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महेंद्रगढ़: मुआवजा राशि बढ़ाने को लेकर 21 दिनों से धरने पर बैठे किसान

महेंद्रगढ़ के लघु सचिवालय में किसान पिछले 21 दिनों से धरने पर बैठे हैं. किसानों की मांग है कि साल 2013 में भूमि अधिग्रहण कानून बनाया गया था जिसके तहत वो मुआवजा राशि बढ़ाने की मांग कर रहे हैं.

मुआवजे राशि बढ़ाने के लिए धरने पर बैठे किसान
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Published : Aug 4, 2019, 8:38 PM IST

Updated : Aug 4, 2019, 8:57 PM IST

महेंद्रगढ़: अखिल भारतीय किसान यूनियन के नेतृत्व में किसान लघु सचिवालय परिसर में पिछले 21 दिनों से धरना दे रहे हैं. वहीं धरना स्थल पर पहुंचे स्वराज इंडिया के अध्यक्ष योगेंद्र यादव ने किसानों से मुलाकत की. योगेंद्र यादव ने दादरी के ढाणी फोगाट गांव में धरने के दौरान किसान राम अवतार की मौत पर 2 मिनट का मौन रखा.

क्लिक कर देखें वीडियो

डॉ. योगेंद्र यादव ने कहा कि इस सरकार ने किसानों की जमीन को कौड़ियों के भाव हड़पकर किसानों को उजाड़ने का काम किया है. उन्होंने कहा कि देश में भूमि अधिग्रहण कानून 2013 में ही लागू कर दिया गया. जिसके तहत किसानों को पर्याप्त मुआवजा देने का प्रावधान है. लेकिन सरकार अपनी मनमर्जी के रेट निर्धारित करके भूमि हड़प रही है. सरकार के इस तरह के रवैये को किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा.

उन्होंने कहा कि किसान की जमीन के मार्केट रेट बहुत ऊंचे हैं. लेकिन सरकार औने-पौने दामों पर जमीन छीन रही है. डॉ. योगेंद्र यादव ने किसानों के आंदोलन को पूरा समर्थन दिया है. उन्होंने सरकार से अनुरोध किया है कि किसानों की जायज मांगों को तुरंत प्रभाव से पूरा किया जाए. अन्यथा इसका खामियाजा विधानसभा चुनाव में सरकार को भुगतना पड़ेगा.

आखिर क्यों धरना दे रहे हैं किसान?

दरअसल नारनौल से इस्लाईमाबाद (कुरुक्षेत्र) तक ग्रीन कॉरिडोर आठ जिलों से गुजरेगा. महेंद्रगढ़ को छोड़कर अन्य सात जिलों की अवॉर्ड राशि केंद्र सरकार ने बढ़ा दी. अन्य जिलों में किसानों की अवॉर्ड राशि कम से कम 20 लाख रुपये बढ़ाई है. महेंद्रगढ़ के किसानों के साथ इस मामले में भेदभाव हुआ है. जब सात जिलों के किसानों की अवॉर्ड राशि रिवाइज हो सकती है तो महेंद्रगढ़ के किसानों की क्यों नहीं हो सकती. किसानों मुआवजा राशि ना बढ़ने तक धरना देने का फैसला लिया है.

महेंद्रगढ़: अखिल भारतीय किसान यूनियन के नेतृत्व में किसान लघु सचिवालय परिसर में पिछले 21 दिनों से धरना दे रहे हैं. वहीं धरना स्थल पर पहुंचे स्वराज इंडिया के अध्यक्ष योगेंद्र यादव ने किसानों से मुलाकत की. योगेंद्र यादव ने दादरी के ढाणी फोगाट गांव में धरने के दौरान किसान राम अवतार की मौत पर 2 मिनट का मौन रखा.

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डॉ. योगेंद्र यादव ने कहा कि इस सरकार ने किसानों की जमीन को कौड़ियों के भाव हड़पकर किसानों को उजाड़ने का काम किया है. उन्होंने कहा कि देश में भूमि अधिग्रहण कानून 2013 में ही लागू कर दिया गया. जिसके तहत किसानों को पर्याप्त मुआवजा देने का प्रावधान है. लेकिन सरकार अपनी मनमर्जी के रेट निर्धारित करके भूमि हड़प रही है. सरकार के इस तरह के रवैये को किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा.

उन्होंने कहा कि किसान की जमीन के मार्केट रेट बहुत ऊंचे हैं. लेकिन सरकार औने-पौने दामों पर जमीन छीन रही है. डॉ. योगेंद्र यादव ने किसानों के आंदोलन को पूरा समर्थन दिया है. उन्होंने सरकार से अनुरोध किया है कि किसानों की जायज मांगों को तुरंत प्रभाव से पूरा किया जाए. अन्यथा इसका खामियाजा विधानसभा चुनाव में सरकार को भुगतना पड़ेगा.

आखिर क्यों धरना दे रहे हैं किसान?

दरअसल नारनौल से इस्लाईमाबाद (कुरुक्षेत्र) तक ग्रीन कॉरिडोर आठ जिलों से गुजरेगा. महेंद्रगढ़ को छोड़कर अन्य सात जिलों की अवॉर्ड राशि केंद्र सरकार ने बढ़ा दी. अन्य जिलों में किसानों की अवॉर्ड राशि कम से कम 20 लाख रुपये बढ़ाई है. महेंद्रगढ़ के किसानों के साथ इस मामले में भेदभाव हुआ है. जब सात जिलों के किसानों की अवॉर्ड राशि रिवाइज हो सकती है तो महेंद्रगढ़ के किसानों की क्यों नहीं हो सकती. किसानों मुआवजा राशि ना बढ़ने तक धरना देने का फैसला लिया है.

Intro:
नारनौल। अखिल भारतीय किसान सभा के नेतृत्व में जिला महेंद्रगढ़ के किसानों का धरना 21 वें दिन भी लघु सचिवायल प्रांगण में जारी रहा। रविवार को मिर्जापुर-बाछौद निवासी महाबीर प्रसाद, मंडलाना निवासी लालसिंह, श्यामपुरा निवासी गजराज सिंह, बड़गांव निवासी विक्रम सिंह सरपंच व बड़कोदा निवासी लालचंद ने क्रमिक अनशन दिया। इसकी अध्यक्षता गांव बड़कोदा निवासी महेंद्रगढ़ सिंह ठेकेदार ने की। संचालन किसान सभा के जिला सचिव शेरसिंह ने किया। इस अवसर पर किसान सभा के जिला प्रधान महेंद्र कुमार यादव व स्वराज इंडिया तथा जय किसान के नेता डा. योगेेंद्र यादव विशेष रूप से मौजूद थे। 


Body:किसानों ने धरना स्थल पर दादरी जिले के फौगाट गांव में धरने पर बैठे किसान रामअवतार की अकस्मात मौत पर दुख प्रकट किया तथा शहीद किसान के निधन पर दो मिनट का मौन रखकर संवेदना प्रकट की गई। वहीं धरने को संबोधित करते हुए डा. योगेंद्र यादव ने कहा कि इस सरकार ने किसानों की जमीन कौड़ियों के भाव हड़पकर उजाड़ने पर विवश कर दिया है। किसान भूमि एक्ट 2013 में कलेक्टर रेट का चार गुणा मुआवजा का प्रावधान है। परंतु सरकार अपनी मनमर्जी के रेट निर्धारित करके भूमि हड़प रही है। जिसे सहन नही किया जाएगा। उन्होंने कहा कि किसान की जमीन के मार्केट रेट बहुत ऊंचे है। परंंतु सरकार औने-पौने दामों पर जमीन छीन रही है। डा. योगेंद्र यादव ने किसानों के आंदोलन को पूरा समर्थन दिया तथा सरकार अनुरोध किया किसानों की जायज मांग को तुरंत प्रभाव से पूरी की जाए। अन्यथा इसका खामियाजा विधानसभा में भुगतना पड़ेगा। अध्यक्ष महेंद्र सिंह ठेकेदार ने कहा कि किसान लगातार शांतिपूर्वक रूप से धरना देकर सरकार को अपनी पीड़ा से अवगत करवा रहे है। लेकिन सरकार सत्ता के नशे में चूर होकर झूठी वाहवाही लूट रही है। जिसकी वजह से प्रदेश का किसान, मजदूर, कर्मचारी व विद्यार्थी सड़कों पर आंदोलन कर रहे हो। उस सरकार को अच्छा कैसे कहा जा सकता है। 


Conclusion:इस मौके पर धर्मपाल शर्मा, महेंद्र सिंह, हवासिंह, लक्ष्मण दास, धर्मेंद्र यादव, राजसिंह, सरजीत, हरफूल, श्योताज, बाबूलाल, कालूराम, रामौतार, प्रभातीलाल, रामेश्वरदयाल, दलीप सिंह, अभयसिंह, मनोहर शर्मा, लालचंद, सोमदत्त, बीरसिंह, सुरेश कुमार, कृष्ण कुमार, फतेहसिंह, सुभाषचंद व महेंद्र आदि मौजूद थे।

बाईट: योगेंद्र यादव, स्वराज इंडिया के अध्यक्ष व किसान नेता।

Last Updated : Aug 4, 2019, 8:57 PM IST
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