महेंद्रगढ़ : चुनाव के पहले कांग्रेस के कई नेता अभी से बीजेपी के मौजूदा विधायक को चुनौती देते हुए नज़र आ रहे हैं. अभय सिंह यादव दूसरी बार नांगल चौधरी से बीजेपी के टिकट पर विधायक है. वहीं कहा जा रहा है कि कांग्रेस के टिकट पर विनय यादव को चुनाव लड़वाया जा सकता है. ऐसे में बड़ा सवाल है कि क्या यहां मुकाबला यादव बनाम यादव होगा ?
क्या कहते हैं जातीय समीकरण और क्या बताते हैं आंकड़ें ? : जातीय समीकरण की बात की जाए तो यहां तीन बार यादव विधायक रहे हैं. गुर्जर वोट बैंक और जाट वोट बैंक को भी अगर मिला दिया जाये तो भी यादव वोट बैंक का आंकड़ा ऊपर जाता दिखाई देता है. साल 2014 में बीजेपी के अभय सिंह यादव ने इनेलो की मंजू चौधरी को 981 वोटों से हराया तो वहीं साल 2009 में इनेलो के बहादुर सिंह ने कांग्रेस के राधेश्याम को 11,663 वोटों से मात दी. साल 2019 की बात करें तो नांगल चौधरी में कुल 53.57 प्रतिशत वोट पड़े. भारतीय जनता पार्टी से अभय सिंह यादव ने JJP के मूलाराम को 20615 वोटों के मार्जिन से हराया था. वहीं तीन चुनाव को देखने के बाद एक स्थिति साफ तौर पर देखी जा सकती है कि यहां पर हमेशा अहीर उमीदवार का वर्चस्व देखा जाता है.
क्या होगा यादव बनाम यादव ? : अगर एक समय के लिए मान भी लिया जाए कि बीजेपी के टिकट पर अभय सिंह यादव नांगल चौधरी विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ते हैं तो वहीं कांग्रेस के टिकट पर विनय यादव को चुनाव लड़वाया जा सकता है. अभय सिंह जहां अपने कामों को गिनाकर वोट मांगेंगे तो विनय के सामने चुनाव लड़ने की स्थिति में मौजूदा विधायक की नाकामियां गिनाने की चुनौती होगी. साल 2014 और 2019 के चुनाव में दो बार हालात नांगल चौधरी विधानसभा क्षेत्र में ऐसे देखे गये जिसमें बड़े नेताओं का हार जीत में अहम योगदान रहा. बावजूद इसके भी बीजेपी के उम्मीदवार ने जीत हासिल की. अब अगर विनोद (भील) को मैदान में उतारा जाता है तो चुनाव टक्कर में आ सकता है लेकिन उसके लिए किरण चौधरी के सहयोग की जरुरत पड़ेगी क्योंकि गुर्जर वोट पर किरण चौधरी और उनकी बेटी श्रुति चौधरी की अच्छी पकड़ मानी जाती है. वहीं इस बीच प्रवीण चौधरी को हुड़्डा परिवार के साथ-साथ राहुल गांधी का भी करीबी बताया जाता हैं. प्रवीण चौधरी को भारत जोड़ो यात्रा के दौरान राहुल गांधी के साथ अकसर देखा गया था. वो एक जाट नेता हैं. अगर प्रवीण चौधरी को टिकट मिलता है और चुनाव यादव बनाम यादव रहा तो मामला टक्कर का हो सकता है.
टिकट वितरण के बाद होगा असली खेल : हालांकि अभी विधानसभा चुनाव बहुत दूर है. किसको टिकट मिलेगा, कौन कहां से चुनाव लड़ेगा, ये तो आने वाला समय ही तय करेगा. लेकिन नांगल चौधरी विधानसभा में साफ तौर पर देखा जा सकता है की महेंद्रगढ़ में सबसे ज्यादा नांगल चौधरी विधानसभा सीट को भाजपा सेफ मानकर चल रही है. वहीं कांग्रेस के दर्जन भर नेताओं में से किसको टिकट मिलता है ये भी आने वाले समय पर ही छोड़ देते हैं.