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कुरुक्षेत्र: श्रीकृष्ण की विरह की पीड़ा में डूबी राधा तमाल वृक्ष को कृष्ण समझ करती थीं आलिंगन - तमाल के वृक्ष

तमाल के वृक्ष की छाया में भगवान श्री कृष्ण राधा रानी के साथ रासलीला किया करते थे. मान्यता है राधा कृष्ण की अनुपस्थिति में कृष्ण समझकर इस वृक्ष का आलिंगन किया करती थीं. आज भी ये वृक्ष राधा और कृष्ण के अगाध प्रेम की गाधा बयां करता है.

तमाल के वृक्ष की छाया में भगवान श्री कृष्ण राधा रानी के साथ रासलीला किया करते थे
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Published : Aug 22, 2019, 11:16 PM IST

Updated : Aug 22, 2019, 11:43 PM IST

कुरुक्षेत्रः बांके बिहारी लाल भगवान श्री कृष्ण के जन्मोत्सव पर हम आपको उनकी लीलाओं से जुड़े कुछ रोचक और दिलचस्प किस्से आज बता रहे हैं. मान्यता है कि महाभारत की रणभूमि धर्मनगरी कुरुक्षेत्र के ब्रह्मसरोवर के उत्तर तट पर भगवान श्री कृष्ण और राधा का मिलन हुआ. उत्तरी तट पर स्थित तमाल वृक्ष इस मिलन की आज भी गवाही दे रहा है.

तमाल के वृक्ष की छाया में भगवान श्री कृष्ण राधा रानी के साथ रासलीला किया करते थे

राधा-कृष्ण के अटूट प्रेम का साक्ष्य!

श्री कृष्ण और राधा के अटूट प्रेम का साक्षी ये वृक्ष धर्म नगरी के श्री व्यास गोरिया मठ में स्थित श्री राधा कृष्ण मिलन मंदिर में स्थित है. श्रीमद् भागवत पुराण के अनुसार द्वापर युग में भगवान श्री कृष्ण जब बलराम सहित गोकुल छोड़कर कंस वध के लिए मथुरा जा रहे थे, तब सभी गोपियां राधा रानी, यशोदा और नंद बाबा श्री कृष्ण के विरह में बहुत ही दुखी हुए थे. तब भगवान श्रीकृष्ण ने उन्हें वचन देते हुए कहा सभी गोकुल वासियों से एक बार मिलन अवश्य होगा.

श्री कृष्ण ने इसी वचन को निभाते हुए द्वापर युग में सोमवती अमावस्या के दिन जब पूर्ण सूर्य ग्रहण लगा था तो इस अवसर पर कुरुक्षेत्र स्थित ब्रह्मसरोवर के उत्तरी तट पर माता देवकी, पिता वासुदेव, नंद बाबा और सभी गोपियों सहित राधा रानी से मिले थे.

कृष्ण समझकर इस वृक्ष का आलिंगन करती थीं राधा!

निधिवन में तमाल के वृक्ष की छाया में भगवान श्री कृष्ण राधा रानी के साथ रासलीला किया करते थे. मान्यता है राधा कृष्ण की अनुपस्थिति में कृष्ण समझकर इस वृक्ष का आलिंगन किया करती थीं.

कहा जाता है कि इस वृक्ष की बनावट कुछ इस प्रकार की होती है कि इस वृक्ष की हर टहनी एक दूसरी टहनी के साथ ऊपर जाकर मिल जाती है. इस वृक्ष की टहनी जैसे-जैसे ऊपर की ओर बढ़ती है तो वो एक दूसरे के साथ लिपट जाती है और आलिंगन करती है, ठीक उसी प्रकार जैसे राधा और कृष्ण का अगाध प्रेम था.

कुरुक्षेत्रः बांके बिहारी लाल भगवान श्री कृष्ण के जन्मोत्सव पर हम आपको उनकी लीलाओं से जुड़े कुछ रोचक और दिलचस्प किस्से आज बता रहे हैं. मान्यता है कि महाभारत की रणभूमि धर्मनगरी कुरुक्षेत्र के ब्रह्मसरोवर के उत्तर तट पर भगवान श्री कृष्ण और राधा का मिलन हुआ. उत्तरी तट पर स्थित तमाल वृक्ष इस मिलन की आज भी गवाही दे रहा है.

तमाल के वृक्ष की छाया में भगवान श्री कृष्ण राधा रानी के साथ रासलीला किया करते थे

राधा-कृष्ण के अटूट प्रेम का साक्ष्य!

श्री कृष्ण और राधा के अटूट प्रेम का साक्षी ये वृक्ष धर्म नगरी के श्री व्यास गोरिया मठ में स्थित श्री राधा कृष्ण मिलन मंदिर में स्थित है. श्रीमद् भागवत पुराण के अनुसार द्वापर युग में भगवान श्री कृष्ण जब बलराम सहित गोकुल छोड़कर कंस वध के लिए मथुरा जा रहे थे, तब सभी गोपियां राधा रानी, यशोदा और नंद बाबा श्री कृष्ण के विरह में बहुत ही दुखी हुए थे. तब भगवान श्रीकृष्ण ने उन्हें वचन देते हुए कहा सभी गोकुल वासियों से एक बार मिलन अवश्य होगा.

श्री कृष्ण ने इसी वचन को निभाते हुए द्वापर युग में सोमवती अमावस्या के दिन जब पूर्ण सूर्य ग्रहण लगा था तो इस अवसर पर कुरुक्षेत्र स्थित ब्रह्मसरोवर के उत्तरी तट पर माता देवकी, पिता वासुदेव, नंद बाबा और सभी गोपियों सहित राधा रानी से मिले थे.

कृष्ण समझकर इस वृक्ष का आलिंगन करती थीं राधा!

निधिवन में तमाल के वृक्ष की छाया में भगवान श्री कृष्ण राधा रानी के साथ रासलीला किया करते थे. मान्यता है राधा कृष्ण की अनुपस्थिति में कृष्ण समझकर इस वृक्ष का आलिंगन किया करती थीं.

कहा जाता है कि इस वृक्ष की बनावट कुछ इस प्रकार की होती है कि इस वृक्ष की हर टहनी एक दूसरी टहनी के साथ ऊपर जाकर मिल जाती है. इस वृक्ष की टहनी जैसे-जैसे ऊपर की ओर बढ़ती है तो वो एक दूसरे के साथ लिपट जाती है और आलिंगन करती है, ठीक उसी प्रकार जैसे राधा और कृष्ण का अगाध प्रेम था.

Intro:जन्माष्टमी पर स्पेशल

महाभारत की रणभूमि धर्मनगरी कुरुक्षेत्र के ब्रह्मसरोवर के उत्तर तट पर भगवान श्री कृष्ण और राधा का मिलन हुआ था उत्तरी तट पर स्थित तमाल वृक्ष मिलन का साक्षी है
यहीं पर भगवान श्री कृष्ण यशोदा मैया नंद बाबा वह बड़े भाई बलराम सहित तमाम गोकुल वासियों के साथ मुलाकात की थी धर्म नगरी के श्री व्यास गोरिया मठ में स्थित श्री श्री राधा कृष्ण मिलन मंदिर में स्थित तमाल वृक्ष मिलन की गवाही दे रहा है यह वृक्ष राधा कृष्ण के अटूट प्रेम का प्रतीक माना जाता है श्रीमद् भागवत पुराण के अनुसार द्वापर युग में भगवान श्री कृष्ण जब बलराम सहित गोकुल छोड़कर कंस वध के लिए मथुरा जा रहे थे तब सभी गोपियां राधा रानी यशोदा और नंद बाबा श्री कृष्ण के विरह में बहुत ही दुखी हुए थे तब भगवान श्रीकृष्ण ने उन्हें वचन देते हुए कहा सभी गोकुल वासियों से एक बार मिलन अवश्य होगा।

श्री कृष्ण ने इसी वचन को निभाते हुए द्वापर युग में सोमवती अमावस्या के दिन जब पूर्ण सूर्य ग्रहण लगा था तो इस अवसर पर कुरुक्षेत्र स्थित ब्रह्मसरोवर के उत्तरी तट पर माता देवकी पिता वासुदेव और बलराम सहित वे सभी गोपियों राधा रानी और नंद बाबा को मिले थे वृंदावन के अलावा कहीं नहीं मिलता तमाल कई हाव्रिक्स मंदिर के पंडित ने बताया कि यह मंदिर स्थित माल ब्रिक्स वृंदावन के निधिवन में पाया जाता है कहा जाता है कि यह वह वृक्ष है जिसे राधा कृष्ण की अनुपस्थिति में कृषण समझकर इसका लिंगन किया करती थी निधिवन में तमाल के वृक्ष की छाया में भगवान श्री कृष्ण राधा रानी के साथ रासलीला किया करते थे कमाल का वृक्ष कुरुक्षेत्र की पावन धरा पर स्थित है कृष्ण की लीलाओं को संजोए है ।

बताया जाता है कमाल का यह वृक्ष वृंदावन के निधिवन के अलावा और कहीं नहीं पाया जाता इस वृक्ष की बनावट कुछ इस प्रकार की होती है कि इस वृक्ष की हर टहनी एक दूसरी टहनी के साथ ऊपर जाकर मिल जाती है इस वृक्ष की टहनी है जैसे-जैसे ऊपर की ओर बढ़ती है तो वह एक दूसरे के साथ लिपट जाती है और आलिंगन करती है ठीक उसी प्रकार जैसे राधा और कृष्ण का अगाध प्रेम था।

बाईट:-सुरेश मित्तल मंदिर के पंडित


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Last Updated : Aug 22, 2019, 11:43 PM IST
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