महेंद्रगढ़: गैंगस्टर विक्रम उर्फ पपला गुर्जर को बिमला मर्डर केस (Bimala Murder Case Mahendergarh) में आज नारनौल कोर्ट ने उम्रकैद की सजा सुनाई है. नारनौल के अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश सुधीर जीवन की कोर्ट ने पपला गुर्जर के खिलाफ सजा का ऐलान किया. एक दिन पहले ही कोर्ट ने पपला को बिमला मर्डर केस में दोषी (Bimala Murder Case Papla Gurjar Guilty) करार दिया था.
बिमला की 6 साल पहले पपला गुर्जर ने 23 गोलियां मारकर हत्या कर दी थी. बिमला की हत्या के मामले में ही वह अजमेर की हाई सिक्योरिटी जेल में बंद था और 29 सितंबर को उसे नारनौल की नसीबपुर जेल में शिफ्ट किया गया था. पीड़ित पक्ष के एडवोकेट अजय चौधरी ने बताया कि पपला को FSL, बिमला की पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट और मौके पर मौजूद बिमला के देवर दुड़ाराम की गवाही के आधार पर दोषी ठहराया गया है. FSL रिपोर्ट में बिमला को 23 गोलियां मारने के साथ ही दो हथियार इस्तेमाल होने की बात सामने आई थी. एक 9MM पिस्टल और दूसरा देसी कट्टे की गोलियां उसके शरीर से निकाली गई थीं.
पपला पर राजस्थान में भी कई मामले दर्ज
पपला गुर्जर पर हरियाणा के अलावा राजस्थान में भी कई अपराधिक मामले दर्ज हैं. हरियाणा पुलिस के इस वांछित बदमाश को 6 सितंबर 2019 को चेकिंग के दौरान राजस्थान की बहरोड़ थाना पुलिस ने मोटी रकम के साथ हिरासत में लिया था, लेकिन उस वक्त पुलिस पपला को पहचानने में गच्चा खा गई थी. उसे सामान्य बदमाश समझ कर बहरोड़ थाने के लॉकअप में रखा गया था. उसी दिन सुबह पपला के साथियों ने एके-47 से बहरोड़ थाने पर हमला बोलते हुए पपला को पुलिस हिरासत से छुड़ा लिया था.
क्या था पूरा मामला?
महेन्द्रगढ़ जिले के गांव खैरोली निवासी बिमला की 21 अगस्त 2015 को गांव में ही गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. बिमला की हत्या का आरोप उसके गांव के गैंगस्टर बिक्रम उर्फ पपला पर लगा था. महेन्द्रगढ़ सदर थाने में उसके खिलाफ कई धाराओं के तहत केस दर्ज हुआ था. पुलिस ने बिक्रम उर्फ पपला गुर्जर को गिरफ्तार भी कर लिया था, लेकिन 5 सितंबर 2017 को कोर्ट में पेशी के दौरान पपला के साथी उसे अंधाधुंध फायरिंग करके छुड़ाकर ले गए थे. इस गोलीबारी में एक पुलिसकर्मी की मौत भी हुई थी.
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