कुरुक्षेत्र: धर्मनगरी कुरुक्षेत्र में नाग पंचमी पर मंदिरों में नाग देवता की पूजा की गई. प्राचीन मंदिर थानेश्वर में सवा लाख शिवलिंग बनाकर शंकर भगवान की भी पूजा की गई. प्राचीन मंदिर नाग पंचमी पर नाग पूजा करने के लिए कुरुक्षेत्र लोकसभा के सांसद नायब सिंह सैनी भी पहुंचे.
इस दौरान नायब सिंह सैनी ने मिट्टी के बनाए हुए सवा लाख शिवलिंग की पूजा अर्चना की. वहीं मंदिर के आचार्य शिव प्रसाद ने बताया कि नितिन मिट्टी के सवा सौ शिवलिंग बनाकर उनकी पूजा-अर्चना करने से चौक से मुक्ति मिलती है और इस कोरोना काल में पूरे विश्व की शांति और रोग मुक्ति के लिए ये पूजा अर्चना सवा सौ शिवलिंग बनाकर कुरुक्षेत्र के प्राचीन स्थानेश्वर मंदिर में की गई है.
बता दें कि नाग पंचमी बिहार, बंगाल, उड़ीसा और राजस्थान में लोग कृष्ण पक्ष में ये त्यौहार मनाते हैं, जबकि देश के बाकी हिस्सों में श्रावण शुक्ल पंचमी को ये पर्व मनाया जाता है. सावन भगवान शिव का प्रिय महीना कहा जाता है. इस महीने में धरा बेहद खूबसूरत हरी-भरी और साफ नजर आती है.
इसलिए मनाया जाता है नाग पंचमी
नागपंचमी सावन माह के प्रमुख त्यौहारों में से एक है. इस दिन शिव शंकर के गले के आभूषण यानी नागों की पूरी श्रद्धा से पूजा अर्चना की जाती है. कहा जाता है कि शिवजी भी प्रसन्न होकर भक्तों की मनोकामना पूर्ण करते हैं. भविष्य पुराण के अनुसार सागर मंथन के दौरान नागौर ने अपनी माता की बात नहीं मानी थी, जिसके चलते उन्हें श्राप मिला था. नागों को कहा गया था कि वे जन्मेजय की आग में जलकर भस्म हो जाएंगे.
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घबराए हुए नाथ ब्रह्मा जी की शरण में पहुंचे और उनसे मदद मांगने लगे. तभी ब्रह्मा जी ने कहा कि नागवंश में महात्मा जरत्कारु के पुत्र आस्तिक सभी नागों की रक्षा करेंगे. ब्रह्मा जी ने ये उपाय पंचम तिथि को बताया था. वहीं आस्तिक मुनि ने सावन मास की पंचमी तिथि को नागों को यदि जलाने से बचाया था.