कुरुक्षेत्र: लगातार हो रही बारिश की वजह से कुरुक्षेत्र की मारकंडा नदी उफान पर है. प्रशासन की लापरवाही का नतीजा ये है कि नदी के तट से लगती कॉलोनियों के सैकड़ों घर जलमग्न हो चुके हैं. भारी बारिश और पानी निकासी नहीं होने की वजह से शाहबाद विधानसभा की बाजीगर कॉलोनी में बाढ़ की स्थिति पैदा हो चुकी है. प्रशासन की लापरवाही के चलते यहां अब बाढ़ से हालात पैदा हो गए हैं. लोग पलायन करने को मजबूर हैं.
कोरोना माहामारी और बारिश की मार
बाढ़ आने पर पहले तो ये लोग मारकंडा मंदिर में शरण ले लेते थे, लेकिन अब कोरोना महामारी की वजह से उन्हें वहां भी शरण नहीं दी जा रही. दरअसल इस कॉलोनी के पास मारकंडा नाम का एक मंदिर है. ये मंदिर ऊंचाई पर स्थिति है. इसलिए यहां बाढ़ का पानी नहीं पहुंच पाता.
हर साल जब भी बाजीगर कॉलोनी में जलभराव होता है. तब यहां के लोग बाढ़ का पानी उतरने तक इस मंदिर में शरण लेते हैं. मंदिर प्रशासन की तरफ से इनके खाने और रहने का इंतजाम किया जाता है. लेकिन अब कोरोना महामारी की वजह से मंदिर प्रशासन ने इन ग्रामीणों को शरण देने से मना कर दिया है.
आश्वासन देकर सो गए अधिकारी!
हर साल की तरह इस साल भी प्रशासन के दावे खोखले ही साबित हुए. मानसून आने से पहले ईटीवी भारत हरियाणा ने बाढ़ प्रभावित इस क्षेत्र का जायजा लिया था और प्रशासन को चेताने की कोशिश भी की. तब यहां के बीजेपी विधायक राम करण काला ने आश्वासन दिया था कि सब ठीक है. किसी को परेशानी नहीं आने दी जाएगी. तब उपायुक्त ने भी दावा किया था कि सीवरेज व्यवस्था को दुरुस्त कर लिया गया है. लेकिन अब तस्वीरें दावों से बिल्कुल अलग है.
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फिलहाल तो यहां पानी भरे चार दिन से ऊपर हो चुके हैं. अभी तक लोगों को प्रशासन की तरफ से कोई मदद नहीं मिली है. फिलहाल यहां के बाशिंदों के पास उम्मीद के अलावा और कोई रास्ता भी नहीं है. शाहबाद विधानसभा के बीचो बीच बहने वाली मारकंडा नदी मॉनसून के दौरान विकराल रूप धारण कर लेती है. जिसकी वजह से नदी के साथ लगते इलाकों में जलभराव और बाढ़ की स्थिति पैदा हो जाती है. इसको लेकर हर साल प्रशासन अधिकारियों और नेताओं को अवगत करवाया जाता है. लोगों को आश्वासन तो मिलता है. लेकिन काम नहीं हो पाता.