महेंद्रगढ़: जिले में हुई बूंदाबांदी से किसानों के चेहरे खिल गए हैं. किसनों ने उम्मीद जताई है कि इस बार उनकी फसल बंपर होगी. वहीं मौसम विभाग ने अगले 48 घंटों में मौसम शुष्क व पाला पडऩे की संभावना है, परंतु इसके बाद मौसम परिवर्तनशील रहने का भी अनुमान है.
2 से 4 जनवरी के बीच कहीं-कहीं आंशिक बादल रहने की भी संभावना है. आगे दिन व रात के तापमान में हल्की बढोतरी की भी संभावना भी है. राज्य में पाला आमतौर पर दिसंबर से फरवरी के महीने में ही पडऩे की संभावना बनी रहती है.
पाले के कारण फसलों, सब्जियों, छोटे फलदार पौधों व नर्सरी पर इसका हानिकारक प्रभाव पड़ता है. फसलों व सब्जियों व छोटे फलदार तनों, फूलों, फलों में उपस्थित द्रव बर्फ के रूप में जम जाता है तथा ये पौधों की कोशिकाओं को नष्ट कर देते हैं तथा पत्तियों को झुलसा देते हैं.
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पाले से करें बचाव:
पाले का हानिकारक प्रभाव अगेती सरसों, आलू, फलों व सब्जियों की नर्सरी तथा छोटे फलदार पौधों पर पड़ सकता है. इससे बचाव के लिए किसान यदि पानी उपलब्ध हो तो उपर्यूक्त फसलों, सब्जियों व फलदार पौधों में सिंचाई करें ताकि जमीन का तापमान बढ़ सके. किसान खेत के किनारे पर तथा 15 से 20 फीट की दूरी के अंतराल पर जिस और से हवा आ रही है रात्रि के समय कूड़ा-कचरा, सुखी घास आदि एकत्रित कर धुआं करना चाहिए, ताकि वातावरण का तापमान बढ़ सके. जिससे पाले का हानिकारक प्रभाव न पड़े. सीमित क्षेत्र में लगी हुई फल व सब्जियों की नर्सरी को टाट, पॉलीथिन व भूसे से ढककर पाले से उनका बचाव करें.