादव को राव इंद्रजीत के समानांतर खड़ा करने की भी चर्चा होने लगी थी लेकिन वो नहीं चल पाया. अब अभय यादव इस कोशिश को करते दिखाई दे रहे हैं. लेकिन अभय यादव की खुद की विधानसभा के बाहर कितनी पकड़ है ये देखना जरूरी होगा. उसके बाद ही पूरे अहिरवाल क्षेत्र की बात हो सकती है. धीरेंद्र अवस्थी, वरिष्ठ पत्रकार
क्या है अहीरवाल क्षेत्र की राजनीति- अहीरवाल प्रमुख रूप से गुरुग्राम, रेवाड़ी, और महेंद्रगढ़ जिले तक फैला है. लेकिन भिवानी और झज्जर में भी यादव बड़ी संख्या में हैं. अहीरवाल में इलाके में करीब 20 विधानसभा सीटें हैं. इन सभी पर यादव मतदाता निर्णायक भूमिका में हैं. केवल महेंद्रगढ़, रेवाड़ी और गुरुग्राम में ही 11 सीटें हैं. ये इलाका कभी कांग्रेस का गढ़ था लेकिन अब यहां बीजेपी का डंका है. 2019 विधानसभा चुनाव में केवल तीन जिलों की 11 में से 8 सीटें बीजेपी को मिली जबकि कांग्रेस के हिस्से के में केवल 2 सीटें ही आईं. हरियाणा में किसान और जवान दो बेहद अहम कौम है. इन दोनों को नजरअंजाद करके कोई भी पार्टी सत्ता में नहीं आ सकती है. अभय यादव के साथ ये संयोग भी जुड़ा है कि वो इन दोनों समुदाय की राजनीति में फिट बैठते हैं.
परिसीमन के बाद बदले समीकरण- 2008 के परिसीमन के बाद अहीरवाल क्षेत्र बंट गया. परिसीमन से पहले ये महेंद्रगढ़ लोकसभा सीट हुआ करती थी, जिसमें गुड़गांव, रेवाड़ी, अटेली और नारनौल हलके शामिल थे. 2008 में गुड़गांव को अलग लोकसभा सीट बना दिया गया. इसमें रेवाड़ी और नूंह शामिल हैं. वहीं महेंद्रगढ़ और भिवानी को मिलाकर महेंद्रगढ़-भिवानी लोकसभा सीट बन गई. जिसमें 9 विधानसभा क्षेत्र शामिल हैं. इससे पहले जाट बहुल भिवानी क्षेत्र हिसार लोकसभा सीट में शामिल था. गुड़गांव लोकसभा सीट पर 2009 से राव इंद्रजीत सांसद हैं. बीजेपी की प्राथमिकता अगर बदली तो 2024 में यहां से कोई दूसरा नेता भी चुनकर आ सकता है.
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