कुरुक्षेत्र: किसान आंदोलन पिछले 2 महीनों से चल रहा है. 26 जनवरी को किसान दिल्ली मे परेड कर सरकार को चेतावनी देने की बात कर रहे हैं, इसीबीच भारतीय किसान यूनियन के प्रदेश अध्यक्ष गुरनाम सिंह चढ़ूनी पर आरोप लगे हैं कि वो राजनीतिक संगठनों के साथ मिले हुए हैं, इसलिए वार्ता का कोई भी परिणाम नहीं निकल रहा. इसी मुद्दे के ऊपर ईटीवी भारत ने भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता स्वामी इंद्र से कुरुक्षेत्र में विशेष बातचीत की.
'नोटिस भेज दिया गया है, कल जवाब जवाब देना होगा'
इस बातचीत किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता स्वामी इंद्र ने कहा कि भारतीय किसान यूनियन के संयुक्त मोर्चे की तरफ से कल गुरनाम सिंह चढूनी को जुबानी नोटिस देकर सस्पेंड कर दिया गया है. उन्होंने कहा कि किसानों के सयुंक्त मोर्चे ने एक 5 सदस्य कमेटी बनाई है. जिसके सामने उन्होंने कल पेश होकर अपना स्पष्टीकरण देना है. अगर 5 सदस्य कमेटी को उनका स्पष्टीकरण सही लगा तो है पार्टी में ही रह सकते हैं. वरना उसको हमेशा के लिए भारतीय किसान यूनियन से अलग कर दिया जाएगा.
'आरोप है कि गुरनाम सिंह कांग्रेस नेताओं से मिलते हैं'
प्रवक्ता स्वामी इंद्र ने कहा कि दिल्ली बॉर्डर पर जो प्रदर्शन चल रहे हैं उसमें गुरनाम सिंह का एक अलग संगठन हरियाणा के नाम से धरना प्रदर्शन कर रहे हैं. जिसमें कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ नेता आकर उनसे मिलते हैं, इसलिए उनके ऊपर आरोप लगाया गया है कि कांग्रेस पार्टी के साथ काम कर रहे है. इसलिए वार्ता का कोई परिणाम नहीं निकल रहा. इसलिए उनको सस्पेंड कर दिया गया है.
'आरोप सही हैं तो किसानों का संगठन से भरोसा उठ जाएगा'
हमारी टीम ने जब स्वामी इंद्र से सवाल किया कि उनके ऊपर यह भी आरोप लगा है कि उन्होंने 10 करोड़ रुपए लिए हैं. तो इसके जवाब में स्वामी इंद्र ने कहा कि अगर संगठन के लिए कहीं से पैसा आया है तो उसमें कोई बुराई नहीं, अगर उन्होंने अपने निजी तौर पर यह 10 करोड़ लिए हैं तो यह शर्मनाक है. किसानों के संगठनों के लिए भी यह सही बात नहीं है, क्योंकि जो किसान और आम जनता लाखों की संख्या में किसानों के साथ हैं. उनका भी ऐसे संगठनों से विश्वास उठ जाएगा जो संगठनों के नाम पर अपने निजी बैंक बैलेंस बढ़ा रहे हैं.
'गुरनाम चढ़ूनी पर भड़काने वाले भाषण देने का भी आरोप है'
स्वामी इंद्र ने कहा कि गुरनाम सिंह चढूनी पर यह भी आरोप लगाए गए हैं कि वह हमेशा किसानों को भड़काने वाले भाषण देते हैं. जिससे जो किसानों के शांतिपूर्वक धरने चल रहे हैं. उसमें कोई हिंसक घटना हो जाए, लेकिन किसानों का संयुक्त मोर्चा ऐसा कुछ नहीं चाहता. वह शांतिपूर्ण तरीके से अपनी बात रखना चाहता है. उन्होंने 26 जनवरी के दिन भी संसद में बैठने की बात कही है. जबकि संयुक्त मोर्चा उसका समर्थन नहीं करता.
'हम शांति से दिल्ली रिंग रोड पर प्रदर्शन करना चाहते हैं'
उन्होंने कहा कि 26 जनवरी को हम अपना प्रदर्शन करना चाहते हैं. वो भी शांतिपूर्ण तरीके से करना चाहते हैं, क्योंकि यह राष्ट्र का मामला है. हम सिर्फ सरकार और दिल्ली पुलिस से इजाजत मांग रहे हैं कि हमें रिंग रोड पर अपने प्रदर्शन करने की इजाजत दी जाए. अपने 26 जनवरी को अपने तिरंगे के नीचे मनाने की इजाजत दी जाए.