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हरियाणा में बढ़ी HIV संक्रमितों की संख्या, वजह जानकर हैरान हो जाएंगे आप

कोरोना मरीजों के बाद कुरुक्षेत्र में एड्स के मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ रही है. डॉक्टर्स के मुताबिक आजकल ट्रांसजेंडर भी अप्राकृतिक यौन संबंधों के कारण एचआईवी के लिए एक ट्रैफिकिंग का काम कर रहे हैं.

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Published : Jun 5, 2020, 12:51 PM IST

number of HIV positive patients
number of HIV positive patients

कुरुक्षेत्र: देश इस वक्त कोरोना वायरस से लड़ने की कोशिश कर रहा है, जिसके चलते सरकारी मशीनरी और स्वास्थ्य विभाग का पूरा फोकस कोरोना के मरीजों पर है. स्वास्थ्य विभाग के लिए एक तरफ कोरोना महामारी चुनौती बनी हुई है तो दूसरी तरफ कई दूसरी जानलेवा बीमारियां भी अब पैर पसार रही हैं. इनमें से एचआईवी यानी एडस के मरीज तेजी से बढ़ रहे हैं.

कुरुक्षेत्र में महिलाओं के मुकाबले पुरुष ज्यादा एचआईवी पॉजिटिव मिले हैं. जिले में एचआईवी पॉजिटिव के लगभग 1288 केस हैं. इनमें से 630 पुरुष, 558 महिलाएं और 12 ट्रांसजेंडर शामिल हैं. लगातार बढ़ रहे इन एचआईवी पॉजिटिव केस की मख्य वजह लोगों में जागरुकता की कमी बताया जा रहा है. एडस के मरीजों की संख्या में अब ज्यादा बढ़ोतरी हुई है.

साल 2018 में कुरुक्षेत्र के एलएनजेपी अस्पताल में करीब 10 हजार 703 लोगों ने सामान्य टेस्ट करवाया था. इनमें 8 हजार 386 गर्भवती महिलाएं थीं. जिसमें 83 पॉजिटिव केस सामने आए थे. जिनमें पांच गर्भवती महिलाएं भी शामिल थीं. साल 2019 की अगर बात की जाए तो 13 हजार 665 लोगों ने सामान्य टेस्ट करवाया था. जिसमें 9747 गर्भवती महिलाएं शामिल थीं. इनमें करीब 116 लोग पॉजिटिव पाए गए थे. जिनमें तीन गर्भवती महिलाएं भी शामिल थीं. जिले में अब तक कुल 1200 पॉजिटिव मामले हैं. जिनमें 12 ट्रांसजेंडर भी शामिल हैं. डॉक्टर के मुताबिक आजकल ट्रांसजेंडर भी अप्राकृतिक यौन संबंधों के कारण एचआईवी के लिए एक ट्रैफिकिंग का काम कर रहे हैं.

कोरोना के बाद तेजी से बढ़ रही HIV पॉजिटिव मरीजों की संख्या, क्लिक कर देखें रिपोर्ट

जागरुकता के अभाव के कारण अब नवजात भी इसकी चपेट में आ रहे हैं जिला अस्पताल के मेडिकल सुप्रिडेंट डॉक्टर शैलेंद्र मंगाई ने बताया कि हर महीने 1500 से 2000 लोग अस्पताल में जांच के लिए पहुंचते हैं. लगभग 12 से 13 लोग हर महीने पॉजिटिव मिल रहे हैं. बड़ी समस्या ये है कि डर और शर्मिंदगी की वजह से लोग जांच नहीं करवाते.

क्या है एचआईवी?

एचआईवी यानी हुमन इम्यूनिटी डिफिशिएंसी वायरस नाम का एक विषाणु है. जो बॉडी की इम्यून सिस्टम पर नकारात्मक प्रभाव डालता है और व्यक्ति के शरीर से उसकी प्रतिरोधक क्षमता को दिनों दिन कमजोर कर देता है. ये वायरस एड्स (AIDS) का कारण बनता है.

ये भी पढ़ें- हांसी और गोहाना को बनाया जा सकता है जिला, महेंद्रगढ़ का नाम बदलने पर भी चर्चा

मानव शरीर कि रक्षा प्रणाली को प्रतिरक्षा प्रणाली या इम्यून सिस्टम कहा जाता है. ये प्रतिरक्षा प्रणाली कई वायरस और बैक्टीरिया से मानव शरीर को लड़ने कि क्षमता प्रदान करती है. HIV इसी प्रतिरक्षा प्रणाली कि कोशिकाओं पर हमाला कर इसे कमजोर करता है. ये कोशिकाएं एक प्रकार कि श्वेत रक्त कोशिकाएं होती है जिन्हें सीडी4 (CD4) सेल्स भी कहा जाता है.

एचआईवी के कई अलग अलग प्रकार हैं. इन्हें दो मुख्य प्रकारों में वर्गीकृत किया जाता है:

एचआईवी-1: ये प्रकार दुनिया भर में पाया जाता है और सबसे आम है

एचआईवी-2: ज्यादातर पश्चिम अफ्रीका, एशिया और यूरोप में पाया जाता है

ऐसे हो सकता है एड्स

  • संक्रमित व्यक्ति से असुरक्षित यौन संबंधों के जरिए
  • संक्रमित व्यक्ति की इस्तेमाल की गई सुई के इस्तेमाल से
  • संक्रमित खून चढ़ाए जाने से
  • शरीर में किसी कटी हुई जगह पर संक्रमित द्रव्य के छूने से
  • एचआईवी संक्रमित महिला की संतान गर्भ और जन्म के समय या फिर स्तनपान के जरिए उस रोग का शिकार हो सकती है.

एचआईवी प्रभावित व्यक्ति की लार में भी होता है मगर इतना नहीं होता कि उससे संक्रमण फैल जाए. एक बार जब संक्रमित द्रव्य सूख जाए तो उससे संक्रमण फैलने का डर नहीं रहता है.

एड्स के लक्षण

  • वजन का काफी हद तक काम हो जाना
  • लगातार खांसी बने रहना
  • बार-बार जुकाम का होना
  • बुखार
  • सिरदर्द
  • थकान
  • शरीर पर निशान बनना (फंगल इन्फेक्शन के कारण)
  • भोजन से अरुचि
  • लसीकाओं में सूजन

एड्स के बारे में फैली हुई भ्रांतियां क्या हैं ?

बहुत सारे लोग समझते हैं कि एड्स पीड़ित व्यक्ति के साथ खाने, पीने, उठने, बैठने से हो जाता है जो कि गलत है. ये समाज में एड्स के बारे में फैली हुई भ्रांतियां हैं. सच तो ये है कि रोजमर्रा के सामाजिक संपर्कों से एचआईवी नहीं फैलता जैसे किः-

  • पीड़ित के साथ खाने-पीने से
  • बर्तनों की साझीदारी से
  • हाथ मिलाने या गले मिलने से
  • एक ही टॉयलेट का प्रयोग करने से
  • मच्छर या अन्य कीड़ों के काटने से
  • पशुओं के काटने से
  • खांसी या छींकों से
  • चुंबन से

क्या एचआईवी का इलाज है?

एचआईवी के लिए ना तो कोई टीका है और नही कोई इलाज है. एचआईवी को रोकने के लिए सबसे अच्छा तरीका है कि आप हर बार रोकथाम के तरीकों को अपनाएं. जैसे सुरक्षित यौन सम्बन्ध और जीवाणुरहित (स्टरलाइज़्ड) सुई का उपयोग करें

कुरुक्षेत्र में कहां होती है जांच?

जिले में कोई भी महिला और पुरुष 5 जगह पर अपनी एचआईवी संबंधित जांच करा सकता है. एलएनजेपी अस्पताल कुरुक्षेत्र, सीएचसी पिहोवा, सीएससी शाहाबाद और सीएससी लाडवा में निशुल्क जांच करा सकता है वहीं इस्माइलाबाद सीएससी में हाल ही में ये सुविधा शुरू की गई है.

कुरुक्षेत्र: देश इस वक्त कोरोना वायरस से लड़ने की कोशिश कर रहा है, जिसके चलते सरकारी मशीनरी और स्वास्थ्य विभाग का पूरा फोकस कोरोना के मरीजों पर है. स्वास्थ्य विभाग के लिए एक तरफ कोरोना महामारी चुनौती बनी हुई है तो दूसरी तरफ कई दूसरी जानलेवा बीमारियां भी अब पैर पसार रही हैं. इनमें से एचआईवी यानी एडस के मरीज तेजी से बढ़ रहे हैं.

कुरुक्षेत्र में महिलाओं के मुकाबले पुरुष ज्यादा एचआईवी पॉजिटिव मिले हैं. जिले में एचआईवी पॉजिटिव के लगभग 1288 केस हैं. इनमें से 630 पुरुष, 558 महिलाएं और 12 ट्रांसजेंडर शामिल हैं. लगातार बढ़ रहे इन एचआईवी पॉजिटिव केस की मख्य वजह लोगों में जागरुकता की कमी बताया जा रहा है. एडस के मरीजों की संख्या में अब ज्यादा बढ़ोतरी हुई है.

साल 2018 में कुरुक्षेत्र के एलएनजेपी अस्पताल में करीब 10 हजार 703 लोगों ने सामान्य टेस्ट करवाया था. इनमें 8 हजार 386 गर्भवती महिलाएं थीं. जिसमें 83 पॉजिटिव केस सामने आए थे. जिनमें पांच गर्भवती महिलाएं भी शामिल थीं. साल 2019 की अगर बात की जाए तो 13 हजार 665 लोगों ने सामान्य टेस्ट करवाया था. जिसमें 9747 गर्भवती महिलाएं शामिल थीं. इनमें करीब 116 लोग पॉजिटिव पाए गए थे. जिनमें तीन गर्भवती महिलाएं भी शामिल थीं. जिले में अब तक कुल 1200 पॉजिटिव मामले हैं. जिनमें 12 ट्रांसजेंडर भी शामिल हैं. डॉक्टर के मुताबिक आजकल ट्रांसजेंडर भी अप्राकृतिक यौन संबंधों के कारण एचआईवी के लिए एक ट्रैफिकिंग का काम कर रहे हैं.

कोरोना के बाद तेजी से बढ़ रही HIV पॉजिटिव मरीजों की संख्या, क्लिक कर देखें रिपोर्ट

जागरुकता के अभाव के कारण अब नवजात भी इसकी चपेट में आ रहे हैं जिला अस्पताल के मेडिकल सुप्रिडेंट डॉक्टर शैलेंद्र मंगाई ने बताया कि हर महीने 1500 से 2000 लोग अस्पताल में जांच के लिए पहुंचते हैं. लगभग 12 से 13 लोग हर महीने पॉजिटिव मिल रहे हैं. बड़ी समस्या ये है कि डर और शर्मिंदगी की वजह से लोग जांच नहीं करवाते.

क्या है एचआईवी?

एचआईवी यानी हुमन इम्यूनिटी डिफिशिएंसी वायरस नाम का एक विषाणु है. जो बॉडी की इम्यून सिस्टम पर नकारात्मक प्रभाव डालता है और व्यक्ति के शरीर से उसकी प्रतिरोधक क्षमता को दिनों दिन कमजोर कर देता है. ये वायरस एड्स (AIDS) का कारण बनता है.

ये भी पढ़ें- हांसी और गोहाना को बनाया जा सकता है जिला, महेंद्रगढ़ का नाम बदलने पर भी चर्चा

मानव शरीर कि रक्षा प्रणाली को प्रतिरक्षा प्रणाली या इम्यून सिस्टम कहा जाता है. ये प्रतिरक्षा प्रणाली कई वायरस और बैक्टीरिया से मानव शरीर को लड़ने कि क्षमता प्रदान करती है. HIV इसी प्रतिरक्षा प्रणाली कि कोशिकाओं पर हमाला कर इसे कमजोर करता है. ये कोशिकाएं एक प्रकार कि श्वेत रक्त कोशिकाएं होती है जिन्हें सीडी4 (CD4) सेल्स भी कहा जाता है.

एचआईवी के कई अलग अलग प्रकार हैं. इन्हें दो मुख्य प्रकारों में वर्गीकृत किया जाता है:

एचआईवी-1: ये प्रकार दुनिया भर में पाया जाता है और सबसे आम है

एचआईवी-2: ज्यादातर पश्चिम अफ्रीका, एशिया और यूरोप में पाया जाता है

ऐसे हो सकता है एड्स

  • संक्रमित व्यक्ति से असुरक्षित यौन संबंधों के जरिए
  • संक्रमित व्यक्ति की इस्तेमाल की गई सुई के इस्तेमाल से
  • संक्रमित खून चढ़ाए जाने से
  • शरीर में किसी कटी हुई जगह पर संक्रमित द्रव्य के छूने से
  • एचआईवी संक्रमित महिला की संतान गर्भ और जन्म के समय या फिर स्तनपान के जरिए उस रोग का शिकार हो सकती है.

एचआईवी प्रभावित व्यक्ति की लार में भी होता है मगर इतना नहीं होता कि उससे संक्रमण फैल जाए. एक बार जब संक्रमित द्रव्य सूख जाए तो उससे संक्रमण फैलने का डर नहीं रहता है.

एड्स के लक्षण

  • वजन का काफी हद तक काम हो जाना
  • लगातार खांसी बने रहना
  • बार-बार जुकाम का होना
  • बुखार
  • सिरदर्द
  • थकान
  • शरीर पर निशान बनना (फंगल इन्फेक्शन के कारण)
  • भोजन से अरुचि
  • लसीकाओं में सूजन

एड्स के बारे में फैली हुई भ्रांतियां क्या हैं ?

बहुत सारे लोग समझते हैं कि एड्स पीड़ित व्यक्ति के साथ खाने, पीने, उठने, बैठने से हो जाता है जो कि गलत है. ये समाज में एड्स के बारे में फैली हुई भ्रांतियां हैं. सच तो ये है कि रोजमर्रा के सामाजिक संपर्कों से एचआईवी नहीं फैलता जैसे किः-

  • पीड़ित के साथ खाने-पीने से
  • बर्तनों की साझीदारी से
  • हाथ मिलाने या गले मिलने से
  • एक ही टॉयलेट का प्रयोग करने से
  • मच्छर या अन्य कीड़ों के काटने से
  • पशुओं के काटने से
  • खांसी या छींकों से
  • चुंबन से

क्या एचआईवी का इलाज है?

एचआईवी के लिए ना तो कोई टीका है और नही कोई इलाज है. एचआईवी को रोकने के लिए सबसे अच्छा तरीका है कि आप हर बार रोकथाम के तरीकों को अपनाएं. जैसे सुरक्षित यौन सम्बन्ध और जीवाणुरहित (स्टरलाइज़्ड) सुई का उपयोग करें

कुरुक्षेत्र में कहां होती है जांच?

जिले में कोई भी महिला और पुरुष 5 जगह पर अपनी एचआईवी संबंधित जांच करा सकता है. एलएनजेपी अस्पताल कुरुक्षेत्र, सीएचसी पिहोवा, सीएससी शाहाबाद और सीएससी लाडवा में निशुल्क जांच करा सकता है वहीं इस्माइलाबाद सीएससी में हाल ही में ये सुविधा शुरू की गई है.

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